दोस्त और पत्नी पर भरोसा नहीं है मुझे
मेरी पत्नी और मेरा एक दोस्त एक ही ऑफिस में काम करते हैं।
मेरी पत्नी और मेरा एक दोस्त एक ही ऑफिस में काम करते हैं।
हेलो दोस्तो,
प्रेषिका/प्रेषक ?: पुष्पा सोनी/संजय ?
मेरा नाम संगीता है। मैं गुजरात के धोलका नामक शहर से हूँ. मेरा रंग गोरा, बदन 38-28-36 है, जिससे दिखने में तो कोई भी मुझे खूबसूरत कह सकता है।
नेहा वर्मा
पापा फिर बोले- यू नो न! आई ऍम गुड।
🔊 यह कहानी सुनें
दोस्तो, मैं अर्पिता एक बार फिर हाजिर हुई हूँ मेरी जवानी की प्यास की कहानी लेकर. सबसे पहले तो आपका बहुत-बहुत धन्यवाद कि आपने मेरी पहली कहानी
प्रणाम दोस्तो.. मैं आपका सनी गांडू आपके लिए अपनी लेटेस्ट गाण्ड चुदाई लेकर फिर से हाज़िर हूँ।
🔊 यह कहानी सुनें
रीटा कान्वेंट स्कूल की अति आधुनिक विचारों वाली सैक्सी छात्रा थी. रीटा अमेरीकन माँ और भारतीय बाप की इकलौती, खूबसूरत, चिकनी दोगली औलाद थी. गोल मासूम चेहरे पर रेशमी बाल, खूब उभरी हुई कश्मीरी सेबों सी लाल लाल गालें, मोटी मोटी गीली नशीली और बिल्ली सी हल्की भूरी बिल्लौरी आँखें, रस भरे लाल उचके हुऐ मोटे होंट जैसे लॉलीपोप को चूस्सा मारने को लालयित हों.
सभी तड़कते-फड़कते हुए आशिक़ों और चाहने वाले दोस्तों को मेरा नमस्कार। जैसा कि आप सबको पता है होली आ गई है इसलिए मैं आपको आज मेरी होली की आप-बीती सुनाती हूँ। आजकल के लड़के जब किसी सुन्दर लड़की को देखते हैं तो दिल करता है जल्दी से लड़की के नीचे के कपड़े खोल लूँ और अपने पास जो औज़ार है उसे घुसा दूँ।
मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे प्रमोद ने सफलतापूर्वक अपनी देसी बीवी को पेरिस के एक बीच पर पूरी नंगी कर लिया और समुद्र के पानी में छिप पर खुलेआम चुदाई भी कर डाली.
यह मेरी गर्लफ्रेंड नीलोफर के साथ पहले सेक्स की कहानी है. मेरा नाम गुलाम ग़ौस है, मैं इलाहाबाद का रहने वाला हूँ. मेरी उमर 19 साल की है और मैं बहुत जल्द 20 का हो जाऊंगा क्योंकि मेरा बर्थडे आने वाला है.
लेखक : राज शर्मा
🔊 यह कहानी सुनें
मुंबई से आने बाद पहली बार पुणे में मैंने सुनयना नाम की शादीशुदा भाभी को चोदा और आज तक उस भाभी की चूत चुदाई भूल नहीं पा रहा हूँ।
पहली मोहब्बत एक नशा एक जूनून-1
नेहा वर्मा
सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को सन्नी शर्मा का कोटि कोटि प्रणाम!
लेखक : रोहित
फ्री सेक्स कहानी का पहला भाग
🔊 यह कहानी सुनें
दोस्तो, आज मैं आपके सामने एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ।
बीते दिनों की बात है, मैं हमेशा की तरह ट्रेन में सफ़र कर रहा था, बारिश के कारण ट्रेन में भीड़ नहीं थी। एक डिब्बे में सिर्फ 5-6 लोग अलग अलग बैठे थे। मैं छुप-छुप कर सेक्सी कहानियों वाली किताब पढ़ रहा था और उस पर मैंने एक कवर चढ़ा रखा था जिससे किसी को पता न चले। मेरे बाजू वाली सीट खाली थी।