बीवी को गैर मर्द के नीचे देखने की चाहत-3
मेरी सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
मेरी सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
उसने मुझे अनुभूति के फ्लैट पर छोड़ आने की बात कह कर कार निकाली और हम चल दिए अनुभूति के घर की तरफ…
मैं आंटी के पीछे पीछे बाहर जा कर उनसे कहा- मुझे मालूम है कि आपके पास मेरे प्रश्नों का कोई उत्तर नहीं है क्योंकि मैं यह वीडियो के ऐसे दृश्य देखते ही समझ गया था कि आप मेरे पापा के साथ रंगरेलियाँ मनाती हो। अगर अंकल को इस बात का पता चल गया तो आपके लिए बहुत बड़ी मुसीबत पैदा हो जाएगी और शायद वह आपको इस घर से भी बाहर निकाल दें। दूसरी तरफ हमारे घर में अगर मम्मी को इस बारे में पता चल गया तो वे तो अवश्य घर छोड़ कर चली जाएंगी।
अनीता को एक बार चोदने के बाद मैं उससे काफी घुल मिल गया था, वह मुझ पर काफी भरोसा करती थी और मुझे एकदम सीधा सादा आदमी समझने लगी।
बुआ की छोटी बेटी मुझे पसन्द करती थी। उसकी आयु लगभग 23 साल की है, उसकी लंबाई करीबन 5 फीट 6 इंच और बॉडी टाइप 35-30-36 का है।
एक बहुत उम्दा और स्वादिष्ट डिनर पूरा हुआ, शैम्पेन आधी के लगभग बच गई थी। एक अच्छे टिप के साथ बिल चुका कर हम उठ खड़े हुए।
लेखिका : यशोदा पाठक
दोस्तो, सबसे पहले आप सभी से क्षमा प्रार्थी हूँ कि मैं 3 साल के लम्बे अंतराल के बाद अब अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पर वापस आ पाया हूँ. मैं सरकारी नौकरी की अपनी तैयारियों की वजह से बहुत ज्यादा व्यस्त था.
अब तक आपने पढ़ा..
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प्रेषक : पंकज मयूर
जूही परमार
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार।
Akhir Chud Hi Gai Nakhrili Sali
दोस्तो,
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अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार ! मेरा नाम निर्मल, जयपुर का रहने वाला हूँ, उम्र तीस साल है, मेरी लम्बाई 5 फुट 11 इंच है और मैं काफी खूबसूरत लगता हूँ। मैं काफी समय से अन्तर्वासना पर मेरे साथियों की कहानियाँ पढ़ रहा हूँ। शायद वो सभी कहानियाँ मुझे सच्ची लगी क्योंकि जिन्दगी में ऐसा हो जाता है कि हम जिन्दगी के किसी न किसी मोड़ पर अपने ही आसपास के लोगों के साथ सम्बन्ध बना बैठते हैं।
बॉस ने मेरी चूची चूसते हुए रुक कर कहा- अच्छा हुआ आकांक्षा कि तुमने मेरी इस कुतिया बीवी को भी चुदवा दिया। अब मैं खुल कर तुम्हारे साथ चूत चुदाई का खेल सकूंगा।
लेखिका : आंचल
मेरा नाम राज है। मेरी उमर इस समय 24 साल की है। शादी के 3 साल बाद ही एक रोड दुर्घटना में भैया का स्वर्गवास हो गया था। मैं भाभी के साथ अकेला ही रहता था। मेरी भाभी का नाम ॠतू है। हमारा अपना खुद का बिजनेस था। भैया के स्वर्गवास होने के बाद मैं ही बिजनेस की देखभाल करता था।
दोस्तो, एक बार फिर से मैं समर हाज़िर हूँ आपके साथ इस कड़ी की चौथा भाग लेकर!
प्रेषक :राजा गर्ग