सितम्बर 2016 की लोकप्रिय कहानियाँ
प्रिय अन्तर्वासना पाठको
प्रिय अन्तर्वासना पाठको
राहुल
‘हाय राजा, तुम सारा दूध पी डालोगे तो बच्चा क्या पियेगा !’ चंदा रानी ने चूचुक मेरे मुंह से बाहर निकालना चाहा।
प्रेम गुरु और नीरू बेन को प्राप्त संदेशों पर आधारित
प्रेषक – लोटस लव
हाय दोस्तो.. मैं संजीव..
मंजू- रोनी, मैं तो तुम्हें बहुत ही भला इन्सान समझती थी, पर तुम तो बहुत चालू निकले। बहुत चाहते हुए भी मैंने भी तुमसे अपने दिल की बात नहीं बताई कि कहीं तुमने मेरी बात को नकार दिया तो मैं अपनी ही नजरो में गिर जाऊँगी। रोनी, तुम मुझे अच्छे लगते हो। और मैडम ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
हैलो फ्रेंड्स, उम्मीद है, आप सब लोग ठीक होंगे. सबसे पहले मैं अपने बारे में बता देता हूं, मेरा नाम प्रिंस दीप है. मेरी उम्र 18 साल है, फिजिकली में गोलमटोल हूं. वैसे तो मैं नॉर्मल लड़कों की तरह ही हूं, लेकिन पता नहीं मुझे लड़कों में बहुत इंटरेस्ट था. मैं सारा दिन हैंडसम लड़कों और आसपास घूमते फिरते लोगों में देखता कि किसकी बॉडी अच्छी है. मुझे अच्छी बॉडी वाले लड़के बहुत पसंद आते हैं.
मेरे जिस्म की आग मेरे पति के बॉस ने मेरी जोरदार चुदाई करके ठंडी कर दी. लेकिन उसका मन मेरी चूत से नहीं भरा था. उसने मेरी गांड की चुदाई भी की. इसके अलावा …
इस कहानी के पिछले भाग
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मैंने जाकर बोला- सॉरी चाची.. मुझसे गलती हो गई। आप इतनी खूबसूरत हो कि मुझसे रहा नहीं गया आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं।
हेल्लो अन्तर्वासना के पाठकगण!
हमने 69 पोज़िशन बना ली, इस कामक्रीड़ा में उसने एक बार पानी छोड़ दिया और मैंने भी अपना वीर्य उसके मुख में छोड़ दिया!
नमस्कार मेरे प्यारे पाठको !
Mamere Bhai Ke Lund Se Fir Chudi
आए थे घूमने, चोद दी चूतें-1
लेखक : राज शर्मा
‘क्या आप इस संडे को मिल सकते हैं?’ उसने एक पल भी गँवाए बगैर पूछा।
हैलो दोस्तो.. मेरा नाम आशीष जोशी है और मैं पुणे का रहने वाला हूँ।
दोस्तो! मैं राजवीर, पंजाब से. आप सब ने मेरी कहानी
मेरी सेक्स की प्यास ऐसी है कि कभी बुझने का नाम ही नहीं लेती। अभी मैंने दो मर्दों के चूत में लंड से चुत चुदाई का सुख लिया, यही सेक्सी कहानी आपके लिए पेश है.
यह करीब तीन महीने पहले की बात है. मैं अपने पति से बहुत परेशान हो गयी थी क्योंकि वो मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते थे और जल्दी ठंडे हो जाते थे. क्योंकि मेरे पति का हथियार बहुत छोटा था, सिर्फ तीन इंच का और बहुत ही पतला था. मेरी हॉट चुत चुदाई की आग में जलती रह जाती थी और कुछ भी नहीं कर पाती थी. मैं बस तड़प कर रह जाती थी. पर मैंने ऐसे ही जीना सीख लिया था. मैं चुदाई की आग में अपनी खूबसूरती भी खोती जा रही थी. मेरे पति हफ्ते में एक बार ही मेरे साथ सेक्स करते थे. और मुझे तो रोज चुदाई करने की जरूरत महसूस होती थी. मैं अपनी गर्म चूत में कभी खीरा तो कभी मोमबत्ती डाल कर उसकी प्यास बुझाती थी. चुदाई में मेरे नकारा पति से भी कुछ नहीं होता था.
मेरा नाम संजय है, मैं बहुत दिनों से अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ता हूँ। आज मैं आप लोगों के लिए सच्ची कहानी लिखने जा रहा हूँ।
शमशेर तुरंत हैंड्पंप के पास जाकर पानी चलाने लगा और बबिता ने लोटे से पानी लेकर अपनी गांड उस बुड्डे के सामने ही छप्पाक-छप्पाक धो डाली।