अगस्त 2016 की लोकप्रिय कहानियाँ
प्रिय अन्तर्वासना पाठको
प्रिय अन्तर्वासना पाठको
मैंने नई जॉब ज्वाइन की थी, वहां मेरी दोस्ती राज से हुई, हम काफ़ी अच्छे दोस्त बन चुके थे.
आज मैं आपको अपनी दीदी की चुदाई की एक ऐसी गंदी कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसे पढ़ने के बाद आप जानेंगे कि किस तरह से एक आदमी अपने एक एहसान का बदला एक रात उसके साथ चुदाई करके चुकता करता है.
दरअसल अन्तर्वासना की वजह से सेक्स, उत्तेजना और कामुकता को पसंद करने वाले लड़के-लड़कियाँ, स्त्री-पुरुष को एक मंच मिल गया है जिसमें इस विषय को पसंद करने वाले लोग आपस में जुड़ रहे हैं और अपने विचारों का आदान-प्रदान कर रहे हैं।
हेल्लो दोस्तों! मेरा नाम सोनिया है। मैं पंजाब में रहती हूँ। मैं काफी लंबे समय से अपनी बात, अपना अनुभव आपसे बाँटना चाहती थी। अब मैं शादीशुदा हूँ, पिछले महीने मेरी शादी हुई। लेकिन ये अनुभव जो आपके साथ बाँटना चाहती हूँ ये शादी से कुछ महीने पहले का है। दोस्तो, मुझे सेक्स के बारे में पता तो था पर यह नहीं पता था कि लड़कियां आपस में भी सेक्स को एन्जॉय कर सकती हैं।
प्रेषक : विकास कुमार
वो जिस्म की आग से तप रही थी। उसने मुझे अपनी ओर खींचा जैसे कह रही हो- मेरे जिस्म में समा जाओ !
दोस्तो, मेरी पिछली वाइफ स्वैपिंग कहानी
प्रेषक : राज
यह कहानी नहीं, सच है लेकिन कहानी के रूप में !
दोस्तो, लड़की को सिड्यूस (कामोत्तेजित) करने में बड़ा मजा आता है. बस उसको कामोत्तेजित करने का तरीका ठीक होना चाहिए. मैंने अपने घर की नौकरानी को ऐसे ही कामोत्तेजित करके खूब चोदा. आज मैं आप सब को वही कहानी सुनाने जा रहा हूँ. मेरा नाम है विजय. मेरे घर में उलूल-जुलूल नौकरानियों के बाद एक दिन बहुत ही सुन्दर नौकरानी काम करने के लिए आई. वह बहुत ही खूबसूरत थी. सुन्दर होने के साथ-साथ वह सेक्सी भी लग रही थी. उसकी हाइट मीडियम थी, बदन सुडौल था. उसका फीगर 33-26-34 का रहा होगा. वह शादीशुदा भी थी.
एक बेहद खूबसूरत लड़की ….जिसे देख कर ही लण्ड पानी छोड़ दे, इतना कमसिन बदन था उसका !
नेता की बीवी की चुदाई-1
प्रेषक : विजय पण्डित
मुझे चूत चुदवाने में मज़ा आता है तो आता है
दोस्तो, इस कहानी के प्रथम भाग
अब तक आपने पढ़ा..
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। कहानियाँ पढ़कर कई बार दिल हुआ अपनी आप बीती सुनाने का लेकिन आज मौका मिला तो आपको अपनी एक सच्ची कहानी बताऊँगा।
प्रेषक : रिन्कू
जैसे ही राशि के पेपर हो गए और राशि फिर से अपने शहर आ गई। अपने शहर में आते ही राशि को बेहद खालीपन महसूस होने लगा। उसको रेखा के साथ का मज़ा सताने लगा। चूत का कीड़ा उसको अब बेहद बेचैन रखता था। उसकी निगाहें अब सिर्फ लण्ड देखने को बेचैन रहती थी। वो उस आग में जल रही थी जिसे सिर्फ और सिर्फ एक मस्त लण्ड ही ठंडी कर सकता था। वो हर रात अपनी पैंटी उतार कर अपनी चूत रगड़ती और अपना पानी निकालती।
अब तक आपने पढ़ा..
सुनीता ने सुनील का लिंग मुँह में ले लिया, मैंने रवि का! सुशील अकेला था तो सुनील ने उसको पास बुलाया और सुनील ने सुशील का लिंग मुँह में ले लिया। सब मजे कर रहे थे।
पिछले भाग में आपने पढ़ा…
नमस्कार साथियो.. मैं विकी सक्सेना.. मैं कॉलेज में स्टडी करता हूँ।
सम्पादक – जूजा जी