मेरे जिस्म की अनबुझी प्यास
मेरा नाम प्रीति कौर है। मैं पंजाब की रहने वाली हूँ, दिखने में बहुत सुंदर हूं, मैं दिखने में गोरी हूं और दुबली पतली सी कमर और लम्बी टांगें है मेरी! मेरी फुद्दी बिल्कुल गुलाबी रंग की है और थोड़े बाल हैं उस पे!
मेरा नाम प्रीति कौर है। मैं पंजाब की रहने वाली हूँ, दिखने में बहुत सुंदर हूं, मैं दिखने में गोरी हूं और दुबली पतली सी कमर और लम्बी टांगें है मेरी! मेरी फुद्दी बिल्कुल गुलाबी रंग की है और थोड़े बाल हैं उस पे!
उस दिन माँ का फोन सुबह सवेरे ही आ गया ‘बेटा.. कैसे हो.. इस बार होली पर आ रहे हो ना.. कितने साल हो गए घर आए हुए?’
हैलो दोस्तो, मैं अमित जयपुर से हूँ, मैं फिर से आपके लिए एक नई कहानी लेकर आया हूँ।
प्रेषिका : स्लिमसीमा
प्रेषक : कामुक इन्सान
अपने सभी पाठकों को मेरा सादर नमस्कार। मैं इधर काफी व्यस्त था.. जिसके कारण अपनी नई घटना को कलम नहीं दे पाया।
अब तक आपने पढ़ा..
अब तक आपने पढ़ा..
नमस्कार दोस्तो, आप सभी मुझे जानते हो.. मेरा नाम रवि है। मैं अन्तर्वासना का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ.. साथ ही आप सभी का धन्यवाद करता हूँ.. जो मेर कहानियाँ पढ़ कर मुझे उसकी कमियाँ बताते हो या पसंद करते हो।
अन्तर्वासना के पाठकों को एक बार फिर से मेरा प्यार और नमस्कार! मैं अपनी कहानी आगे बढ़ाता हूँ.
हेलो, नमस्कार, वॉल-ए-कूम अस्सलाम, ससरिया-काल!
अब तक आपने पढ़ा..
पिछली रात तेरी यादों की झड़ी थी
Biwi Ki Saheli Aur Uska Pati
अब एक अन्तर मुझे समझ में आया कि जो कभी अपने घर से बाहर नहीं निकलती थीं.. वो मुझे अब अकसर नजर आने लगी थी। मेरी बातों का जबाब भी तुनक मिज़ाज़ में ही सही.. पर अब भाभी जवाब देने लगी थीं।
मेरा नाम शिवम है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरा कद पांच फुट आठ इंच है.. और मेरे लंड की लम्बाई आठ इंच है। मैं आपको अन्तर्वासना के माध्यम से अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।
लेखक : इमरान
मेरी उम्र 28 साल है। मैं दिल्ली में एक पेंटिंग टीचर हूँ और एक खास तरह की पेंटिंग सिखाता हूँ जिसका मैं आपको नाम नहीं बता सकता क्यूंकि हो सकता है कि यहाँ मुझे कुछ लोग पहचान जायें।
प्रेषक : दीपक चौधरी
तब हम चलते हुए किश्ती से थोड़ी दूर हो गए और तब मैंने शानू को एक साइड ले जाकर कहा- मैंने फैसला लिया है कि आज रात की पार्टी मेरे कमरे में होगी। आप चारों वहीं आ जाना। क्यों ठीक है न?
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पर-पुरुष सम्मोहन से आगे:
माँ मुझे खड़ा करते हुए खुद मूढ़े पर बैठ गईं और नीचे गिरी हुई नाईटी से मेरे सुपारे को पौंछ कर मेरा सुपारा अपने मुँह में भर लिया और मेरे चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से दबाते हुए चूसने लग गईं और एक ऊँगली मेरी गाण्ड के छेद में डालने लगीं।
दोस्तो… पिछली कहानी में दोनों बहनों रीना और रिंकी ने तय किया था कि दशहरे की छुट्टियों में दोनों अपने पतियों के साथ खजुराहो जायेंगी।
मेरा नाम आर्यन है, अन्तर्वासना साईट का मैं पुराना पाठक रहा हूँ। यह मेरी पहली और अपनी कहानी है, आशा है आप सबको पसंद आयेगी।