हॉकी टूर्नामैंट के बहाने चूत गांड चुदवाई
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‘हवसनामा’ के अंतर्गत आज की यह कहानी एक ऐसे युवक फैजान से सम्बंधित है जो उन हालात का सामना करता है जिनसे वह राजी तो नहीं लेकिन जिन्हें बदल पाना उसके बस का नहीं था तो उन्हें चुपचाप स्वीकार कर लेने के सिवा और कोई चारा भी नहीं था। चलिये कहानी की शुरुआत फैजान के ही शब्दों से करते हैं।
मैं पठानकोट की रहने वाली हूँ और सांवली लेकिन भरे फ़ूले शरीर की मालकिन हूँ। मैं एक अच्छे खाते पीते परिवार की लड़की हूँ। मेरे पापा बहुत बड़े सरकारी अफसर हैं। मेरी मां एक पढ़ी-लिखी और फ़ेशनेब्ल स्त्री हैं, वहीं मेरे पापा बहुत ही शरीफ़ और इमानदार अफ़सर है। मेरा भाई विदेश में रहता है।
मेरा नाम कमल है। मैं 22 साल का हूं। मेरी गर्लफ़्रेंड का नाम श्वेता है, वो 21 साल की है। और उसकी फ़ीगर तो ऐसी थी कि पूछो मत … वो बहुत ही सुंदर है, एकदम गोरी चिट्टी लम्बे लम्बे काले बाल, हाइट करीब 5’5″ और फ़ीगर 36-25-38 है। उसका फ़ीगर मस्त है।
फिर मैं और सुनील होटल से बाहर आए सुनील के साथ बाइक पर बैठ कर चल दी।
मैं दिल्ली में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत हूँ. ये मेरी सच्ची कहानी है. यह दो वर्ष पहले की घटना है. मैं दिल्ली में अपनी पत्नी के साथ रहता था.
हाय दोस्तो.. मेरा नाम हेत पटेल है.. मैं 20 साल का लड़का बड़ोदा, गुजरात का रहने वाला हूँ। मेरे दोस्त मुझे चॉकलेटी ब्वॉय बोलते हैं क्योंकि मैं दिखता ही ऐसा स्वीट हूँ।
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम पायल शर्मा है। आप लोगों ने मेरी कई कहानियाँ पढ़ी और बहुत पसन्द किया इसके लिए धन्यवाद।
बिन्दू को गर्भ रह गया
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इस सेक्स कहानी में अभी तक आपने पढ़ा कि रात को मुझे सड़क किनारे एक लड़की मिली, वो खुद से मेरी गाड़ी में बैठ गयी और मुझे धमका कर उसने मेरे साथ सेक्स किया.
कहते हैं कि दाने-दाने पर खाने वाले का नाम लिखा होता है.. उसी तरह चूत पर भी लण्ड का नाम लिखा होता है।
समय का पता ही नहीं चला और 6 बज़ गए मैं भाभी को चोद कर हटा ही था कि हमें घंटी की आवाज़ सुनाई दी।
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प्रेषक : पंकज मयूर
लेखिका : रीता शर्मा
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मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, इसमें प्रकाशित सभी किस्म की चुदाई की कहानी पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। मैं यहाँ अपना नाम नहीं बताना चाहता.. आप सब मुझे लव बॉय कह सकते हो।
कहानी का पहला भाग : कंजरी मंजरी की पहली चुदाई-1
प्रेषक : बबलू
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लेखक : इमरान
अब तक आपने पढ़ा..
मुझे तो ज़ल्दी से माँ के साथ सोने की हड़बड़ी थी कि कैसे माँ से चिपक के उसके माँसल बदन का रस ले सकूँ। पर माँ रसोई साफ करने में ज़ुटी हुई थी, मैंने भी रसोई का सामान सम्भालने में उसकी मदद करनी शुरु कर दी।
प्रिय अन्तर्वासना पाठको