पहली चुदाई में मैंने नेहा की सील तोड़ दी
मेरा नाम मधुर है और मैं बी.टेक के फाइनल ईयर का स्टूडेंट हूँ। मैं नौकरी के लिए चुना जा चुका हूँ।
मेरा नाम मधुर है और मैं बी.टेक के फाइनल ईयर का स्टूडेंट हूँ। मैं नौकरी के लिए चुना जा चुका हूँ।
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है, आशा करता हूँ कि इसे पढ़ कर आप एक बार जरूर ही मुठ्ठ मार लेंगे।
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लेखिका : कमला भट्टी
आप इस कहानी का शीर्षक पढ़कर ही समझ गए होंगे, आज आपको मैं अपने दुखी दिल की बात बताने जा रही हूँ।
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हैलो दोस्तो, मैं अरुण.. एक बार फिर आपके सामने अपनी कुछ आपबीती बताने जा रहा हूँ.. जिसका एक-एक कथन बिल्कुल सच है और इसके साथ-साथ मैं ये भी उम्मीद करता हूँ कि जितना मजा मैंने चुदाई करते हुए लिया है.. ठीक उतना ही मजा आपको इस कहानी को पढ़कर आ जाए और आप भी चूत और लंड पाने के लिए तड़फ उठें।
राज का मन बार बार रूपल को सोच सोच कर तड़प जाता था। जाने रूपल में क्या ऐसी कशिश थी कि उसका दिल उसकी ओर खिंचा जाता था। साहिल की तकदीर अच्छी थी कि उसे ऐसी रूपमती बीवी मिली थी। आज भी राज का लण्ड उसके बारे में सोच सोच कर तन्ना उठा था। अंजलि राज की पत्नी थी, पर कहते हैं ना दूसरो की चीज़ हमेशा अच्छी लगती है, शायद राज का यही सोचना था। उधर अंजलि भी साहिल पर शायद मरती थी। ऐसा नहीं था था रूपल और साहिल भी राज और अंजलि की तरफ़ आकर्षित नहीं थे, उनका भी यही हाल था।
लड़कियाँ.. ये एक शब्द ऐसा है, जो मुझे बहुत पसंद है. दरअसल ये शब्द ही नहीं बल्कि दुनिया में सबसे प्यारी, सबसे कीमती कोई चीज मुझे लगती होगी तो वो लड़कियाँ ही हैं. एक अजीब सा नशा होता हैं लड़कियों का. सभी को न भी होता हो, पर कम से कम मुझे तो है. अक्सर हम कोई खूबसूरत चीज देखते हैं तो हम कहते हैं कि ऊपर वाले का कमाल है. इसी तरह लड़कियाँ भी ऊपर वाले की मास्टर पीस डिजायन हैं.
हम दोनों काफी थक चुके थे तो पता ही नहीं चला कि कब हम दोनों ही नींद के आगोश में चले गये।
अब तक आपने पढ़ा..
हैलो फ़्रेंड्स, यह मेरी पहली कहानी है अन्तर्वासना पर।
जैसा कि मैंने आपको अपनी पिछली कहानी अंजलि की चूत और गाँव के गबरू -1 में बताया था कि कैसे मैंने एक हाइवे पर गैरों को पकड़ा और कैसे चुदवाने जा रही थी।
एक बार रंडी बाजार में पुलिस का छापा पड़ गया।
हाय दोस्तो मेरा नाम राजीव है, मैं आपको अपने जीवन की एक गहरी सच्चाई, रियल सेक्स स्टोरी बताने वाला हूँ.. जो आपको बेचैन कर देगी. ये एक ऐसी कहानी है, जो आपके लंड को खड़ा कर देगी और आपके जिस्म में आग लगा देगी.
अब तक आपने जो पढ़ा उसमें आंटी और मेरे बीच प्यार के अहसास थे, फिर मैंने ‘आयय हायय मेरी जानेमन…’ कहते हुए मैंने आंटी को अपनी बांहो में उठा लिया और मकान के उस चौथे कक्ष की ओर बढ़ गया जिसे हम लोगों ने इलाज और इस काम के लिए ही आरक्षित कर रखा था।
मेरा नाम किरण है, मैं पंजाब की रहने वाली हूँ। मैं एक बहुत धनी परिवार से ताल्लुक रखती हूँ। मेरे पापा एक नामी बिज़नेस-मैन हैं और उनका एक दोस्त है जिनको मैं बड़े काका कहती हूँ। वैसे तो अमरीका में ही उनका सारा बिज़नेस है, उनका परिवार भी वहीं है, वो बिज़नस के सिलसिले में ही भारत आते।
अगली सुबह 10 बजे हमारी ट्रेन थी भोपाल की… सभी लोग सुबह 7 बजे उठकर नहा धोकर तैयार हो गए और हम 9:40 पर स्टेशन पहुँच गए थे।
दोस्तो, मेरे द्वारा लिखी गई यह कहानी महज एक कल्पना पर आधारित है, इस कहानी से किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंचाना मेरा उद्देश्य नहीं है लेकिन यह कहानी सचाई को आपके सामने रखती है, जैसे आज कल लोग सोचते हैं, हमारी अन्तर्वासना हमसे कुछ ऐसा करा देती है जिससे हम किसी रिश्ते को नहीं मानते ! रह जाता है तो बस मर्द और औरत का रिश्ता !
सम्पादक जूजा
दोस्तो, मैं आपका संचित तलवाड़ा, होशियारपुर (पंजाब) से एक बार फिर हाज़िर हूँ। आज मैं अपनी एक और नई कहानी ‘शादीशुदा गर्लफ्रेंड की चूत में लन्ड’ लिखने जा रहा हूँ. आप लोगों के बहुत सारे मेल मिले थे जिनमें मेरी हिंदी सेक्स स्टोरीज को काफ़ी पसंद किया गया है जिसके लिए मैं आप सबका दिल के साथ शुक्रिया अदा करता हूँ.
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सोनिया की मम्मी-2 से आगे की कहानी
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कहानी का पहला भाग : कट्टो रानी-1