मेरी बीवी की सहेली
मेरा नाम राहुल है। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मेरी उम्र 30 साल है, मेरी शादी को 6 साल हो गए हैं। मेरी बीवी बहुत ही खुले विचारों वाली है और सेक्स में मेरा काफी साथ देती है।
मेरा नाम राहुल है। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मेरी उम्र 30 साल है, मेरी शादी को 6 साल हो गए हैं। मेरी बीवी बहुत ही खुले विचारों वाली है और सेक्स में मेरा काफी साथ देती है।
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हैलो दोस्तो, मेरा नाम पिंटो है, मैं मुंबई का रहने वाला हूँ। यह कहानी अंतर्वासना पर मेरी पहली कहानी है।
मेरी हॉट इंडियन चुत को नए नए लंड की जरूरत थी. मुझे बस चुदने का बहाना चाहिए. सामने कोई भी क्यों न हो, बस मर्द होना चाहिए जो मुझे रगड़ कर रख दे.
प्रेषिका : स्लिमसीमा
‘ओह नो … इट्स हॉरीबल …’ मेरे मुँह से शब्द निकले. अन्दर जो हो रहा था, उसे देख कर मैं शॉक हो गयी थी. अन्दर दादाजी सोनल के पास बैठे थे और अपने हाथों से सोनल का गाउन ऊपर उठाया हुआ था. वे उसके पैरों पर अपने हाथ घुमा रहे थे. धीरे धीरे उनका हाथ उसकी जांघों की तरफ बढ़ने लगा था. उनकी उंगलियां सोनल की पैंटी के बॉर्डर पर घूम रही थीं और एक उंगली उसकी चूत की दरार पर पैंटी के ऊपर घूम रही थी. कुछ ही पलों में उन्होंने अपना पूरा हाथ सोनल के त्रिकोणीय खजाने पर रखा और उसकी चूत को मसलने लगे.
बीवियाँ हालाँकि अपने रिश्तों के प्रति ईमानदार थीं लेकिन खेल के माहौल में दूसरे मर्द के गुप्तांग का नजारा उनकी आँखों और दिमाग़ में चढ़ गया।
आज मैं आपको एक सच्ची और अनोखी कहानी सुनाता हूँ। मैं जब स्कूल में पढ़ता था तो मेरे पड़ोस में एक युगल रहने आया, उन्हें हम सभी भाई-बहन अंकल-आंटी कहते थे। आंटी की उम्र करीब 28 साल थी, उनका फिगर 36-24-42 था। अकसर उनकी ब्रा का पीछे का हुक खुला रहता था। यही वह बात थी जिससे मेरा मन सेक्स की ओर गया।
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दोस्तो, मेरा नाम रोमी है। जयपुर का रहने वाला हूँ। जवान जिस्म की चुदाई की ये कहानी बिल्कुल सच्ची है। बात 2 साल पहले की है जब मैं जयपुर की एक निजी कंपनी में काम कर रहा था। सुबह काम पर जाता और शाम को वापस घर आना … यही चलता था। लेकिन कभी कभी कंपनी मुझे टूर पे भी भेजती थी काम से!
प्रेषक : सुज़ान कौर
हैलो फ्रेंड्स, ये मेरी पहली और सच्ची कहानी है और मैं ये सच्ची कहानी सबसे पहले आप लोगों के साथ साझा करना चाहता हूँ. मेरा नाम शुभम भरद्वाज है और मैं मेडिकल का स्टूडेंट हूँ. मैं दिखने में ठीक-ठाक हूँ. मेरा रंग सांवला है, पर एक जबरदस्त कशिश है. मैंने अपना लंड कभी नापा नहीं, लेकिन मस्त है.
बात उन दिनों की है.. जब मैं कानपुर में हॉस्टल में रहती थी। मेरी उम्र उस समय 21 साल थी। मेरा मन सिर्फ़ पढ़ने में व्यस्त रहता था। साथ की लड़कियाँ अपने-अपने ब्वाय फ्रेंड्स के साथ बात करने में हमेशा व्यस्त रहती थीं और काफ़ी चुलबुली भी थीं।
मेरा नाम प्रेम है, मैं आपको अपने दोस्त की कहानी बताने जा रहा हूँ, उसका नाम आयुष है, वो दिखने में सुन्दर व आकर्षक है। वो देखने में ऐसा है कि जो लड़की उसे एक बार देख ले.. उस पर मर मिटती है, वो ऐसा ही करिश्माई लड़का था।
कहानी का पिछला भाग: तलाकशुदा माँ की अगन-3
दोस्तो, मेरी भाई बहन की सेक्स स्टोरी के पिछले भाग में आपने पढा़ कि मेरे भाई ने मेरी चूत और गांड को जमकर चोदा. उसने मेरी गांड की चुदाई तो इतनी जबरदस्त तरीके से कर दी थी कि मेरी गांड तो पूरी फट ही गई थी.
अब तक आपने पढ़ा..
अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा प्यार और धन्यवाद ! आप लोगों को मेरी पिछली कहानी बहुत पसंद आई।
इमरान
भाभी के साथ मस्ती की चूत चुदाई
अन्तर्वासना पर काफी कहानियाँ पढ़ने के बाद मैं खुद रोक नहीं पाया और अपनी कहानी लिखने का मन कर ही लिया।
प्रेषक : जोर्डन
अब तक आपने पढ़ा कि कैसे भाई बहनों के दो जोड़ों ने रक्षाबंधन के प्यार भरे त्यौहार को अपने जैसे वासना में भीगे हुए परिवारों के हिसाब से ना केवल पुनः परिभाषित किया बल्कि उसे एक उत्तेजक रूप और एक नया
प्रेषिका : लीला