पड़ोस के सलीम भाईजान-1
नमस्ते दोस्तो, मेरी पिछली कहानी
नमस्ते दोस्तो, मेरी पिछली कहानी
नई जवानी थी … कुछ ही देर में वो फिर से तरोताज़ा था।
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बाथरूम में जाकर कुछ देर लंड को सहलाया और समझाया कि जल्द ही तुझे एक कुंवारी चूत का रस पीने को मिलेगा। जब लंड नहीं समझा तो उसको जोर जोर से मसलने लगा।
प्रेषक – टॉम ब्वॉय
कामिनी सक्सेना
नमस्कार, दोस्तो, मैं रवि आप का एक बार फिर से स्वागत करता हूँ, और आप सभी का धन्यवाद करता हूँ कि अपने मेरी कहानियों को पढ़ कर मुझे बहुत प्यार दिया।
मैंने रोशनी को घोड़ी बनाया और पीछे से लंड दुबारा उसकी चूत में उतार दिया और लगभग बारह मिनट की जबरदस्त चुदाई की।
हम ऑटो लेकर होटल पार्कव्यू पहुँचे, वहाँ हमें सूट नम्बर 205 के सामने पहुँचा दिया गया। शीतल ने डोर बेल पर ऊँगली रखी। बेल की आवाज़ हुई। कुछ देर बाद दरवाजा थोड़ा सा खुला। उसमें से आनन्द का चेहरा दिखा।
सुबह उठा तो देखा के साली साहिबा नहा धोकर फ्रेश होकर घूम रही थी।
बॉस जीवन के कहने के बाद मैं तैयार हुई और हम दोनों ने एक रेस्टोरेन्ट में लंच किया, फिर ऑफिस गये, वहां पहुंच कर जीवन ने ड्राइवर से गाड़ी की चाबी ली और उसे छुट्टी दे दी।
कार में लंड चुसाई की कहानी
अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि सुमन के पापा ने उसको मॉल में ले जाकर किसी दूसरे की बेटी के लिए कह कर सुमन से ही उसके लिए बहुत शॉपिंग करवा ली थी।
दोस्तो ! सबसे पहले गुरु जी को कोटि-कोटि प्रणाम, जिनकी दया दृष्टि से मुझ जैसे नाचीज़ की चुदाई के किस्से अन्तर्वासना में छपे और मुझे लोगों का इतना प्यार प्राप्त हुआ ! चैट पर मुझे कई लौड़ों ने संपर्क किया और मुझे से कई प्रश्न पूछे गए ! सो दोस्तों और सभी पाठकों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत प्यार ! सभी कह रहे हैं,”सनी यार ! अपनी किसी और चुदाई के बारे लिखो !” मुझे पाठकों को निराश नहीं करना है क्यूंकि मैं गांड तो खूब मरवाता हूँ लेकिन हर किस्सा तो नहीं बताया जा सकता ! फिर भी मैं आपको नवीनतम चुदाई के बारे में अब बताने जा रहा हूँ !
अब मन में वह दुविधा भी नहीं बची थी, कि यह क्यों हो रहा है, और वह उसे होने दे कि नहीं, बस जो हो रहा है, सो हो रहा है। वह उसे होने दे रही है। इसे होने देने के सिवा और कोई रास्ता नहीं। इसी के लिए तो आई है। और फिर शरीर स्वयं ही आगे बढ़कर रतिक्रिया का जवाब दे रहा है, तो वह क्या करे। यह मजबूरी है, पर उसकी खुद की चुनी हुई। जब यही होना है तो वह क्यों न इसका आनन्द ले!
नमस्कार दोस्तो, कहानी की अगली कड़ी लेकर मैं एक बार फिर आप सबके सामने हाजिर हूँ। अभी हम कहानी के आखरी पड़ाव में नहीं हैं, बल्कि शुरुआत में ही पहुंचे हैं। जो कुछ भी आपने अभी तक पढ़ा वह महज कहानी की भूमिका थी। जो कहानी के अगले हिस्सों से जुड़ी हुई है।
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लेखक : सनी
हैलो फ्रेंडस.. मेरा नाम प्रीति सिंह है और मेरी सेक्स स्टोरी मैं आप लोगों को सुनाने जा रही हूँ.. यह मेरे जीवन का पहली बार का सेक्स था।
दोस्तो, मेरी यह पहली कहानी है जो मैं अन्तर्वासना डॉट कॉम पर भेज रही हूँ।
लेखिका : कमला भट्टी
मैं अपनी सहेली की उत्तेजना पर मुस्कुरा पड़ी- ठीक है रानी, पहले एक एक पेग और हो जाए ! पहले पेग पीएँगे फिर मैं तुझे चोदूँगी। देख तेरी चूत कैसे फड़फडा रही है चुदने से पहले !
अभी तक मेरी गन्दी कहानी में आपने पढ़ा कि मैं अपने दोस्त के खाली घर में दो लड़कियों के साथ था और एक कुंवारी लड़की रेशमा की बुर में लंड अभी घुसाया ही था.
मेरी बीवी ने अपने मुँह को खोल दिया और उसके लौड़े का झड़ रही पिचकारी का पूरा रस अपने मुँह में लेना शुरू कर दिया।
सम्पादक – इमरान