बुर की सील तुड़वाई स्कूटी सीखकर
दोस्तो, यह कहानी उन सबकी कहानी है जिन्होंने अपने अपोज़िट सेक्स वालों से स्कूटी चलानी सीखी है या सिखाई है।
दोस्तो, यह कहानी उन सबकी कहानी है जिन्होंने अपने अपोज़िट सेक्स वालों से स्कूटी चलानी सीखी है या सिखाई है।
दोस्तो, मैंने पिछले दिनों अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ीं तो मेरा भी मन हुआ कि मैं भी अपने अनुभव आपके साथ बाटूँ। मैं आपको अपने बारे में बताती हूँ.
अब तक आपने पढ़ा..
दोस्तो, मेरा नाम पायल है। अन्तर्वासना पर भेजी गई एवं प्रकाशित होने वाली यह मेरी दूसरी स्टोरी है और मैं उम्मीद करती हूँ कि यह आप सभी को बहुत पसंद आएगी।
अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि संजय अपनी मुँहबोली बहन की बेटी यानि भांजी पूजा को बिस्तर पर लिटा कर उसकी चुत चाट कर उसको मजा दे रहा था। मजा रस को लेकर अब पूजा भी कहने लगी थी कि उसको भी ये रस चाट कर मजा लेना है।
कार में वसुन्धरा ने मुझसे कोई बात नहीं की अपितु सारे रास्ते वसुन्धरा अधमुंदी आँखों के साथ मंद-मंद मुस्कुराती रही, शायद उन लम्हों को मन ही मन दोहरा रही थी. वसुन्धरा के रुख पर रह-रह कर शर्म की लाली साफ़-साफ़ झलक रही थी. वसुन्धरा की आँखें बार-बार झुकी जा रही थी, होठों पर हल्की सी मुस्कान आ गयी थी और माथे पर लिखा 111 कब का विदा ले चुका था, आवाज़ में से तल्ख़ी गायब हो चुकी थी और उस के हाव-भाव में आक्रमकता की बजाये एक शालीनता सी आ गयी थी.
अभी तक मेरी गे सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि रवि के साथ खेत में घूमने गया जहां उसने ट्यूबवेल की हौद में मेरी गांड की चुदाई की।
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हम लोग शहर की घनी आबादी के एक मध्यम वर्गीय मुहल्ले में रहते थे। वहां लगभग सभी मकान दो मंजिल के और पुराने ढंग के थे और सभी घरों की छतें आपस में मिली हुई थी। मेरे घर में हम मिया बीवी के साथ मेरी बूढ़ी सास भी रहती थी। य्ह कहानी मेरे पड़ोस में रहने वाले एक लड़के राज की है जो पिछ्ले महीने से ६-७ हमारे साथ वाले घर में किराये पर रहता था। राज अभी तक कुंवारा ही था और मेरा दिल उस पर आ गया था।
दोस्तो, मैं सुनील, अभी कुछ दिन पहले ही मैंने अपने कहानी भेजी थी, जिसका शीर्षक था, मेरी बीवी का जवाब नहीं!
हैलो दोस्तो,
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ठीक 6:30 पर मेन-गेट खुलने की आवाज आई, मैंने खिड़की से देखा कि शचित आ गये हैं।
अब तक आपने पढ़ा..
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19 साल की ही तो हुई थी मैं, जब मुझे कुछ रुपयों रूपये के बदले में पैंतालीस साल के सेठ नवीन कुमार को बेच दिया गया था। भले लोग कहते रहें कि मेरी शादी हुई थी लेकिन उस दिन मैं बेची गई थी।
मेरा नाम क्रिश है। और मैं दिल्ली का रहने वाला हूं। मेरी उमर १९ साल है। मैं पढ़ता हूं और मुझे लड़कियों को पटाने में बहुत मजा आता है। मैने लड़कियों को पटाना 18 साल की उमर से शुरु किया था और मुझे लड़कियों के साथ सेक्स करने में बहुत मजा आता है। ये मेरी पहली कहानी है।
आप “कानून के रखवाले” कहानी के ग्यारह भाग पढ़ चुके हैं !
सब लोगों को मंगू जी का प्रणाम ! मैं अपनी कहानी बता रहा हूँ। मैंने अपनी अड़तालीस साल की उम्र में ऐसा अनुभव नहीं किया था।
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि अपने शहर वापस आने के बाद मुझे किस्मत ने फिर से रायपुर मोनी के घर पहुंचा दिया. रायपुर पहुंचने के बाद मैंने मोनी के घर जाने से पहले ही कॉन्डोम का पैकेट ले लिया था और रात को जब सोने का समय हुआ तो …
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हैलो दोस्तो, जूजा का आप सब को प्यार भरा नमस्कार..
सम्पादक – इमरान
नमस्कार मित्रों, मेरा नाम जयेश है। मैं महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। अन्तर्वासना की बहुत सी कहानियाँ मैंने पढ़ीं हैं, अन्तर्वास ना की कहानियाँ पढ़ कर मैंने कई बार मुठ भी मारी है। मैं अन्तर्वासना के सभी लेखकों का बहुत बड़ा प्रशंसक भी हूँ।