गोरी फिरंगन चूत में काला बैंगन सा लण्ड
एक बार मैं अपने एक दोस्त के साथ ऋषिकेश गया.. वहाँ काफ़ी तादाद में योग और भोग का असली आनन्द लेने बहुत से विदेशी लोग भी आते हैं।
एक बार मैं अपने एक दोस्त के साथ ऋषिकेश गया.. वहाँ काफ़ी तादाद में योग और भोग का असली आनन्द लेने बहुत से विदेशी लोग भी आते हैं।
कहानी का पहला भाग : मामा के घर भाई से चूत चुदाई-1
दोस्तो, मैं आपकी सहेली ममता, अभी मेरी पिछली कहानी
हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम नेहा है. मैं अपनी एक दूसरी कहानी आपको बता रही हूँ. इस कहानी में मैं अपनी सहेली से दोस्ती की और हम दोनों में इतनी अधिक दोस्ती हो गयी कि मैं अपनी सहेली के भाई से चुद गयी.
मेरी टीचर ने मुझे पढ़ाई के बहाने से सेक्स कहानियों की किताब देकर पढ़वाई और फिर मुझे अपनी वासना का खिलौना बनाना चाहा, मेरे मुँह में अपना लन्ड चुसवाया, फिर मैंने खुद गुड्डे गुड़िया की शादी का खेल खेलने के बहाने से अपनी दीदी के बेटे, उसके दोस्त और अपनी मौसी के लड़के से अपनी कामुकता का इलाज करवाने का सोचा, पर मेरे पड़ोस के एक चाचा और उनके दो दोस्तों ने मुझे देख लिया था. फिर उन तीनों ने मुझे खूब चोदा. ये सब मेरी इस कहानी का हिस्सा है.
आज मैं आपको एक रोमांटिक और प्यारी सी सेक्स कथा बताने जा रहा हूँ।
मेरी पिछली कहानी
एक लड़का अपने माता-पिता को सेक्स करते देखा तो बोला- यह क्या कर रहे हैं?
हाय दोस्तो, मैं शशिकांत राठौर.. उम्र 29 वर्ष.. ऊँचाई 5’8”.. रंग सांवला.. लंड साइज बहुत बड़ा है।
रश्मि जो डॉक्टर नेहा से कहना चाहती थी वो नहीं कह पाई।
Das Saal Bad Sahi Chudai Hui
प्रेषक : आसज़
दोस्तो मेरा नाम है यश … और मैं दिल्ली का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 28 वर्ष है, हाइट 5 फीट 6 इंच है. मेरे लंड का साइज 7 इंच है. सभी जवान लड़कियों भाभियों और आंटियों को मेरे खड़े लंड की तरफ से प्रणाम. मैं अन्तर्वासना का रेगुलर पाठक हूं. कहानियां पढ़ते-पढ़ते आज मेरा भी दिल किया कि मैं भी आपको अपनी एक सच्ची घटना बताऊं.
हाय दोस्तो, मेरा नाम रोहित है। मैं बीए कर रहा हूं। मेरी उमर बीस वर्ष की है। मैं इन्दौर में रहता हू। मैं आपको मेरी पहली सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूं।
पिताजी बोले- बेटा, फैक्ट्री में ज्यादा काम की वजह से तुम दोनों हनीमून के लिये नहीं गये। यह बात मेरी समझ में आती है पर कम से कम एक दिन को बहु को कहीं बाहर घुमा लाओ।
दोस्तो, इस चुदाई की कहानी में अब तक आपने जाना कि नम्रता आंटी और अंजू दोनों ही मुझे पसंद करने लगी थीं।
तो दोस्तो, अब फिर एक बार मेरी ठुकाई की तैयारी पूरी हो चुकी थी, मेरे चोदू यार ने मेरी टाँगें उसने एक बार फिर अपने डौलों पर धर लीं और मेरी तह लगा दी मगर उसने खुद लौड़ा अंदर नहीं डाला और मुझसे बोला- डाल जट्टीये अपने आप अंदर!
यह कहानी मेरी एक परिचिता की है.. सीधे उनकी स्मृतियों के झरोखों से उनकी कलम से उनकी कहानी को जानिए।
दोस्तो, अब तक आपने एक पाठिका और उसकी दीदी से मेरी मुलाकात गलतफहमियों और नजदीकियों के साथ, काल्पनिक चुदाई की शुरुआत और औरत के दर्द के बारे में उनके विचारों को पढ़ा। इस कहानी पर मुझे आप सबके विचार प्राप्त हो रहे हैं, ऐसा ही प्यार बनाये रखिए।
अब तक आपने पढ़ा..
सुनीता की शादी होने के बाद एक बार फिर से मैं तन्हा हो गया था, मैं चाहकर भी सुधा या सुनीता से नहीं मिल सकता था क्योंकि मैं नहीं चाहता था मेरी वजह से उनको कोई परेशानी हो इसी तरह से मेरे दिन कट रहे थे। पर मेरे नसीब में तो कुछ और ही लिखा था, सुनीता की शादी के 2 महीने बाद ही मेरे साथ एक और रोमांचकारी घटना घटी, इस घटना को अपने शब्दों में पिरो कर एक बार फिर मैं आपके सामने आया हूँ।
सम्पादक – इमरान
मैं अन्तर्वासना का पिछले तीन साल से पाठक हूँ !
होटल में मुझे अपनी पुरानी पहचान वाली मिल गई थी उसके पति के साथ मैंने उसे चोदा और उसकी इच्छानुसार बहुत सारे लौड़ों से चुदने की उसकी इच्छा के लिए व्यवस्था बनानी शुरू कर दी..
प्रेषक : अरुण