सास विहीन घर की बहू की लघु आत्मकथा-3
लेखिका: दिव्या रत्नाकर
लेखिका: दिव्या रत्नाकर
दोस्तो, मैं रोहित!
आज सविता भाभी के मदमस्त जीवन की रंगीन कड़ियों में एक ऐसी कड़ी पेश है, जिसमें सविता भाभी ने अपने विवाह के बाद अपनी कुंवारे जीवन में की गई चुदाई की स्वीकार किया.
दोस्तो, मैं आपका अपना सरस एक बार फिर हाजिर हूं अपनी कहानी के अगले भाग के साथ. मेरे जिन पाठकों और पाठिकाओं ने कहानी का पहला और दूसरा भाग नहीं पढ़ा हो वो
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चुदने को बेताब कुंवारी चूत
मुजफफरपुर में मेरी नीतू रानी रंडियों की तरह चुदी, साली ने चूत खोल कर मज़े लिए … मस्त जवानी चढ़ी है कुतिया को. वैसे भी औरत जब लंडखोर हो जाए, तो बिना चुदे नहीं मानती. उसका गोरा बदन, भारी चूतड़ और बड़े पपीतों के साइज की चूचियां लेकर जब वो अपने कमर को हिलाते हुए बल खा कर चलती है, तो मेरा दिल करता है कि साली को पटक कर पेल दूँ.
कहानी का पिछला भाग: औरत की चाहत-1
प्रिय अन्तर्वासना पाठको
इस बार अचानक बाजी पलटी।
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को अल्फाज का प्रणाम. भाबियों आंटियों को स्पेशल प्रणाम.
इरफ़ान ने अनुष्का को नंगा करके अपनी गोद में बिठा रखा था, उसका हाथ उसकी मासूम छोटी सी योनि को सहला रहा था और वह आः आआह्ह्ह कर रही थी।
आप सभी को मेरा यानि अमित का नमस्कार ! मैं आप लोगों को अपनी जिंदगी की सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ कि कैसे मुझे चूत और गांड मारने का शौक लगा।
अब तक आपने पढ़ा..
विकास और नीता भाभी के घर से लौट कर आया तो रोमा ने मुझे उत्तेजित करके सेक्स किया।
प्रेषक : रोहित
यह दो तीन साल पहले की बात है जब मेरी फुफेरी भतीजी गीता छुट्टियों में मेरे घर रहने आई हुई थी। गीता की उम्र 24 साल थी और मैं 31 साल का जवान था। धीर धीरे हम दोनों आपस में काफी घुलमिल गए और साथ साथ घूमने भी जाने लगे।
मैंने कहा- जब तुम हिरोईन बन जाओगी और पर्दे पर अपनी अदा दिखाओगी तो तुमको देख कर लड़के आहें भरेगें और मुठ मारेंगे।
मुझे तो पता था कि वो पुस्तक मेरी है, तो मैंने ढूंढने का प्रयास किया कि छोटी ने और क्या छुपाया, तब मुझे रोहन का आठ पृष्ठों की चिट्ठी मिली, जिसे पढ़ कर मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई, आँखों से आँसुओं की बरसात होने लगी। मैं सीना पीट-पीट कर रोने लगी। मेरी आँखों के सामने अंधेरा छा गया, मैं बेहोश होने लगी।
आम तौर पर भारत में डेटिंग का मतलब विपरीत लिंग के साथी के साथ सेक्स ले लिये कहीं जाने से लिया जाता है।
कहानी का पिछला भाग : जब संजना ने स्पेनिश लौड़ा लिया-1
लेखक एवं प्रेषक: विवेक ओबेरॉय
Pahla Samuhik Chodan Aanand
मैंने गाड़ी आगे बढ़ाते हुए रेशमा को देखते हुए कहा- तुमने कभी लंड चुसाई की है?