मेरी चालू बीवी-80
सम्पादक – इमरान
सम्पादक – इमरान
मुझे अपनी चूत की चिन्ता नहीं थी क्योंकि मुझे अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिये मेरी ससुराल में ही कोई भी लंड मिल सकता था।
प्रेषक – माही सक्सेना
एक पुरानी कहानी
मेरे सभी प्यारे पाठकों के लंड को आपके अपने सरस की तरफ से नमस्कार और सभी खूबसूरत हसीन पाठिकाओं की नाजुक गुलाबी चूत को प्यार भरा चुम्मा. सभी खूबसूरत पाठिकाओं से अनुरोध है कि जिन्होंने भी अपनी चूत पर मेरी गर्म सांसों को महसूस किया हो, मुझे जरूर लिखें.
मैं भी झाड़ियों के पीछे चला गया और पेशाब करने लगा।
शेफाली मेरी दोस्त और जूनियर थी। हम दोनों एक ही गर्ल्स हॉस्टल में रहते थे। उसने कभी सेक्स नहीं किया था और हम दोनों देर रात तक सेक्स की बातें किया करते थे।
बड़ी अदा से रीटा ने बहुत लाहपरवाही से अपनी सुडौल टांग को सुकौड़ कर मासूमीयत से पैर के नाखूनों पर नेलपालिश लगाने लगी. काली स्कर्ट शीशे से गौरे चिकने पट्टों से सरकती चली गई और टयूब लाईट में रीटा की लाल पेंटी की ओट में से रीटा की बच्ची सी लरजाती चूत कच्छी के पीछे से राजू को निहारने लगी. रीटा की टाईट पेंटी चलने की वजह से और ठरक के जूस से इकट्ठी हो कर चूत और चूतड़ों में घुस कर दुबक सी गई थी. गुलाबी चूत की अकड़ी मक्खन सी उजली फांकों का हुस्न देख राजू के लन ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. राजू पास पड़ी गद्दी से लण्ड को छुपा कर हाथ से लण्ड को रगड़ कर शान्त करने लगा.
मैंने घड़ी देखी तो शाम के पांच बजे रहे थे, यह मेरे पड़ोसी के बेटे चिंटू के आने का समय था, उसे मैं केमिस्ट्री की ट्यूशन पढ़ाती हूँ। कैसे पढ़ाती हूँ, वो आप लोगो को भी बताऊँगी।
अब तक आपने पढ़ा..
दोस्तो, इस विषय पर आपने मेरा हालिया लेख
This is more a Love Story than a Sex Story
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दोस्तो नमस्कार,
दोस्तो, मेरा नाम जय है और मैं जयपुर में रहता हूँ. मैं अपनी पहली कहानी अन्तर्वासना पर शेयर करने जा रहा हूँ. ये मेरी ट्रू सेक्स स्टोरी है.
प्रेषक : पार्थ
अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि फ्लॉरा टीना और सुमन आपस में ग्रुप सेक्स को लेकर बातें कर रहे थे. फ्लॉरा सुमन से भी चुदाई में शामिल होने का कहती है लेकिन सुमन मना कर देती है.
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दोस्तो, मेरे द्वारा लिखी गई यह कहानी महज एक कल्पना पर आधारित है, इस कहानी से किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंचाना मेरा उद्देश्य नहीं है लेकिन यह कहानी सचाई को आपके सामने रखती है, जैसे आज कल लोग सोचते हैं, हमारी अन्तर्वासना हमसे कुछ ऐसा करा देती है जिससे हम किसी रिश्ते को नहीं मानते ! रह जाता है तो बस मर्द और औरत का रिश्ता !
हाय दोस्तो, मैं विराट आप सबके लिए अपनी कहानी को आगे बढ़ाते हुए एक बार फिर से हाजिर हूँ. आप सबने मेरी पिछली कहानी
अब तक आपने पढ़ा..
अन्तर्वासना पर चुदाई की कहानी के पाठक दोस्तो,
मेरी कहानी आज से 4 वर्ष पहले की है.. मेरे घर के बगल में 3 बहनें रहती थीं उस समय उन तीनों की उम्र उनके नाम के साथ लिख रहा हूँ..
दोस्तो, मैं राज कोलकाता से !
मैं आपका रोहित फिर से आपके लिए लेकर आ गया हूँ एक चटपटी लेकिन सच्ची कहानी…