मेरी चालू बीवी-18
इमरान
इमरान
आदित्य चौधरी
हाय दोस्तो, मैं आपका दोस्त कुमार सोलापुर से हूँ. आपने मेरी पिछली सेक्स कहानियाँ
अन्तर्वासना को मेरा बहुत नमस्कार मैं अन्तर्वासना का निमियत पाठक हूँ। मेरा नाम सुरेश है। मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूँ और मैं 22 साल का गबरू जवान हूँ। मैं अभी मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रहा हूँ।
शुरू के दिन
प्रेषक : कुमार
दोस्तो, मेरा नाम कविता वर्मा है और मैं दिल्ली में रहती हूं। मेरी उम्र अभी 26 साल है और मैं बहुत ही सेक्सी औरत हूं। मेरे शरीर का साइज 34-28-36 है और मैं सेक्स में बहुत रुचि रखती हूं।
इस कहानी में सिर्फ़ नाम बदले गए हैं।
अभी तक आपने पढ़ा..
दोस्तो, मैं फहमिना एक बार फिर से आप सबके सामने एक और कहानी लेकर आई हूँ।
दोस्तो, मेरा नाम आदित्य है। मैं यूपी का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र बाइस वर्ष है। मैं पेशे से अध्यापक हूँ। मैं छः साल से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैं अपनी आपबीती पहली कहानी के रूप में लिख रहा हूँ।
दूसरे दिन साईट पर गया तो वहाँ का काम जिस द्रुतगति से चल रहा था। उसी गति से मेरा दिल गांव की गोरी किरण के हुस्न का दीवाना हुआ जा रहा था।
दीपेन कुमार
अब तक आपने पढ़ा..
अन्तर्वासना के सभी दोस्तों को मेरे खड़े लंड का प्रणाम.. हैलो दोस्तों मेरा नाम है विक्की है.. मैं जबलपुर का रहने वाला हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और अन्तर्वासना की कहानियों से प्रेरित होकर अपने जीवन की एक सत्य घटना आप लोगों को बताना चाहता हूँ।
मैं संजु, 26, लखनऊ उत्तर प्रदेश, ज्योतिष और सेक्सी कहानियों का शौकीन. सभी भाभियों सालियों कुंवारी चुदी चुदाई चूतों, भोसड़ों को एक बार फ़िर आपका संजु बार बार प्रणाम करते हुए ये विश्वास दिलाता है कि जिस तरह से आपकी बुर और भाईयों के लंड से मेरी पहली कहानी पढ़कर वीर्य के छीटें हिन्दुस्तान, पाकिस्तान, ब्रिटेन, अमेरिका तक पहुंचे. इस बार भी आप लोग पहले की तरह मेल करके बताइयेगा कि बुर भोसड़ा बन गयी या नहीं लंड के चोदने की रफ़्तार 4 गुना हुई या नहीं. बुर के फ़ौव्वारे से आदमियों के लंड भीगे या नहीं?
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यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पर!
नमस्कार दोस्तो, आज मैं काफी समय के बाद आपके सामने उपस्थित हूं अपनी कहानी का अगला भाग लेकर उम्मीद है हर कहानियों की तरह आपको ये कहानी भी पसंद आएगी।
यह कहानी मेरी बहन की चुदाई के साथ साथ उसकी सहेली की चुदाई की भी है.
आज जो कुछ भी हुआ, उसकी उम्मीद मीनाक्षी को सपने में भी नहीं थी, आज उसके विद्यालय की छुट्टी जल्दी हो गई तो उसने अपने बेटे अंकुर को भी उसके कॉलेज से छुट्टी दिला कर बाजार जाने का सोचा इसलिए वह कॉलेज के प्रिन्सीपल से अंकुर की छुट्टी स्वीकृत कराने गई कि उसने देखा कि प्रिन्सीपल तो आशीष है।
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मुझ प्रभा रांड का जिस्मानी प्रणाम स्वीकार हो.
प्रेषक : सोनी कुमार
नमस्कार दोस्तो! उम्मीद है आप सब ठीक होंगे, मैं आर्यन आपका दोस्त फिर हाजिर हूँ अपनी आगे की कहानी सुनाने!