कॉल ब्वॉय के साथ बितायी पूरी रात
🔊 यह कहानी सुनें
🔊 यह कहानी सुनें
मैंने नाश्ता किया और अभी क्लाइंट के पास पहुँचा भी नहीं था कि फ़ोन बज गया, दिव्या का था- बड़े जालिम हो तुम राज…
मैं भगवानदास (20) उर्फ भोगू का आप सभी के खड़े लंडों को नमस्कार और चटकती चुतों को दंडवत प्रणाम.
सम्पादक : इमरान
🔊 यह कहानी सुनें
नमस्कार दोस्तो, यह अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी है।
अर्न्तवासना के पाठकों को साहिल का प्रणाम! प्रिय पाठको, अर्न्तवासना पर यह मेरी पहली कहानी है देसी लड़की की बुर चुदाई की.
मैं राज दिल्ली से हूँ। मैं एक कंप्यूटर इंजिनियर हूँ, और यहाँ जॉब करता हूँ। यह नोन वेज स्टोरी मेरे जीवन की एक महत्वपूर्ण घटना है जिसे मैं आज आप सबके साथ शेयर करना चाहता हूँ। मैं पहली बार अपनी कहानी पेश कर रहा हूँ। आप मेरे किरदार और उनकी परिस्थिति को समझ सकें, उसके लिए बीच बीच में आस पास की चीज़ों का अंदाज़ा लगवाने की कोशिश मैं करूँगा।
हेल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम सुनीता है. मैं अपने मम्मी पापा के साथ रहती हूँ. मैं घर का काम करती हूँ और कभी कभी मम्मी को स्कूटी से बाजार करवाने के लिए लेकर जाती हूँ.
मेरा नाम क्रिश है। और मैं दिल्ली का रहने वाला हूं। मेरी उमर १९ साल है। मैं पढ़ता हूं और मुझे लड़कियों को पटाने में बहुत मजा आता है। मैने लड़कियों को पटाना 18 साल की उमर से शुरु किया था और मुझे लड़कियों के साथ सेक्स करने में बहुत मजा आता है। ये मेरी पहली कहानी है।
प्रेषक : वसीम
आप सब ने मेरी पिछली कहानी
हाय दोस्तो.. आप सब के क्या हाल-चाल हैं? आपने मुझे थोड़ा भी रेस्ट नहीं लेने दिया.. मेरे पास कितने ईमेल आए कि नई कहानी जल्दी लिखो.. तो लो आप सब दोस्तों के लिए मैं नई कहानी लेकर आ गई..
आपने अब तक पढ़ा..
दोस्तो, मेरा नाम राज शर्मा है. मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच है और मैं अच्छी पर्सनेलिटी का आदमी हूँ. मैं केवल अपने अनुभव ही लिखता हूँ, जो पाठकों को अच्छे लगते हैं.
तो अब मेरे हाथ भी गियर संभालते संभालते उसकी अंडरवियर तक जा पहुँचे। वो उत्तेजना के मारे और पसर गई मैंने भी अब आहिस्ता से अपना हाथ उसकी अंडरवियर में सरका दिया और जैसे ही मैंने उसकी घनी, काली, घुंघराले और मुलायम बालों वाली चूत को स्पर्श किया, उसके मुख से गहरी सिसकारियाँ निकलने लगी। अब मेरे लिए सड़क पर ध्यान लगाना मुश्किल हो रहा था, उसकी चूत सहलाते सहलाते अचानक स्पीड ब्रेकर की वजह से गियर बदलने की वजह से मुझे उसकी चूत में से हाथ बाहर हटाना पड़ा तो वो उत्तेजना में इतनी पागल हो गई कि अपने कूल्हे ऊँचे उठा कर अपनी चूत को गियर के हत्थे में घुसा दिया और रगड़ने लगी।
पायल ने मेरे साथ न केवल चूमा-चाटी में मेरा सहयोग आरम्भ कर दिया था.. बल्कि वो खुद भी अब इसका मजा लेने लगी थी। उसने मेरा लौड़ा भी अपने हाथ से मुठियाया था। इस बार हम दोनों ही अपने प्रेमयुद्ध में स्खलित हो गए थे।
इमरान
सम्पादक जूजा
प्रिय अन्तर्वासना पाठको
प्रेषक : अशोक कुमार
प्रेषक : जोर्डन
प्रेषक : सुशील कुमार शर्मा
लेखिका: लीना वर्मा
एक बार फिर मैं लव आप सभी प्यारे पाठकों का स्वागत करता हूँ अपनी कहानी ‘काजल की चुदाई’ के अंतिम भाग में।