दोस्त की भतीजी संग वो हसीन पल-5
नाईट बल्ब की लाइट में हम सीढ़ियाँ उतरने लगे। मूसल जैसे लंड से चुदाई के कारण मीनाक्षी चल नहीं पा रही थी। सीढ़ियाँ उतरते हुए तो मीनाक्षी की आह्ह निकल गई।
नाईट बल्ब की लाइट में हम सीढ़ियाँ उतरने लगे। मूसल जैसे लंड से चुदाई के कारण मीनाक्षी चल नहीं पा रही थी। सीढ़ियाँ उतरते हुए तो मीनाक्षी की आह्ह निकल गई।
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अब तक आपने पढ़ा कि सचिन को हालातों के चलते रूपा के साथ सोना पड़ा था और रात को नींद में जब रूपा उसके काफी नज़दीक आ गई तो उसने उसे छू लिया था। अगले दिन सुबह नहाते वक़्त रूपा पेशाब करने आई तो सचिन ने उसे नंगी देखा और उसे लगा कि शायद रूपा ने उसे आँख भी मारी थी। इस सब से वो बहुत उत्तेजित हो गया था और उसने नहाने से पहले मुठ मार ली।
मेरी रियल सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम सुभान है.. आज मैं अपनी जिंदगी की एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ। मुझे उम्मीद है कि आप सभी को मेरी यह कहानी पसंद आएगी।
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लेखिका: दिव्या रत्नाकर
हैलो दोस्तो, आज मैं आपको अपनी और अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ।
कुछ अधूरा सा-1
जैसे जैसे मेरा जंगलीपन बढ़ रहा था वो और ज़्यादा एंजाय कर रही थी।
सुबह के 4 बज रहे थे और मैं रोज़ की तरह अपनी सास के कमरे की ओर जा रहा था।
मैं राहुल आज़ आपको अपनी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूं।
हैलो दोस्तो,
हैलो, मैं राज गुजरात के एक छोटे से शहर से हूँ। मेरी शादी को 8 साल हो चुके हैं और मैं दो बच्चों का बाप हूँ। वैसे तो मैं अपनी सेक्स लाइफ से संतुष्ट हूँ.. पर हमारे दूसरे बच्चे के आने के बाद मेरी वाईफ मुझे महीने में 1 या 2 बार ही सेक्स करने देती है।
हैलो मेरा सभी अन्तर्वासना के पाठकों को प्यार भरा नमस्कार।
कथा : शालिनी भाभी (राठौर)
कहानी का पहला भाग : चाची की चूत की चिन्गारी-1
Chutiye ne Choot Fadi
मैं जानबूझ कर लंड माँ के सामने करके सहला रहा था। मैंने देखा माँ का ध्यान भी मेरे सुपारे पर ही था और वो बार-बार अपनी जाँघों को फैला रही थीं.. चूँकि नाईटी का आगे का भाग खुला हुआ था.. जिससे मुझे कई बार उसकी बुर दिखाई दी.. मैं समझ गया कि माँ एकदम गरम हो गई है.. मैं उसे और उत्तेजित करने के लिए हिम्मत बढ़ाते हुए एकदम खुल कर बात करने लगा।
शुभ चुदाई दोस्तो! मैं आनंद अपनी ही माँ प्रभा का पति!
दोस्तो,
प्रिय मित्रो.. मेरा नाम लक्ष्मी है, मैं दिल्ली में रहती हूँ, अभी कुछ महीने पहले ही मैंने पहली बार चुदाई का मज़ा लिया है। अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ती थी तो आज दिल किया की दूसरों की चुदाई की कहानी पढ़ने में जब इतना मज़ा आता है तो अपनी चुदाई की कहानी सुनाने का रोमांच कैसा होगा। कहानी लिखने का अनुभव नहीं था तो मेरे एक मित्र राज से मदद करने को कहा तो उन्होंने कहानी लिखने में मेरी मदद की। खासतौर पर कहानी को हिंदी में लिखने में बहुत मदद की। मेरी कहानी छोटी सी है। और यह शुरू तब हुई जब मेरी दीदी की शादी हुई।
सम्पादक – इमरान
प्रेषक : श्रेयस पटेल