पप्पू और आधार कार्ड
और बनाओ आधार कार्ड
और बनाओ आधार कार्ड
अब एक तरफ तो पापा धीरे धीरे धक्के लगा रहे थे और उनके दोनों हाथ अब कभी मम्मी के अमृत कलशों पर, कभी कमर पर, कभी पीठ पर चल रहे थे और उनके होंठ मम्मी के होंठों से चिपके हुए थे, कभी पापा के होंठ मम्मी के गालों पर फिसल जाते तो कभी गर्दन पर और कभी गर्दन के पीछे वाले भाग पर, कभी कानों पर आ जाते तो कभी कंधों पर तो कभी मम्मी की छाती पर आकर लगातार अपना काम किये जा रहे थे, जिससे पूरे कमरे में पुच पुच की आवाज आ रही थी।
Bathroom Ka Band Darwaja Khola-4
दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है.
दोस्तो, मैं संचित ठाकुर फिर हाजिर हूँ अपने एक नई Hindi sex stroy के साथ…
मेरे मोहल्ले में एक मोटर ट्रैक्टर सुधारने की वर्कशॉप थी जिसे पठान चाचा चलाते थे।
कहानी का पिछले भाग
Mama ki Naukrani ki Choot Chudai
सम्पादक – इमरान
हैलो मेरा नाम ऋतेश है। मैं भोपाल का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 21 साल है मैं MBA कर रहा हूँ। मेरा जिस्म सामान्य है.. मेरा लंड 6.5 इंच लम्बाई का है और 2 इंच मोटा है।
तभी सुनील ने मेरी कमर पकड़ी और मुझे अपनी गोद में खींच लिया और बोला- आज तो देख ही लिया जाए, तुम आगे-पीछे, ऊपर-नीचे से कितनी अच्छी हो..!
प्रेषक : समीर
सभी पाठक पाठिकाओं को मेरा प्यार भरा नमस्कार !
अब तक की इस चुदाई की कहानी में आपने पढ़ा कि चाचा और मनोहर दोनों मेरी गांड और चुत में लंड घुस्से हुए मुझे धकापेल चोद रहे थे.
अब तक आपने पढ़ा…
हैलो दोस्तो, मैं अरुण..
हॉट भाभी से सेक्स की मेरी इस कहानी के पहले भाग
मैं यहाँ पहली बार अपनी आपबीती बताने जा रही हूँ जब मैंने पहली बार सेक्स किया था !
मेरा नाम अपूर्व गुप्ता है। मैं दिखने में ठीकठाक लगता हूँ, उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर का रहने वाला हूँ।
नमस्कार दोस्तो, मैं मयंक, आपके लिए एक मजेदार हिंदी में देसी सेक्स स्टोरी लेकर हाज़िर हूँ. आशा करता हूँ आप लोगों को मेरी यह देसी कहानी पसंद आएगी. अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है. मैं उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का रहने वाला हूँ और मैं अन्तर्वासना का पिछले 5 साल से पाठक हूँ. मुझे अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ने में बहुत मजा आता है. आज मैं आप लोगों के साथ अपना और अपनी प्रेमिका के सेक्स का अनुभव साझा करने आया हूँ. पुनः आशा करता हूँ आप लोगों को मजा आएगा.
रिश्तों में चुदाई की मेरी कहानी के पहले भाग
यह उस समय की बात है जब मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली रहने के लिए गया था। रोहिणी में मैंने किराये पर एक कमरा और रसोई ले रखी थी। खुद ही पका कर खाता था। नौकरी की तलाश चल रही थी। मेरा एक दोस्त था कबीर। उम्र मेरे जितनी ही थी चौबीस साल। वो अपनी माँ के साथ मेरे बगल वाले कमरे में रहता था। उसके पास भी एक कमरा और रसोई ही थे। उसकी नौकरी एक प्राइवेट कंपनी में लगी हुई थी और वो मेरी नौकरी के लिए भी मेरे साथ था। मुझे दिल्ली आये तीन महीने हो चुके थे और पर नौकरी थी कि मिल ही नहीं रही थी। मैं अक्सर इस बात के लिए परेशान रहता था।
हैलो फ्रेंड्स, मैं जेसिका क्लार्क (बदला हुआ नाम) एक बार फिर उपस्थित हूँ नई कहानी के साथ!
अन्तर्वासना के तमाम पाठकों को मेरे प्यासे लण्ड का प्रणाम है। मेरा नाम धीरेन्द्र राठौर है, मैं झान्सी का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 23 बरस है, मेरे लण्ड का साईज 6 इन्च है।
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