मकान मालकिन की रण्डी बनने की चाहत-3
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मेरे प्यारे दोस्तो.. जैसा कि मैंने आपको अपनी कहानी के पिछले भाग में बताया था कि कैसे मुझे एक गैर आदमी ने अपनी बाहों में जकड़ कर मेरी वासना को जगाया था.. और मुझे धकापेल चोदने लगा था।
हैलो फ्रेन्ड्स, मेरा नाम अजय है. मैं अन्तर्वासना की देसी सेक्स स्टोरीज का बहुत बड़ा फैन हूँ. दस साल से में अन्तर्वासना से जुड़ा हुआ हूँ. मैं अपनी मामी की चुदाई की कहानी लिख रहा हूँ. उनकी कमर दर्द ने मामी को मुझसे कैसे चुदवा दिया. इस देसी सेक्स स्टोरी का मजा लीजिएगा. चूंकि मैं स्टोरी पहली बार भेज रहा हूँ. तो गलतियों को नजरअंदाज कीजिएगा.
मैं राकेश रवर, उम्र 25 साल है, मैं गुजरात से हूँ और अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, अन्तर्वासना की हर कहानी पढ़ कर बहुत अच्छा लगता है और मन करता है कि मैं भी अपनी कहानी लिखूँ।
हमारे साथ जो कुछ गलत होता है, अनर्थ होता है। उसके पीछे हमारी गलत सोच ही अपनी अहम भूभिका निभाती है। हम अपनी गलती का कभी स्वीकार नहीं कर पाते और दूसरों पर दोष थोपकर किनारा कर जाते हैं।
अब तक की इस हिंदी सेक्स कहानी में आपने जाना था कि मेरी शक्ल देख कर शायद मेरे भैया के बॉस का मन फिसल गया था तो उन्होंने भैया को एक बड़ी पोस्ट का ऑफर दे दिया था.
दोस्तो,
दोस्तो! मेरा नाम नीरज है, मैं आपको अपनी मॉम की सेक्स स्टोरी बताता हूँ। मेरी मॉम की उम्र लगभग 45 साल होगी, वो बहुत ही सुंदर और सेक्सी है। मेरे पिता बाहर रहते हैं घर में मैं और मॉम ही होते हैं।
अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज के पाठकगण!
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प्रेषक : प्रेम सिंह सिसोदिया
हाई स्वीटहार्ट !
अरूण मेरे बिल्कुल नजदीक आ गये। मेरी सांस धौंकनी की तरह चलने लगी। अरूण ने चेहरा ऊपर करके अपने होंठ मेरे होठों पर रख दिया। आहहहह… कितना मीठा अहसास था। उम्म्म्म्म… बहुत मजा आ रहा था। मेरी आँखें खुद-ब-खुद बन्द हो गई।
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सारिका कंवल
लेखिका : कामिनी सक्सेना
दोस्तो.. मैं आपका प्यारा साथी कुणाल.. मैं बहुत पहले से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मुझे अन्तर्वासना की करीब-करीब सारी कहानियाँ अच्छी लगी हैं.. इसलिए मैंने भी सोचा कि मैं भी आपके साथ अपनी एक रोचक एवं मनोरंजक कहानी साझा करूँ।
सरिता 18 साल की छरहरी बदन की गोरी देसी लड़की थी, अल्हड़ जवानी का रंग बदन में दिखाई पड़ रहा था. गाँव के एक अमीर किसान के घर पर काम करती थी, उनका नाम रमेश था, करीब 45 साल का अधेड़ था, बदन गठीला था, काफी जमीन थी और पैसे की कमी नहीं थी, घर पर ही दिन भर रहता था.
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मैं चाहती थी कि वो पहले मुझे चूमे चाटे और मेरे शरीर के सारे अंगों को सहलाए और उन्हें प्यार करे,
अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ने वाले सभी मित्रों और भाभियों को कुमार का नमस्कार. जिन्होंने मेरी पहले की कहानी
मेरी प्यासी चूत की कहानी के पहले भाग
प्रेषक : समीर
मेरे अत्यंत प्रिय पाठक-पाठिकाओ,