रिसेप्शनिस्ट नैना की चुदाई
प्रेषक : रॉकी
प्रेषक : रॉकी
मुम्बई के एक एरिया में एक भाई रहता था, उस एरिया के सभी लोग उसे गबरू भाई कह कर बुलाते थे, उसक इलाके में उसी की हुकूमत चलती थी। उस एरिया में जो भी लफड़ा होता था, पुलिस से पहले उसे गबरू भाई की अदालत में ले जाया जाता था।
हैलो फ्रेंड्स, अन्तर्वासना में आपका स्वागत है।
प्रेषक : राकेश कुमार
फिर एक दिन सभी ने निर्णय लिया कि घर के अंदर हम पाँचों में से कोई भी एक कपड़ा भी नहीं पहनेगा, यदि कोई भी कपड़े पहने हुए दिख गया तो उसे 500/- का फाइन भरना पड़ेगा।
नमस्कार दोस्तो, रश्मि की कहानी
उसका लौड़ा तो इतना लंबा-चौड़ा था ही बल्कि वो खुद भी कितना मजबूत और ताकतवर था। इस तरह उल्टी लटके हुए उसका लौड़ा चूसते हुए और उससे अपनी चूत और गाँड चटवाते हुए मैं उत्तेजना से पागल हो गई।
बॉस ने मेरी चूची चूसते हुए रुक कर कहा- अच्छा हुआ आकांक्षा कि तुमने मेरी इस कुतिया बीवी को भी चुदवा दिया। अब मैं खुल कर तुम्हारे साथ चूत चुदाई का खेल सकूंगा।
छवि और सोनाली की चुदाई
पर-पुरुष सम्मोहन से आगे:
प्रेषिका : श्रुति
🔊 यह कहानी सुनें
मेरी चाची की चुदाई की कहानी के पहले भाग
हेलो दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का कई सालों से पाठक रहा हूँ मैंने इस सेक्स कहानी साइट की लगभग सभी कहानियाँ पढ़ी हैं तो मैंने भी सभी की तरह सोचा कि मैं भी अपनी चुदाई की कहानी भेजूँ!
🔊 यह कहानी सुनें
🔊 यह कहानी सुनें
ट्रेन के डिब्बे में माहॉल शांत होता जा रहा था क्योंकि रात काफ़ी हो चली थी और अधिकतर लोग सोने लगे था या सोने की तैयारी कर रहे थे। मैं भी सोने की कोशिश करने लगा पर नींद थी कि आने का नाम ही नहीं ले रही उधर लॅंड कुछ देर पहले के सीन को याद कर के टनटनाता जा रहा था। फिर धीरे धीरे मेरी भी पलकें भारी होने लगी। जैसे ही नींद का झोंका आया तभी लगा कि किसी ने मुझे उठा दिया है। आँखे खोली तो आंटी सामने खड़ी थी और फिर वो बाथरूम की तरफ चली गयी। मैं उसे देखता ही रहा, समझ मैं नही आ रहा था कि क्या करना चाहिए। तभी उसने पलट कर देखा और मुझे पीछे आने का इशारा किया। मैं उसके पीछे पीछे टाय्लेट में जा घुसा। शुक्र था किसी ने देखा नहीं। उसने मेरे अंदर घुसते ही दरवाज़ा बंद कर दिया और झट से मेरा लंड पकड़ लिया। लंड तो पहले से टनटनाया हुआ था। उसने मेरी पैंट खोल कर नीचे खिसका दिया और गीला अंडरवेयर भी नीचे कर दिया। फिर उसे कसके पकड़ के उपर नीचे करने लगी पर मुझे कभी कभी दर्द भी होता क्योंकि लौड्ा तो खड़ा होने के बाद बिल्कुल पेट से जा लगता था। और किसी ने उसकी इस तरह मालिश नहीं की थी। आंटी ने अब अपना चेहरा मेरे लंड पर झुकाया तो मैं बोला कि ये गंदा हो रहा है मैने अभी इससे नही धोया है।
मेरे पाठक दोस्तो, मेरा नाम राज है और मैं भी आप ही की तरह अन्तर्वासना सेक्स कहानी का नियमित पाठक हूँ. मैंने इस साईट पर बहुत से लोगों की कहानियां पढ़ीं और हमेशा सोचता रहा कि कब मुझे अपनी कहानी डालने का मौका मिलेगा. आख़िरकार कुछ महीनों पहले वो मौका आ गया.
हवसनामा सीरीज की पहली कहानी थी: मेरी तो ईद हो गयी
🔊 यह कहानी सुनें
मैंने सुहाना से आगे की कहानी बताने का आग्रह किया तो सुहाना ने बताना शुरू किया- दो दिन बीतने के बाद हम दोनों हनीमून मनाने गोवा की ओर चल दिये।
सम्पादक – जूजा जी
दोस्तो, मैं राज सिंह आप लोगों के लिए एक गरमा-गरम देसी पोर्न कहानी लेकर आय़ा हूँ. यह मेरी इस साईट पर पहली कथा है, आशा करता हूँ आपको यह पसंद आएगी.
मेरी यह कहानी सच्ची है. मैं अन्तर्वासना की कहानियाँ वर्षों से पढ़ता था और सोचता था कि कब मुझे चुदाई करने का मौका मिलेगा.