दोस्त के पापा ने मां की चूत चोद दी – Fantasy Sex Story
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अचानक से आनन्द ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और चूसने लगा।
अब तक आपने पढ़ा..
मैंने हिंदी में देसी चुदाई की कहानी की बेस्ट साईट अन्तर्वासना की कई सेक्स स्टोरी पढ़ी हैं. मैंने सोचा कि मैं अपनी भी कहानी लिख कर आप सभी से साझा करूँ.
लेखिका : कामिनी सक्सेना
मौसी मेरे कान में बोलीं- भाभी है, कुछ चूत का खेल खेल ! दोनों बहनें एक ही घर में रहेंगी तो अच्छा रहेगा, पूरी दौलत की मालकिन हो जाएगी।
अब तक आपने पढ़ा..
‘हाँ, अंकल, मैं जल्दी ही उठती हूँ न, वो मोर्निंग वाक की आदत है! अपने लिए चाय बनाई तो सोचा कि आपको भी पिला दूँ… यहाँ आकर देखा तो आप अपनी सुबह वाली कसरत कर रहे थे! हा… हा… हा!’ कहकर वो हंसने लगी।
लेखिका : दिव्या डिकोस्टा
दोस्तो, मैं आलिया हूँ.. मेरी उम्र 25 साल है। मेरी शादी को अभी कुल 3 साल हुए हैं। शादी से पहले मैं एक छोटे से गाँव में रहती थी। शादी के बाद अहमदाबाद अपने शौहर के साथ रहने आई। यह अपनी सच्ची कहानी आपके सामने रख रही हूँ।
सभी मचलती चूतों और खड़े लण्डों को विशू तिवारी का नमस्कार! दोस्तो, मैं अन्तर्वासना की कहानियाँ विगत 4 वर्षों से पढ़ रहा हूँ. अन्तर्वासना में प्रकाशित सभी कहानियाँ बहुत ही अच्छी हैं. जहाँ तक मेरा मानना है कि इसमें प्रकाशित लगभग सभी (90 प्रतिशत तक) कहानियाँ बिल्कुल सत्य हैं.
हमने जो पैकेज चुना था उसके मुताबिक वो आठ लौड़े बदल-बदल कर हमारे लिये हाज़िर रहेंगे ताकि एक घंटे तक एक वक्त में बिना रुकावट उनमें से कोई भी दो लौड़े हमारी खिदमत में मौजूद हों।
“यहां न बन पाये तो कह देना कि लखनऊ में करोगी। यहां मैं नौकरी की भी सेटिंग करा दूंगा, रहने की भी और लड़के की भी। रोज ही करना तब.. घर में कोई विरोध करे तो कह देना कि या तो शादी ही करा दो या फिर नौकरी करने दो, क्योंकि घर पर खाली नहीं बैठ सकती। बाकी उन्हें मैं कनविंस कर लूंगा।”
जैसे ही मैं अपनी कार से बाहर निकली तो वहाँ खड़े सारे लड़के मुझे ऐसे घूरने लगे जैसे मुझे वहीं पकड़ कर चोद देंगे।
नमस्कार दोस्तो,
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मेरा नाम रविन्द्र है। मैंने अन्तर्वासना की सभी कहानी पढ़ी हैं और अपनी कहानी कहने की हिम्मत कर रहा हूँ।
दोस्तो, मैं नेहा गुप्ता आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ जो मेरी आपबीती है। कहानी की शुरुआत करने से पहले मैं बता दूँ कि मेरी उम्र 21 साल है और मेरी फिगर 32-28-34 है।
अब हम दोनों एक-दूसरे को अपनी बांहों में जकड़े हुए थे और एक दूसरे को ‘आय लव यू’, ‘आय लव यू’ कह रहे थे।
कहानी का पिछला भाग : संतान के लिए परपुरुष सहवास -1
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मेरा नाम यवनिका है और मैं एक ऐसी लड़की हूँ जिसे उपहार पसंद हैं।
अगला सारा दिन मैंने मन ही मन चिढ़ते कुढ़ते हुए गुज़ारा। जो कुछ और जितना कुछ प्रिया के साथ रातों को हो रहा था, उस से ज़्यादा
कहानी का पिछ्ला भाग: मुन्नू की बहन नीलू-1
जवानी के दौर में हर लड़के के दिमाग में चुदाई के अलावा कोई ख़याल आता ही नहीं है। यह वह समय होता है जब उसका लंड उसका सबसे प्रिय खिलौना होता है। मौका मिलते ही वो उसके साथ खेलने लगता है।