चचेरी बहन से प्यार
प्रेषक : लकी
प्रेषक : लकी
अर्जुन
अब तक आपने पढ़ा कि मेरे दूध चूसने से मैडम मदहोश होने लगीं.. वे थोड़ी देर बाद अकड़ गईं।
मेरा नाम रानी है, मैं एक अच्छे परिवार से हूँ, मेरे दो बच्चे भी हैं। मेरा फिगर यही कोई 38-29-36 है, रंग हल्का सांवला और दिखने में सेक्सी लगती हूँ।
अन्तर्वासना के पाठकों को आपकी प्यारी नेहारानी का प्यार और नमस्कार।
मेरा नाम रवि है.. मैं कानपुर से हूँ, अभी मैं 21 साल का हूँ.. मेरी फैमिली में मैं मेरी बहन मनीता और मेरी माँ रजनी हैं। हम सब कानपुर में रहते हैं।
मैं दुनिया में बिल्कुल अकेली थी। मेरे माँ-बाप बचपन में ही एक दुर्घटना में चल बसे थे। मेरे मामा ने ही मुझे पाल-पोस कर बड़ा किया था। एम कॉम तक मुझे पढ़ाया था। मेरे मामा भी बहुत रंगीले थे। बचपन से ही वो मेरे शरीर से खेला करते थे। मेरे छोटे छोटे मम्मों को वो खूब दबाते थे। मेरी कम समझ और विपरीत लिंग आकर्षण के कारण मुझे इसमें बहुत आनन्द आने लगा था। बस उन्होंने रिश्तों का लिहाज करके मुझे चोदा नहीं था जबकि मुझे तो चूत में बहुत ही खुजली होती थी।
दोस्तो, चार साल के बाद एक बार मेरे साथ फिर से एक घटना हुई और इसे भी मैं आप सब के साथ बांटना चाहता हूँ। शायद आप लोगों को मेरी पहली घटना याद हो
मेरा नाम राहुल है। मैं गोरा तो ज्यादा नहीं हूँ, पर कसरती बदन जरूर है। मेरी आयु इस वक्त तेईस साल है और मैं गुजरात के गांधीनगर में एक छोटे से परिवार का नौकर हूँ।
प्रेषक : हरीश
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सम्पादक : इमरान
नमस्कार दोस्तो, मैं नरसिंह प्रधान फिर एक बार अपनी मजेदार अनुभव को लेकर प्रस्तुत हूँ. अपने नये पाठकों को अपना परिचय दे दूँ. पेशे से मैं एक सेंट्रल गवर्मेन्ट स्कूल का हेड मास्टर हूँ. मेरी उम्र 56 साल है, कद 5.8 का है. मैं थोड़ा मोटा सा हूँ, मेरी तोंद निकली हुई है. बड़ी बड़ी मूंछे हैं. पूरे शरीर में छोटे छोटे में घने बाल हैं. मुझे हमेशा टिपटॉप में रहना पसंद है.
दोस्तो,
अब तक की इस चुदाई की कहानी में आपने पढ़ा था कि रोहण चाचा के साथ उनके दो और साथी भी मुझे चोदने के लिए तैयार हो उठे थे.
एक हफ्ते पहले मैं ट्रेन से दिल्ली से मुंबई की यात्रा कर रहा था। मेरा टिकट कन्फर्म नहीं था.. इसलिए मुझे जनरल बोगी में यात्रा करना पड़ रही थी। जनरल बोगी में मुझे आराम से सीट मिल गई थी.. क्योंकि ये ट्रेन लंबी दूरी की थी और इसके स्टॉपेज भी बहुत कम थे।
समीर सनम
पहले अमन ने मेरी माँ का ज़ोर का चुम्मा लिया और उसके मम्मे दबाए। मेरी माँ की दर्द के माँरे आँखें फट गईं लेकिन मुँह बंद होने की वजह से कुछ बोल नहीं पाईं।
नमस्कार दोस्तो, मैं आपका दोस्त अमन एक नयी कहानी लेकर आपके सामने आया हूँ, उम्मीद करता हूँ कि आपको पसंद आयेगी।
नलिनी भाभी- क्या अंकुर? खुद तो सोते रहते हो पर यह हमेशा जागता ही रहता है?
सम्पादक – जूजा जी
Bhai Bahan Xxx कहानी में पढ़ें कि अब्बू अम्मी के बाद मैं और भाईजान ही थे. जवानी में मुझे बॉयफ्रेंड की कमी लगी. भाई को मैं पसंद करती थी. मैंने उनको कैसे उकसाया?
मेरा नाम अर्शदीप कौर है लेकिन सब मुझे प्यार से अर्श कहते हैं।
अन्तरवासना के सभी पाठकों को प्रियम दुबे का नमस्कार।