Sex Story – चूहे ने दो चूतें चुदवाईं -2
अब तक आपने पढ़ा..
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यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पर!
धन्यवाद अन्तर्वासना, आपने मेरी पहली गे सेक्स स्टोरी
पहला भाग: मेरी बीवी पांचाली-2
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अन्तर्वासना की सेक्सी स्टोरी पढ़ने वाले सभी पाठकों को मेरा वासना भरा नमस्कार!
देसी कहानी का पिछला भाग : रिश्तेदारी में आई लड़की को पटा कर चोदा-1
दो बार स्खलित होने से सुमन के पैर थरथराने लगे, सुमन हांफती हुई दीवार से टिक कर खड़ी रहने की कोशिश कर रही थी मगर उसके पैर कांप रहे थे। उसे तनिक भी आभास नहीं था कि सेक्स की पराकाष्ठा क्या होती है। पहली बार वो उसे इस तरह से स्खलित हुई थी।
प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना
हेलो फ्रेंड्स, मेरी उम्र 23 साल है, मेरा नाम मानव है।
कम्मो पारो की चूत चुदाई गार्डन में
मेरी मकान मालकिन -2
शेफाली मेरी दोस्त और जूनियर थी। हम दोनों एक ही गर्ल्स हॉस्टल में रहते थे। उसने कभी सेक्स नहीं किया था और हम दोनों देर रात तक सेक्स की बातें किया करते थे।
मेरा नाम अमित है। एक दिन घर में मैं, मेरा भाई और भाभी थे। मेरा रूम भाभी के बगल में है। रात में भाभी के कमरे से अजीब आवाज आ रही थी। मैंने वेंटीलेटर से देखा भाई और भाभी दोनो नंगे थे। भाई उनकी चूत चाट रहे थे। भाभी आंख बंद किये मजा ले रही थी। और आह ऊऊओहह्ह की आवाज निकाल रही थी। भाभी की चूची एक दम साफ़ नजर आ रही थी। एक दम कड़े थे। भाई चूत चाटने में मस्त थे। ये देख कर मेरा लंड तनता जा रहा था भाभी ने इशारे से कहा कि अब बरदाश्त नहीं हो रहा है। अब चोद दो लंड मेरी चूत में डाल दो, भाभी भरपूर जोश में थी। भाई जब हटे तब भाभी के चूत देखाई दी, एक भी बाल नहीं था, लाल लाल चूत पानी निकल रहा था। मैं जोश में भर गया था तभी भाई ने अपना लंड उनकी रसीली चूत में डाल दिया थोड़ी देर बाद में ही वो रुक गये। भाभी बोली बस हो गया भाई उनके ऊपर से हट गये और दूसरी तरफ़ सो गये मगर भाभी ने गुस्से में थी। अपनी ही उंगली को अपनी चूत में डाल रही थी। मुझे लगा कि भाभी अभी झड़ी नहीं है। तभी मेरा पैर फोटो से टकराया। भाभी ने मुझे देख लिया। भाभी साल लपेट कर मेरे कमरे के तरफ़ आ रही थी।
सिद्धार्थ राणा
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मेरे पड़ोस में नीलम नाम की एक लड़की रहती थी. वह उम्र में मुझ से दो साल बड़ी थी. मैं मन ही मन उसे पसंद करने लगा था. शायद यह प्यार था जिसका मुझे उस वक्त कोई आभास नहीं था. उसके साथ बातचीत करते हुए मैं बेहद प्रसन्न होता था.
प्रेषक : अशोक
बारिश का मौसम था। एक दिन मैं घर पर अकेला था परिवार के सारे लोग तीन दिनों के लिए बाहर गए थे। मैं टी वी देख रहा था कि अचानक दरवाज़े की घण्टी बजी। मैंने दरवाजा खोला तो पड़ोस की रेखा दी(दी) थी।
मेरे प्रिय पाठको,
पप्पू की गर्लफ़्रेन्ड सलमा रूठी हुई थी तो उसने अपनी गर्लफ्रेंड सलमा को मनाने के लिए एक शेर सुनाया:
जूजा जी
आप भूले न हों तो मैंने आपको अपने बारे में कई बातें बताई हैं। मूलतः भोपाल का रहने वाला हूँ लेकिन लखनऊ में रहता हूँ। रिश्तेदारों में एक खाला कानपुर में रहती हैं और इस मंच पर रहते, जो अपनी सबसे पहली कहानी
Bahan Ke Sath Prem-leela-2