बुआ ने मुझे चोदा
प्रेषक : रॉकी
प्रेषक : रॉकी
भाभी की अपनी चुदाई की कहानी
सभी पाठकों को लल्लन सारंग का प्यार भरा नमस्कार।
तो मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग
मेरा नाम कविता है, मैं एक विधवा औरत हूँ. मैं इंदौर की रहने वाली हूँ, मेरे पति एक बड़े बिल्डर थे. मेरे बेटे वंश के पांच साल के होते ही मेरे पति ने उसे बोर्डिंग में डाल दिया था. वो सिर्फ छुट्टियों में ही घर आता था.
जवानी की मस्ती मैं जी भर के लूटना चाहती हूं, लगता है कि बस रोज रात को कोई मुझे दबा कर चोद जाये … जानते है जीवन में जवानी एक ही बार आती है … फिर आ कर ना जाने वाला बुढ़ापा आ जाता है … जी तरसता रह ही जाता है …
प्रेषिका : कौसर
मेरी कमसिन चूत और लेस्बीयन लड़कियाँ हॉस्टल में-1
मेरी उमर ३५ साल है और मेरी बीवी ३२ साल की है, मेरा साला २८ और उसकी बीवी २४ साल की है।
दस दिन बाद मेरा बैंक का पेपर लखनऊ में था। मेरी कोई तैयारी नहीं थी। मैं घर मैं बोर हो रही थी, मैंने सासु मां से कहा- मैं पेपर दे आती हूँ।
सर्दी का मौसम शुरू हो चुका था, सुबह और शाम के समय हल्की हल्की सर्दी होने लगी थी. एक दिन सुबह बाहर निकला तो देखा गुप्ताइन अपने पोर्टिको में बैठकर चाय पी रही थी और उसके साथ एक लड़की बैठी थी, सुन्दर सा गोल मटोल चेहरा और गदराया हुआ भरा पूरा जिस्म. आँखें ऐसी कि किसी का भी कत्ल कर दें.
दोस्तो.. यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है जो मेरे साथ घटी है।
जाते समय कामिनी यह कहना नहीं भूली- अब दीपा को जल्दी ले आओ, वो अकेली कब तक चुदेगी।
सभी पाठकों को अंश बजाज का नमस्कार…
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प्रेषक : अन्नू
यह हिंदी सेक्स स्टोरी मेरी खुद की आपबीती है।
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हैलो साथियो.. मेरा नाम रोहन (बदला हुआ) है, पंजाब के जालंधर शहर में रहता हूँ, मैंने अभी ग्रॅजुयेशन कंप्लीट की है और जॉब ढूँढ रहा हूँ।
प्रेषक : किंजल पटेल
दोस्तो, मेरा नाम राहुल है. यह इरोटिक सेक्स स्टोरी तब की है, जब मैं अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कम्प्लीट करके मुम्बई में नौकरी ढूंढ रहा था. उस वक्त मेरी इंग्लिश अच्छी नहीं थी, इसलिए मुझे नौकरी नहीं मिल रही थी. मैं वापस अपने गाँव में आ गया और मास्टर कोर्स करने का सोचने लगा.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम महेश कुमार है, मैं सरकारी नौकरी करता हूँ। मैं आपको पहले भी बता चुका हूँ कि मेरी सभी सेक्सी स्टोरीज काल्पनिक हैं जिनका किसी से भी कोई सम्बन्ध नहीं है, अगर होता भी है तो यह मात्र सँयोग ही होगा।
मेल और फीमेल दोनो प्रजातियों को मिस्टर इलाहाबादी का नमस्कार!
अब तक आपने पढ़ा..
यह कहानी मुझे मेरे एक ईमेल दोस्त ने भेजी थी, उसी के शब्दों में पेश कर रहा हूँ। कहानी अधूरी जरूर है पर मज़ा पूरा देती है।