मेंहदी वाली लड़की के जिस्म का मजा – Free Sex Kahani Hindi
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संता और बंता एक चार इंजन वाले हवाई जहाज में यात्रा कर रहे थे। अचानक जहाज के नीचे की तरफ से जोर की आवाज आई ।
अब तक आपने पढ़ा..
अब तक आपने पढ़ा कि मैं दीदी को कार चलाना सिखा रहा था। उसी के दौरान मैं उनके पीछे बैठा था और वे मेरी गोद में बैठी थीं।
मुझे ध्यान आता है पिछले 15-20 दिनों में तो मधुर से ज्यादा कोई बात ही नहीं हो पाती है। ऐसा लगता है जैसे उसके पास मेरे लिए समय ही नहीं है। सुबह वह स्कूल में जल्दी चली जाती है और साम को या तो मंदिर में पूजा पाठ में लगी रहती है या फिर गौरी के साथ रसोई में लगी रहती है। और आप तो जानते ही हैं शुद्धता को लेकर रात को तो वह अलग सोने लगी है इसलिए रात वाली बातें तो आजकल वर्जित हैं।
मित्रो, आप सभी को प्रणाम.. मैं राकेश.. वापी (गुजरात) का रहने वाला हूँ। मैं एक सीधा सादा 31 वर्ष का आदमी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजिनियर हूँ।
फ्रेंड्स, यह मेरी पहली रियल सेक्स स्टोरी है. मैं पिछले 3 सालों से अन्तर्वासना की हिन्दी कहानियाँ पढ़ रहा हूँ.
हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम समीर अली है और मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूँ. मेरी लम्बाई 5.8 फुट की है, मेरा रंग गेहुँवा है.
हिन्दी सेक्स कहानी पढ़ने वाले मेरे दोस्तों को नमस्कार..
दोस्तो, मैं आपकी पुरानी सहेली सीमा सिंह… मैं चंडीगढ़ में रहती हूँ. आज मैं बहुत दिनों बाद आपको कोई कहानी सुनाने जा रही हूँ।
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कहानी का पहला भाग: ननद को अपने पति से चुदवाया-1
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शाम को साढ़े पांच बजे घर पहुंचा तो मामी रसोई में चाय बना रही थी, उनसे पता चला कि उस दिन मामा को ओवर टाइम के लिए रुकना पड़ेगा इसलिए वे सुबह छह बजे के बाद ही घर आयेंगे।
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हैलो दोस्तो, मैं आपकी सहेली पूर्वा आपके सामने एक और स्टोरी ले कर आई हूँ, यह दास्तान मेरी फ्रेंड रिचा की है। मैं और मेरी सहेली रिचा एक कंप्यूटर सेंटर में टाइपिंग सीखने जाती थी।
सम्पादिका : तृष्णा
प्रीत आर्य
हैलो दोस्तो… कैसे हो आप सब.. याद हूँ मैं या नहीं.. सॉरी बहुत दिन बाद वापस आई हूँ न.. मेरी पिछली कहानी
इतिश्री सुप्रिया
यह मेरी पहली कहानी है जिसमें एक अजनबी शहर में भाभी का साथ मिला और मैंने चूत चुदाई की कहानी लिख दी. वैसे तो मैं कभी कहानियां लिखता नहीं लेकिन अन्तर्वासना पर काफी कहानियां पढ़ के मेरा दिल भी लिखने का करने लगा.
अन्तर्वासना के पाठकों को आपकी अपनी अर्चना का प्यार ! आगे की कहानी पढ़ने से पहले मेरी पिछली कहानियाँ जरूर पढ़ें।
इस सेक्सी कहानी के तीसरे भाग में आपने अब तक पढ़ा कि मुझे झाड़ियों में दो लड़कों ने चोदने की नीयत से पकड़ लिया था. मगर किस्मत से मैं छूट गई थी और मेरी पेंटी न मिली तो मैं बिना पेंटी के चली आई. इधर शादी में मुझे वे लोग मिल गए, जिनके आ जाने के कारण मैं झाड़ियों में चुदने से बच गई थी. वे लोग मेरी पेंटी लिए थे और उसमें से एक ने मुझे एकांत में बुलाया.
अब तक की इस सेक्स स्टोरी इन हिंदी में आपने पढ़ा था कि मोना की पड़ोसन मीना उसके लिए एक कमसिन काम वाली तलाश कर लाई थी और ये दोनों उसी लौंडिया की मचलती जवानी को लेकर चर्चा कर रही थीं.
फोन की घंटी बज रही थी।