गुड़िया से बन गई चुदक्कड़ मुनिया-1
प्रेषिका : गुड़िया
प्रेषिका : गुड़िया
प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता
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तो दोस्तो, अब फिर एक बार मेरी ठुकाई की तैयारी पूरी हो चुकी थी, मेरे चोदू यार ने मेरी टाँगें उसने एक बार फिर अपने डौलों पर धर लीं और मेरी तह लगा दी मगर उसने खुद लौड़ा अंदर नहीं डाला और मुझसे बोला- डाल जट्टीये अपने आप अंदर!
प्रिया ने दीपाली को फ़ोन लगाया तो उसकी मम्मी ने उठाया और दीपाली को दे दिया।
अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा कि जवान लड़की की चूत संजय के लंड से चुदाई के लिए गर्म होने लगी थी और खाने के बाद डांस के दौरान वो और ज्यादा गर्म हो उठी थी।
अब तक आपने पढ़ा..
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मैंने उसकी गर्दन के पीछे अपना हाथ रखा और उसे अपनी तरफ खींचा, वो भी बड़े आराम से मेरी तरफ आई और अगले ही पल उसके रसीले होंठ मेरे होंठों की गिरफ्त में थे।
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लेखिका : दिव्या डिकोस्टा, अक्षिता शर्मा
मेरा नाम अमित है और मैं 21 साल का एक युवक हूँ, मेरी दीदी का नाम संगीता है। उसकी उम्र करीब 26 साल है। दीदी मुझसे 5 साल बड़ी हैं। हम लोग एक मध्यम वर्ग परिवार से हैं और एक छोटे से फ्लैट में मुंबई में रहते हैं।
मैं उत्तेजना में अपनी दोनों जाँघों को एक दूसरे से रगड़ रही थी और अपने दोनों हाथों से उन दोनों के तने हुए लौड़ों को अपनी मुठ्ठी में लेकर सहला रही थी। अब मुझे उन दोनों के चुदाई में देरी करने पर गुस्सा आ रहा था। मेरी चूत में मानो आग लगी हुई थी। मैं सिसकारियाँ ले रही थी।
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दोस्तो, मैं आशा करता हूँ कि आप लोगों को मेरे पुराने अनुभवों की कहानियां पसंद आई होंगी।
बहुत दिन हो गए आप से कोई कहानी शेयर करे। आज दिल किया एक पुरानी याद आप सब से सांझा करने का तो बैठ गया एक पुरानी याद एक नई कहानी के रूप में लिखने।
आपके सामने मैंने अपनी कहानी का पहला हिस्सा कानपुर से इलाहाबाद रखा था और इलाहाबाद से आगे बनारस का सफ़र अब लिख रहा हूँ।
प्यारे दोस्तो, यह मेरी पहली फ्री सेक्स कहानी है, उम्मीद करता हूँ कि आपको पसंद आएगी।
मेरी चोदन कहानी के पिछले भाग
इत्तिफ़ाक से-1
मेरा नाम लव है और मैं बिलासपुर जिले का रहने वाला हूँ. मैं दिखने में तो स्मार्ट हूँ, मेरी हाइट 5 फिट 8 इंच है. मेरा लंड साढ़े छह इंच लंबा और ढाई इंच मोटा है. मैं एक एथलेटिक्स बॉडी का लड़का हूँ. मैं अपनी 12 वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद कॉलेज की स्टडी करने रायपुर आ गया था.
दोस्तो, मेरा नाम सूरज है, मैं गाजियाबाद में रहता हूँ। शादी हो चुकी है, एक बेटा भी है। बीवी अच्छी है, शादीशुदा जीवन भी अच्छा चल रहा है। अन्तर्वासना का मैं पाठक हूँ। अकसर कहानियाँ पढ़ता हूँ, मेरी बीवी भी मेरे साथ ही बैठ कर कहानियाँ पढ़ती है और फिर बाद में जैसे कहानी में होता है, वैसे ही हम भी रोल प्ले करते हैं।
थोड़ी देर गांड मरवाने के बाद सुषमा बोली- यार मनोज, तुमने इस तरह का प्रोग्राम बना कर कई बीवियों के मन की इच्छा पूरी कर दी। वरना बिचारी एक ही लण्ड पे पूरी ज़िन्दगी निकाल देती हैं और तरह तरह के लण्ड के लिए हमेशा तरसा करती हैं।
प्रेषिका : सिमरन सोधी
हेल्लो दोस्तो!