Incest Sex Story – एक भाई की वासना -50
सम्पादक – जूजा जी
सम्पादक – जूजा जी
Amrit Kund jaisi Chut ka Ras
हेलो दोस्तो, अन्तर्वासना के सभी मित्रो को मेरा नमस्कार। यह मेरी पहली और सच्ची कहनी है।
अन्तर्वासना के पाठकों को अंश बजाज का नमस्कार!
मेरी सेक्स स्टोरी हिंदी के पिछले भाग
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Bhavana Ka Yaun Safar-1
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मैं शौर्य सिंह जालंधर पंजाब का रहने वाला हूँ, अच्छा गठीला बदन है मेरा…
आज मेरी बीवी कई साल बाद मेरे सामने किसी दूसरे लंड से चुदने वाली थी। इसी को सोच कर मेरा लंड अपनी पूरी औकात में अकड़ा जा रहा था।
प्रेषक : डिक लवर
पाठको, आपके साथ-साथ मैं भी अन्तर्वासना की कहानियों का लुत्फ़ उठाता हूँ। एक कहानी मेरी ओर से भी आपको अर्पित है। इसकी प्रेरणा एक काल्पनिक पात्र ‘रति कन्या’ पर आधारित है। कहानी एक माला के सामान है, जिसके फूल सदियों से चले आ रही ‘नारी-पुरुष वासना’ या काम-मय सृष्टि की वास्तविकता है। बस नाम वगैरह बदल दिए जाते हैं। आशा है, अर्पित दो भाग, जो अपने आप में भी पूरी कहानी है, आपका मन बहलायेगें। यदि आपने इन्हें पसंद किया, तो आगे और शृंखला-बद्ध कहानियाँ भेजूंगा।
दोस्तो,
Chachi Ki Chudas Ka Ilaj-5
दोस्तो! सनी का आप सब को फ़िर से खुली गांड से प्रणाम!
दोस्तो, मैं बबलू, मेरी पिछली कहानी
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दोस्तो, आप सबका तहे दिल से धन्यवाद कि आपने मेरी आपबीती तथा अड़ोस-पड़ोस में घटित घटनाओं
प्रेषक – नन्द कुमार
लेखिका: लीना वर्मा
तो अब मेरे हाथ भी गियर संभालते संभालते उसकी अंडरवियर तक जा पहुँचे। वो उत्तेजना के मारे और पसर गई मैंने भी अब आहिस्ता से अपना हाथ उसकी अंडरवियर में सरका दिया और जैसे ही मैंने उसकी घनी, काली, घुंघराले और मुलायम बालों वाली चूत को स्पर्श किया, उसके मुख से गहरी सिसकारियाँ निकलने लगी। अब मेरे लिए सड़क पर ध्यान लगाना मुश्किल हो रहा था, उसकी चूत सहलाते सहलाते अचानक स्पीड ब्रेकर की वजह से गियर बदलने की वजह से मुझे उसकी चूत में से हाथ बाहर हटाना पड़ा तो वो उत्तेजना में इतनी पागल हो गई कि अपने कूल्हे ऊँचे उठा कर अपनी चूत को गियर के हत्थे में घुसा दिया और रगड़ने लगी।
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“इंसान भविष्य से इतना अंजान न रहता तो… काश मुझे पता होता कि एक दिन तुम पहली बार मेरी चूत को चाटोगे तो अब तक दसियों मौके मिले थे तुमसे चटवाने के। बल्कि जवान होने से पहले ही तुमसे चटवाती और चुद रही होती।”
रात को खाना खाने के बाद मैं घूमने के बहाने छत चला गया और पिंकी का इंतजार करने लगा, मगर काफी देर तक इन्तजार करने के बाद भी पिंकी छत पर नहीं आई। आखिरकार थक कर मैं वापस नीचे आकर सो गया।