मेरा गुप्त जीवन- 115
फिल्म वाली मैडमों की खुले में चूत चुदाई
फिल्म वाली मैडमों की खुले में चूत चुदाई
दोस्तो नमस्कार, मैं विप्लव आज एक बार फिर से आपके लिए अपने जीवन की एक और सच्ची चुदाई की कहानी लेकर आया हूँ.
अगली सुबह से ही मैंने रोहन की उस फेसबुक आईडी पर निगाह रखना शुरू कर दिया।
कम्मो तो मुझ पर अपना सब कुछ लुटाने, सबकुछ न्यौछावर करने को प्रस्तुत ही थी; कमी तो मेरी तरफ से थी कि मैं इतनी बड़ी दिल्ली में कोई एकांत कोना नहीं तलाश पा रहा था. ऐसी बेबसी का सामना मुझे पहले कभी नहीं करना पड़ा था. कम्मो मुझसे चिपकी हुई चुपचाप थी, वो बेचारी कहती भी तो क्या.
प्यारे दोस्तो, आप सभी को सनी वर्मा का प्यार भरा नमस्कार!
“उफ्फ…अब हट भी जाइये, अब और कितना रगड़ोगे मुझे. आधा घंटा से ऊपर हो गया; मेरा तो दो बार हो भी चुका. थक गयी मैं बुरी तरह से सांस फूल गयी मेरी तो” मेरी रानी ने भुनभुनाते हुए कहा और मुझे परे धकेलने की कोशिश की.
प्रेषक : अजय त्रिपाठी
मैंने सलोनी को अपनी गोदी में उठाया तो उसने तुरन्त अपनी गोरी, लंबी चिकनी टांगों को मेरी कमर पर कस दिया, उसकी टाँगें लगभग नंगी थी उसके शॉर्ट्स हमेशा बहुत छोटे होते हैं और सिर्फ़ मुख्य भाग यानि चूत को ही ढकते हैं।
सम्पादक – इमरान
आप कहाँ जा रहे हैं?
हालांकि मेरे दिमाग में
इस मजेदार सेक्स कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि हम चारों होली की मस्ती भरे इस दंगल में कामुक रोमांस की शुरूआत कर चुके थे.
इस सेक्स स्टोरी में अभी तक आपने पढ़ा था कि ग्रुप सेक्स की ताबड़तोड़ चुदाई हुई. सभी ने रात को चार बजे तक चुत और गांड की चुदाई का मजा लिया. लड़कियों ने भी बदल कर लंड लिए और सब थक कर वहीं ढेर हो गए और सो गए.
क्यों नहीं? तो मारो ! मेरा भी मन कर रहा है ! प्रेम तो गाँड को हाथ भी नहीं लगाता।
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इमरान ओवैश
पिछली कहानी मैं आपने पढ़ा:
मेरा नाम रेहान है, मैं कोटा राजस्थान में रहता हूँ, मेरी उम्र 19 साल की है और मैं अभी पढ़ रहा हूँ।
प्रेषक : नीलिमा यादव
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रात के 11 बज रहे थे, मैं अंदर आ गया और एक मूवी लगाई और देखने लगा।
मेरा नाम प्रकाश है. मेरी उम्र 40 साल है. यह कहानी मेरे एक साल पहले घटी थी, जब मैं मुंबई से नागपुर ऑफिस के काम से जा रहा था.