दीदी की गाण्ड चाटी और चोदी
रॉक राजपूत
रॉक राजपूत
हाय दोस्तो.. कैसे हैं आप सब। आप सबका मैं बेहद शुक्रगुजार हूँ कि आपने मेरी कहानियों को सराह कर मेरा हौंसला और मान दोनों बढ़ाया।
प्रेषक : युवराज
बीच बीच में वो मुझे प्रेम भरे चुम्बन देता… धीरे धीरे उसके धक्के तेज़ होने लगे … चूत में मुझे खिंचाव महसूस होने लगा… खुद ब खुद मैं उसके धक्कों से ताल से ताल मिला कर… उसका ज्यादा से ज्यादा लण्ड अपने भीतर लेने की कोशिश करने लगी… मेरी कोमल काया, उसके पसीने से भरे बलिष्ठ शरीर के नीचे दबी हुई कसमसा रही थी.. आनन्द अब अपनी चरम सीमा तक पहुँच रहा था..
🔊 यह कहानी सुनें
आरती उठ बैठी और अपने बालों को लपेट कर जूड़ा बना लिया और बेड पर नंगी ही बैठ गई और वत्सला को खींच कर लिटा दिया।
प्रेषक : लव यू जे
हैलो, कैसे है सब, मेरा नाम है जग! मैं राजस्थान के जयपुर शहर से हूँ। मेरी उम्र 24 है। मेरी लंबाई 5’4″ है। दिखने में भी ठीक ठाक हूँ, अभी में मुम्बई में हूँ, यहाँ मेरा खुद का छोटा सा बिजनेस है।
Tanha Ladkiyon Auraton ki Khushiyan
(एक प्रतिष्ठित बिजनेस वुमन, जो आज 35 वर्ष की है, के मेल पर आधारित)
मैं सोच रही थी कि बेहोशी में ही सही, पापा जी का लम्बा और मोटा लंड मेरी चूत में जा चुका है।
अब तक आपने पढ़ा..
सुबह नींद समय पर ही खुल गयी, पल्लवी नंगी ही उठी और बाथरूम के अन्दर घुस गयी और मैं पलंग पर लेटकर उसका इंतजार करता रहा।
दोस्तो, मेरा नाम अर्शदीप कौर है, मैं पंजाब के फिरोज़पुर जिले के एक गांव की रहने वाली हूँ। मैं बहुत ही चुदक्कड़ और हवस की पुजारिन हूँ और बहुत सारे लड़कों, शादीशुदा मर्दों और बूढ़ों के लंड अपनी चूत और गांड में लेकर अपनी गर्मी निकाल चुकी हूँ।
कहानी का दूसरा भाग : कट्टो रानी-2
🔊 यह कहानी सुनें
सम्पादिका : तृष्णा
दोस्तो, मेरा नाम अभिषेक यादव है मैं गाँव का रहने वाला हूँ। बीएससी करने के लिये मैं गाँव छोड़कर गाज़ीपुर शहर चला आया। मैं पढ़ाई की शैली और शरीर की बनावट, इन दोनों में निपुण हूँ।
दोस्तो, मेरी पिछली कहानी
सुनीता मेरे मुंह पर ही झड़ गई, मैंने चाट चाट कर उसकी चूत साफ़ कर दी, उसकी चूत चूसते हुए लंड तो मेरा भी खड़ा हो गया था पर उस वक़्त चुदाई नहीं हो सकती थी।
🔊 यह कहानी सुनें
प्रेषक : अमित दुलेरा
रोहण अपने तबादले पर कानपुर आ गया था। उसे जल्द ही एक अच्छा मकान मिल गया था। अकेला होने के कारण उसे भोजन बनाने, कपड़े धोने, घर की सफ़ाई में बहुत कठिनाई आती थी। संयोगवश उसे अपने मन की नौकरानी मिल ही गई।
और बनाओ आधार कार्ड
अंजलि कुंवारी है… यह सोच कर ही मेरा लंड बेकाबू हो रहा था. उसे तो अब बस बुर चाहिये थी!