जोधपुर की यात्रा-3
जोधपुर की यात्रा-1
जोधपुर की यात्रा-1
अंकल जी का वीर्य अपनी चूत में फील करते ही मुझे एक बार फिर से उत्तेजना का ज्वार उठा और मैं फिर से झड़ गयी.
प्यार एक छोटा सा शब्द है जिसके जितने भी मायने निकाले जाएँ कम होंगे।
वो हुस्न की कोई परी नहीं थी। न ही वो मेरे उम्र की थी.. मुझसे सतरह साल छोटी उस लड़की को मैं कैसे और किस लिए पसंद आया.. ये मेरी समझ से बाहर है। उसका नाम था नीलम..
मेरी और मेरी सहेली की चूत की कामुकता-2
‘जीजू, बहुत चालू हो आप!’ कहकर हंसने लगी वो!
चाची ने मुझे सीने से लगा लिया और थपथपा कर छोटे बच्चे जैसे सुला दिया।
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अन्तर्वासना के पाठको.. नमस्कार!
प्रेषिका : शालिनी
सन्ता अपने दोस्तों के साथ एक रात को बाहर चला गया।
मेरी जवानी की हवस की कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मेरी कामवासना की आग ने मुझे कोई तगड़ा जानदार लंड खोजने पर मजबूर कर दिया. मुझे मनचाहा लंड मिल भी गया.
भाभी का गर्भाधान
देसी कहानी का पहला भाग: खेत खलिहान में देसी छोरियों का यौवन का खेल-1
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आआह… क्या नज़ारा था! दुनिया की सबसे सुन्दर लड़की, मेरी वाइफ एक साथ दो-दो मोटे-मोटे टोपों को अपनी नर्म, गुलाबी जीभ से चाट रही थी… ये शानदार था! ये गज़ब था!! क्या नज़ारा था…
दोस्तो, यह मेरी दीदी की चुदाई की सच्ची सेक्सी कहानी है।
माला चित होकर लेट गई, मैंने उसे उसी तरह डिल्डो से चोद दिया जैसे मैं खुद चुदी थी।
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अन्तर्वासना के सभी पाठकों को संजय का नमस्कार ! दोस्तो, मेरी कहानियों को आपने इतना पसंद किया उसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !
जब भी दर्दनाक लहर मेरे जिस्म में फूटती तो साथ ही मस्ती भरी मीठी सी लहर भी तमाम जिस्म में दौड़ जाती। दर्द ओर मस्ती के दोनों एहसास जैसे पिघल कर एक साथ धड़कते और फिर जुदा होते और फिर एक बार दोनों एहसास आपस में पिघल कर मिल जाते।
लेखिका : कामिनी सक्सेना
प्रिय अन्तर्वासना पाठको