पचास साल की पड़ोसन
प्रेषक : फ़्लाई फ़्री
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मेरा नाम स्वयम् है, मैं पुणे का रहने वाला हूँ. मैं एक सॉफ्टवेयर कंपनी मैं काम करता हू. जो पुणे के हिन्जेवाड़ी आईटी पार्क एरिया में है.
मैं फोटो देखते हुए सोचने लगी कि काश मुझे मिल जायें ऐसे लंड तो मेरी चूत की तो लाइफ बन जाए और चुदवाने में और भी मज़ा आएगा आख़िरकार जो टक्कर होगी तो बराबरी की होगी।
अन्तर्वासना के पाठको, मैं चाहत खन्ना हूँ।
अन्तर्वासना की कहानी पढ़ने वाले मेरे यारो,
कहानी का पहला भाग: विशाल लंड से चुदाई का नया अनुभव-2
दोस्तो, अब मैं आपको काले के बारे में बता दूं जिससे चुदने की बात मैंने ढिल्लों से कह डाली थी। काले का कद लगभग ढिल्लों जितना ही था, यही कोई साढ़े छह फुट के करीब। रंग उसका ढिल्लों से भी काला था, आंखें बड़ी बड़ी गहरी लाल, ढिल्लों से भी सुडौल और बड़े शरीर का मालिक, देखने में सिरे का बदमाश लगता था और शायद कोई नशा भी करता था, जिसके कारण उसकी आंखें हमेशा चढ़ी रहती थीं।
सबसे पहले आप सब पाठकों को सादर प्रणाम!
पूस की सर्द रात थी, कभी-कभी बाहर हाड़ को कंपा देने वाली बर्फीली हवाएँ पत्तों से टकरा कर रात की नीरवता को चीरती हुई डरावनी शोर उत्पन्न कर रही थी, यह शोर किसी बेबस की चीत्कार सी लग रही थी। यह भयावह शोर मेरे भीतर एक अनजानी सी सिहरन पैदा कर रहा था।
प्रेषक : राधा, राज
शहनाज़- खुश हो तो दिखाओ अपना लंड! मैं अभी देखना चाहती हूँ इसी वक्त! और सुनो साली आधी नहीं पूरी घरवाली होती है। चोदना के माने है लौड़ा चूत में पेलना। अब पेलो अपना लंड मेरी चूत में, तब जाने दूँगी।
सदाबहार मुस्कराहट वाली गोरी गुड़िया-1
यशोदा पाठक
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मेरा नाम संजय है.. मेरी उम्र 20 वर्ष है। मेरी हाइट 5 फुट 5 इंच है.. रंग गोरा है और मैं जयपुर का रहने वाला हूँ। मैं दिखने में आकर्षक व्यक्तित्व का मालिक हूँ।
दोस्तो, मेरा नाम आशु है। मैं अहमदाबाद से हूँ और 22 साल का भोला और शर्मीला लड़का हूँ। मैं इन्जीनियरिंग का स्टुडैन्ट हूँ और अन्तर्वासना का बहुत बडा फ़ैन हूँ।
गाँव की गोरी को डॉक्टर दिल दे बैठे लेकिन बदकिस्मती से उन्हें दूर दिया पर हालात ऐसे बदले कि साहब को गोरी को इतना करीब लाया कि दोनों दो जिस्म एक जान हो गए..
प्रणाम दोस्तो, आप सबने मुझे जो प्यार दिया, उसका मैं आभारी हूँ।
प्रिय अन्तर्वासना पाठको
अब तक आपने इस सेक्सी स्टोरी में पढ़ा कि मेरी टीचर शिखा मेरे साथ मुहब्बत करने लगी थी और अब वो मेरे सामने ब्रा-पेंटी में खड़ी होकर मुझे बर्थडे का गिफ्ट देने जा रही थी।
प्रेषक : आकाश
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Bhavana Ka Yaun Safar-4
लेखक : नामालूम
अरूण मेरे बिल्कुल नजदीक आ गये। मेरी सांस धौंकनी की तरह चलने लगी। अरूण ने चेहरा ऊपर करके अपने होंठ मेरे होठों पर रख दिया। आहहहह… कितना मीठा अहसास था। उम्म्म्म्म… बहुत मजा आ रहा था। मेरी आँखें खुद-ब-खुद बन्द हो गई।
मेरी सेक्सी कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मुझे लगा कि चाची चुदवाने को राजी है पर जब मैंने लंड बाहर निकला तो चाची मुझे धमकाने लगी.