वासना और सेक्स में सिर्फ चूत चुदाई का रिश्ता है
प्यारे दोस्तो, आज आपके लिए पेश है मामा भांजी के सेक्स की एक काल्पनिक कहानी जो सिर्फ आपके मज़े के लिए लिखी गई है।
प्यारे दोस्तो, आज आपके लिए पेश है मामा भांजी के सेक्स की एक काल्पनिक कहानी जो सिर्फ आपके मज़े के लिए लिखी गई है।
यह समस्या एक पाठिका ने भेजी है और इमेल प्रकाशित करने से मना किया है तो आप अपने विचार डिस्कस कमेंट्स में ही लिखें!
हैलो दोस्तो, मैं अलेग्जेंडर लिओन हूँ. ये मेरी सेक्स लाइफ की शुरूआत की कहानी है.
कामिनी सक्सेना
दोस्तो मेरा नाम राउफ है और मैं दिल्ली के जमनापार इलाके में रहता हूँ।
अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार.. मेरी पिछली कहानी को आप सबसे मिले प्रोत्साहन के लिए मैं आप सब लोगों का आभारी हूँ।
मैंने कहा- जान मोहब्बत सिर्फ़ हासिल करने का नाम नहीं है बल्कि मौहब्बत कई बार कुर्बानी भी मांगती है।
🔊 यह कहानी सुनें
लेखिका- रुचिका
प्रेषक : अभिनय
प्रेषक : अशोक
नमस्कार दोस्तो, मैं कमल जालंधर से फिर एक नई कहानी आपकी नज़र कर रहा हूँ।
सम्पादक जूजा
हैलो दोस्तो, अब कई सारे राज खुल गए हैं, हाँ कुछ दोस्तो को गोपाल का सुमन से कनेक्शन जानना है, तो आपको वो भी बहुत जल्दी पता चल जाएगा, फिलहाल जहाँ रुके थे वहीं से आप आगे देखो.
मेरे प्यारे मित्रो, मैं दिल्ली से शिशिर हूँ और यह इस अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज साइट पर मेरी पहली कहानी है।
चोदन हर किसी की चाहत और जरूरत है.
बहुत देर से रेलवे आरक्षण की लम्बी कतार में खड़े रहने के बाद अब मैं खिड़की के काफी क़रीब पहुँच चुका था।
नमस्कार दोस्तो,
मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग
अब तक आपने पढ़ा..
यह कहानी हमारे ही मोहल्ले में राशन की दुकान चलाने वाले असगर मियां की है। उम्र है करीब 60 साल। सफ़ेद लंबी दाढ़ी, मगर एक बलिष्ठ बदन! देख कर लगता है कि जवानी में खूब कसरत की होगी। बीवी का इंतकाल हुए बरसों हो गए। बच्चे सब अपने अपने काम धंधे में लगे हैं, इसलिए मियां असगर अकेले ही रहते हैं। दुकान के पीछे ही उनका घर है, घर क्या बस दो कमरे हैं।
मेरी चोदन कहानी के पिछले भाग
कुंवारी भाभी की कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि मुझे अपने ऊपर झुका देख कर मेरी इस हरकत का एहसास तो भाभी को भी हो गया था, पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं थी, तो मैंने भी मौके का फायदा उठाकर अपना एक हाथ उनके उभरे हुए वक्ष पर रख दिया. भाभी के मम्मों पर हाथ रखते ही मैंने किस करना बंद कर दिया और अपना चेहरा ठीक उनके चेहरे के सामने करके रुक गया. थोड़ी देर तक जब मैंने कोई हरकत नहीं की, तो उन्होंने अपनी आंखें खोलीं. मेरा चेहरा ठीक अपने चेहरे के सामने पाकर भाभी ने तुरंत ही फिर से आंखों को बंद कर लिया. कुछ सेकेंड बाद उन्होंने फिर से आंखें खोल कर मेरी तरफ ऐसे देखा जैसे पूछ रही हों कि क्या हुआ रुक क्यों गए?
हैलो दोस्तो, मेरा नाम शादाब है और मैं दिल्ली में रहता हूँ। आज मैं आपको अपनी नफ़ीसा चाची की बात बताने जा रहा हूँ कि कैसे उसने मुझे अपने हुस्न के जलवे लुटाये और मुझे एक लड़के से मर्द बनाया।
रात को मैं छत पर मोमबत्ती लेकर नग्न घूमने के बाद नीचे पहुँची और अपनी आप बीती लिख कर सबसे पहले इंटरनेट पर उन दोस्त को बताया कि मैंने कर दिखाया !