शारीरिक आकर्षण या प्रेम
Sharirik Aakarshan Ya Prem
Sharirik Aakarshan Ya Prem
दोस्तो, मेरी हिंदी सेक्स कहानियाँ आपको पसंद आती हैं, यह आपके भेजे मेल्स को पढ़कर पता चलता है और अच्छा लगता है।
और यह बोलते हुए वो अपने दोनों पैर मेरे पैरों के दोनों किनारे रख कर मुझ पर बैठ गई और मेरे होठों को चूमना शुरू कर दिया। मैं भी उसके रेशमी बालों को सहलाते हुए उसे चूमने लगा और हम दोनों की प्रेमक्रीड़ा शुरू हो गई।
नमस्ते दोस्तो, आज तक अन्तर्वासना पर मैंने बहुत सारी सेक्स स्टोरी पढ़ी हैं. कुछ कहानी बहुत पसंद आई, तो कुछ सिर्फ ठीक ठाक लगीं. लेकिन एक बात पक्की हुई कि मेरा लंड सभी कहानियों को पढ़ कर झूमा.
पिछले भाग में आपने पढ़ा –
हाय फ्रेंड्स मेरा नाम उमर सलमान ख़ान है, हिमाचल में रहता हूँ। मैं अपनी चचेरी बहन की चूत चुदाई की कहानी बता रहा हूँ।
सभी को नमस्कार, आपने मेरी पिछली कहानियाँ पढ़ीं और आपकी प्रतिक्रिया के आधार पर मैं अपनी अगली कहानी लिखने जा रहा हूँ। मेरी पिछली कहानी सोनाली की बहन भी चुदी को आपके बहुत रेस्पॉन्स मिले, उसके लिए शुक्रिया।
लेखक : सनी
नमस्कार, मेरा नाम मोहित पवार है, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मेरे मस्त लौड़े की तरफ से सभी की चूत को प्यार भरा नमस्कार!
नमस्ते दोस्तो, मेरी पिछली कहानी
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यारा नमस्कार।
दोस्तो.. आप अब तक कहानी को धैर्य और उत्साह के साथ पढ़ रहे हैं, और पढ़ ही नहीं रहे हैं बल्कि कमेंट के जरिये मेरा हौसला भी बढ़ा रहे हैं, इसके लिए मैं आप लोगों का शुक्रगुजार हूँ।
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नमस्ते दोस्तो, मैं विशाल कड़ेला एक बार फिर अपनी दूसरी चुदाई की स्टोरी लेकर आपके बीच में हाजिर हूँ. मेरी उम्र 20 साल, मेरा कद 5 फुट 11 इंच है.. रंग मध्यम है.. मै थोड़ा भारी हूँ या यूँ कहूँ कि भरा पूरा हूँ। मेरे सेक्सी बदन को देखकर लड़कियाँ मुझे पसंद करती हैं। और मैं बी ए के सेकंड ईयर में पढ़ता हूँ. मैं पश्चिमी हरियाणा का रहने वाला हूँ.
मैं सैक्स की भूखी किसी चुदक्कड़ वेश्या की तरह छटपटा रही थी उनके लंड के लिये।
मैं काफ़ी समय से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। अधिकतर झूठी कहानियों के बीच इसकी कुछ कहानियाँ मुझे बहुत अच्छी लगी।
प्रिय पाठको,
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और क्या हाल हैं जी?
सीमा- तो खुद ही उतार दो ना… ये सब काम आपके हाथ से ही अच्छे लगते हैं।
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एक दिन सविता भाभी अपने पति अशोक के वीकएंड में भी काम करने के कारण खुद को काफी बोर महसूस कर रही थीं, उनका किसी काम में मन नहीं लग रहा था।
दोस्तो, मेरा नाम जय है, मैं अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज नियमित रूप से पढ़ता हूँ। हर रोज की कहानियों को पढ़ते हुए और इससे मुझे अपना अनुभव भी आप लोगों से साझा करने की प्रेरणा मिली है।
प्रिय दोस्तो, जैसा मैंने पिछली कहानी ‘दिल्ली की साक्षी’ में अपनी आपबीती सुनाई। आप सब लोग इतना पसंद करेंगे, मैंने कभी सोचा नहीं था ! आज मैं आपको अभी हाल में ही घटी एक घटना के बारे में बताता हूँ।
मेरा नाम रिशु है मैं जब स्कूल में पढ़ता था, उस समय से ही मुझे देसी औरतों की सेक्स वीडियो और अन्तर्वासना पर उनकी चुदाई की कहानी पढ़ने का बड़ा शौक लग गया था. हम लोगों का परिवार शहर में गाँव से आकर बसा था, वहाँ मेरे पड़ोस में भी एक परिवार कहीं से आकर बस गया था. हम लोग उन्हें अंकल जी, आंटी जी कहा करते थे. हम लोगों के परिवार से उनका संबंध बहुत अच्छा हो गया था. पारिवारिक पार्टी, साथ में बाजार एवं मूवी देखने जाना आदि सब होने लगा था.