रेलगाड़ी में मिले बढ़िया लौड़े
लेखक : तरुण वर्मा
लेखक : तरुण वर्मा
प्रेषक : आशु
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अब तक आपने पढ़ा था कि मैं अब मालती और श्यामा के साथ सेक्स के लेस्बियन खेल में मस्त होने लगी थी.
कहानी का पहला भाग : चाचा ससुर के साथ चुदाई का रिश्ता-1
पहली बार सम्भोग यानि सेक्स करते वक़्त डर लगना स्वाभाविक है। आखिर उन खूबसूरत पलों को कौन यादगार नहीं बनाना चाहता। लेकिन अगर ज़रा सी भी चूक हो जाए तो ये खूबसूरत लम्हे ज़िन्दगी के सबसे डरावने अनुभवों में से एक बन जाते हैं। लेकिन अगर कुछ बातों का ख्याल रखा जाए, तो फर्स्ट टाइम सेक्स को बेहद खुशगवार यादगार बना सकते हैं।
मेरी पिछली कहानी
हाय मैं ऋतु.. अन्तर्वासना पर मैं आपको अपनी चूत की अनेकों चुदाईयों के बारे में बताने जा रही हूँ.. आनन्द लीजिएगा।
अब तक आपने पढ़ा था कि भाभी ने अपनी चूत में मेरा लण्ड ले लिया और अब वो अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनना चाहती थीं। सो मैंने उनकी सुन्दरता के बारे में कहना शुरू किया।
एक पुरानी भाभी की याद आ गई… तब मैं करीब 24 साल का था, अविवाहित था, अपने पैतृक निवास से दूर एक छोटा सा घर किराये पर लेकर नौकरी कर रहा था।
प्यारे दोस्तो, मेरी पहली कहानी
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हैलो मेरे प्यारे दोस्तो, अन्तर्वासना में मैं मनीष आप सभी का फिर से स्वागत करता हूँ। आज फिर मैं एक और रोमांचक कहानी लेकर आया हूँ जो मेरी जीवन का किस्सा है। आशा करता हूँ कि आपको मेरी ये कहानी पसंद आएगी।
अब तक इस बाप बेटी की सेक्स कहानी में आपने पढ़ा सुमन और उसके पापा आज रात अकेले थे क्योंकि उनकी मम्मी अपनी माँ के घर चली गई थीं. साथ ही पापा जी एक पुराने दोस्त ने बियर की बोतलें भी थमा दी.
हाय फ्रेंड्स… यह मेरी पहली कहानी है अन्तर्वासना पर ! वैसे मैं अन्तर्वासना का बड़ा कायल हूँ।
एक लड़की की शादी के बाद पहली बार उसकी सहेली उससे मिलने आई।
मैं एक लड़का हूं और मेरा नाम राज कुमार है।अभी मैं देल्ही में रहता हूं। बात उन दिनों की है जब मैं इंजिनियरिंग कॉलेज में पढ़ता था।मैं ट्रेन से घर जा रहा था गर्मी की छुट्टियों में। डिब्बे में काफ़ी भीड़ थी। शाम का टाइम था मैं अपनी रिज़र्व्ड सीट पर जा कर लेट गया तो देखा कि सामने वाली सीट पर एक परिवार था जिसमें एक १९-२० साल की थोड़ी मोटी सी लड़की २४-२५ साल का पतला सा लड़का और उसकी माँ थी जिसकी उमर लगभग ४७ -४८ होगी।एकदम दुबली पतली।
मेरी इस सेक्स कहानी के पिछले भाग
कोमलप्रीत कौर
मैं यह नहीं कह सकती कि मैंने कभी लिंग देखा नहीं था, चाचा का देखा था, उतना बड़ा तो नहीं पर फिर भी बड़ा था… सात इंच तक तो ज़रूर था और वैसे ही मोटा भी।
फ़ुलवा
यह सेक्सी स्टोरी उन दिनों की है जब मैं 12वीं क्लास में पढ़ रही थी। मेरा नाम अलीशा है.. मैं क्लास में हमेशा अव्वल आती थी। मुझे मेरे मोहल्ले के लड़के हमेशा घूरते रहते थे.. पर मुझे समझ नहीं आता था कि ये क्यों घूरते हैं।
प्रेषक : अजमेर-बॉय
“मैडम, आर यू फ्रॉम इंडिया?”(क्या आप भारत से आईं हैं?)