कमाल की हसीना हूँ मैं-46
शहनाज़ खान
शहनाज़ खान
सभी अन्तर्वासना के पाठकों को सोनू भाई का नमस्कार। यह मेरी अन्तर्वासना पर चुदाई की पहली कहानी है।
आपने मेरी कहानी
दोस्तो, मेरा नाम अभिषेक यादव है मैं गाँव का रहने वाला हूँ। बीएससी करने के लिये मैं गाँव छोड़कर गाज़ीपुर शहर चला आया। मैं पढ़ाई की शैली और शरीर की बनावट, इन दोनों में निपुण हूँ।
हाय दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ. मेरा नाम अनिकेत है.. मैं भिलाई से हूं. मैं 5 फुट 11 इंच की हाइट का एक बहुत ही गोरा और एथलीट बॉडी का मालिक हूँ. मेरे लंड का साइज भी ख़ास बड़ा है. ये नपा हुआ 6.5 इंच लम्बा और 2.5 के पाइप जितना मोटा है.
मेरे प्रिय दोस्तो,
मेरे घर में 5 लोग रहते हैं। मॉम-डैड, दीदी, मेरा छोटा भाई और मैं। मेरे डैड एक बिजनेसमैन हैं, हमारा कॉटन मिल है। मेरी मॉम हाउसवाइफ हैं। दीदी का अभी MBA कंप्लीट हुआ है और उसकी शादी की तय हो चुकी है। मैं BA कर रहा हूँ।
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प्रिय पाठको, आपने मेरी पहली कहानी को जिस तरह नवाज़ा उनके लिए आपका भोपाली तहेदिल से शुक्रगुज़ार है। अब आगे..
प्रेषक : समीर खान
मैंने हिम्मत दिखाते हुए कहा- मैं तुमको नंगी देखना चाहता हूँ और इसलिये तुम अपने कपड़े मेरे सामने उतारकर फ्रेश होने जाओ।
मैं कुछ समय से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ।
मेरी यह कहानी सच्ची है. मैं अन्तर्वासना की कहानियाँ वर्षों से पढ़ता था और सोचता था कि कब मुझे चुदाई करने का मौका मिलेगा.
राजकुमार
आप सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार.. मैं 30 साल का गुना मध्यप्रादेश से अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ।
हैलो, मेरा नाम पिंकी है.. मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ और एक कॉल सेण्टर में जॉब भी करती हूँ।
जब भी दर्दनाक लहर मेरे जिस्म में फूटती तो साथ ही मस्ती भरी मीठी सी लहर भी तमाम जिस्म में दौड़ जाती। दर्द ओर मस्ती के दोनों एहसास जैसे पिघल कर एक साथ धड़कते और फिर जुदा होते और फिर एक बार दोनों एहसास आपस में पिघल कर मिल जाते।
फ्रेंड्स, मेरा नाम विशाल है। मैं बी.टेक. फाइनल ईयर में हूँ। यह कहानी मेरी और मेरी बहन की है। मैं अपनी बहन को काफी दिनों से चोद रहा हूँ। इसके बारे में मैं आपको अगली कहानियों में बताऊंगा कि हम दोनों के बीच सेक्स और चुदाई की शुरूआत कैसे हुई। जब से बहन के साथ सेक्स करना शुरू किया था उसके बाद से ही बात अब काफी बढ़ चुकी थी. अब तो लगभग रोज ही चुदाई होती है। मेरी बहन भी मुझे काफी पसंद करती है. बिना चुदे उससे रहा नहीं जाता।
अन्तर्वासना की आदरणीय पाठिकाओं एवं पाठकों को तृष्णा का अभिनंदन.
मैं तो उसके मुंह से ऐसी रंडी वाली भाषा सुनकर दंग रह गया। साली पूरी रंडी ही बन चुकी थी। बड़े बेफिक्र होकर पैंट से सिगरेट निकाली और जला कर कश लेने लगी। उसके सामने धुंआ फेंका और उसके शर्ट को पकड़ा।
अब तक आपने पढ़ा..
एक हसीं देसी भाभी की इस सेक्स स्टोरी में आपने जाना कि उसने मेरे लंड को चूस चूस कर लाल कर दिया और मेरे बहुत कहने के बाद ही उसने अपने मुँह से मेरा लंड निकाला था. अब वो मुझसे चुदने के लिए फिर से अपनी चुत खोल कर चित पड़ी थी.
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मेरा नाम विशाल है.. यह अन्तर्वासना की साईट पर मेरी पहली कहानी है। मैं जयपुर का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 25 साल है।
माँ मुझे खड़ा करते हुए खुद मूढ़े पर बैठ गईं और नीचे गिरी हुई नाईटी से मेरे सुपारे को पौंछ कर मेरा सुपारा अपने मुँह में भर लिया और मेरे चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से दबाते हुए चूसने लग गईं और एक ऊँगली मेरी गाण्ड के छेद में डालने लगीं।