वेब से बेड तक- 2
प्रेषक : लव गुरू
प्रेषक : लव गुरू
हिंदी सेक्सी कहानी पढ़ने वाले मेरे प्यारे दोस्तो, मेरा नाम किंग है.. यह नाम बदला हुआ है. मैं नॉयडा का रहने वाला हूँ. मेरी हाइट 5’5″ है, रंग गोरा है. ये एक सच्ची घटना है जो मेरी सग़ी चुत चुदाई की प्यासी चाची के साथ हुई.
फ़िल्मी डांसरों की चूत चुदाई
प्रेषिका : पूजा राय
मेरी सेक्सी कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मुझे लगा कि चाची चुदवाने को राजी है पर जब मैंने लंड बाहर निकला तो चाची मुझे धमकाने लगी.
आपकी सारिका कंवल
अन्तर्वासना के मेरे सभी दोस्तों को मेरा यानि कि अरुण का नमस्ते।
दोस्तो, मैं आपका अपना राज गर्ग!
मेरी पिछली सेक्सी कहानी
बात उन दिनों की है.. जब मैं 19 साल का था और दिल्ली में डीयू के एक कॉलेज में पढ़ता था। उन दिनों मेरा लंड बहुत उठता था.. तब मैं किसी ना किसी को चोदने की फिराक में रहता था।
अब तक आपने पढ़ा..
हैलो दोस्तो.. सभी पाठकों को मेरा सादर प्रणाम. मैं आपका संचित.. फिर से अपनी एक नई आपबीती के साथ हाजिर हूँ.
साथियो.. जब मैंने अपना लण्ड सोनिया के सामने खोला तो उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। मुझे भी लगा कि पता नहीं चूत मिलेगी कि नहीं.. मैं भी उसकी तरफ ही देख रहा था तभी उसने मुझसे कहा।
नमस्कार दोस्तो.. आप सभी को मैं यानि मानव प्रणाम करता हूँ। मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ। मैंने बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी हैं.. इनमें से कुछ सही लगीं और कुछ काल्पनिक लगीं।
मेरे दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का पाठक हूँ. यह भाभी स्टोरी मेरी जिन्दगी की बिल्कुल सच्ची घटना है. और मेरी सबसे पहली कहानी है, कोई गलती हो.. तो माफ़ करना.
सम्पादक – इमरान
सबीना ने मोबाइल पर टाइम देखा तो दोपहर के तीन बजने वाले थे.
‘नहीं मुझे सारी कहानी विस्तार से बताओ और पूरी तरह से खुल कर बताओ कि कैसे तुमने अपनी बहन के साथ इतना बड़ा पाप किया। तुम्हें जब ऐसा करने में कोई शर्म नहीं आई तो फिर मुझे उस पाप की कहानी बताने में क्यों शर्म आ रही है?’
फिल्म एक्ट्रेस से होटल में मुलाकात
प्रेषक : हर्ष गुप्ता
दोस्तो, मैं आपकी अपनी सेक्सी सीमा सिंह, आज मैं आपको अपने पति, उनके दोस्त और दोस्त की बीवी के साथ हुये बीवी बदल कर चुत चुदाई करने का किस्सा सुनाने जा रही हूँ। अगर आप मेरी सभी कहानियां पढ़ना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए मेरे नाम पर क्लिक करें!
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प्रेषक : रोहित
आखिर इंतजार की घड़ी समाप्त हुई और बुधवार भी आ ही गया। संजय के जाते ही मैंने अरूण के मोबाइल पर फोन किया। तो उन्होंने कहा, “बस एक घंटे में गाड़ी दिल्ली स्टेशन पर पहुँच जायेगी… और हाँ, अभी फोन मत करना मेरे साथ और लोग भी हैं हम तुरन्त मीटिंग में जायेंगे। मीटिंग खत्म करके मैं उनसे अलग हो जाऊँगा… फिर 4 बजे के आसपास मैं तुमको फोन करूँगा।”