मेरे सामने वाली खिड़की में-2
दोस्तो, मैं आपका अपना सरस एक बार अपनी कहानी के अगले भाग के साथ फिर से हाजिर हूं. मेरे जिन पाठकों और पाठिकाओं ने कहानी का पहला भाग नहीं पढ़ा हो, वो
दोस्तो, मैं आपका अपना सरस एक बार अपनी कहानी के अगले भाग के साथ फिर से हाजिर हूं. मेरे जिन पाठकों और पाठिकाओं ने कहानी का पहला भाग नहीं पढ़ा हो, वो
नमस्कार दोस्तो… मैं आपका दोस्त सोनू दोबारा आपके लिए अपनी कहानी लेकर हाज़िर हुआ हूँ. आप सभी ने अपने ईमेल के द्वारा बहुत सारा प्यार दिया.
दोस्तो, मेरा नाम अर्जुन है, मेरी उम्र 23 साल.. लम्बाई 5 फुट 9 इंच.. रंग गोरा है।
सम्पादक जूजा
सारिका ने निश्चय कर लिया था कि वो किसी भी सीमा तक मौज मस्ती में दीपक का साथ देगी और उससे कुछ छिपायेगी नहीं!
दोस्तो, नमस्ते, कैसे हैं आप लोग?
फ्री देसी सेक्स गर्ल स्टोरी में पढ़ें कि मैं अपनी कामवाली की जवान बेटी को पटाने के चक्कर में उसे दाने पे दाना डाले जा रहा था. लग रहा था कि चिड़िया जाल में फंस जायेगी.
कहानी का पिछला भाग: एक लंड और पूरे परिवार की चुदाई-1
प्रेषक : अन्नू
दोस्तो, मैं अपनी सुहागरात की सच्ची कहानी ज्यों की त्यों लिख रहा हूँ, इसमें कोई भी बनावटी बातें नहीं हैं।
प्रेषक : संदीप
दोस्तो, मेरी पिछली कहानी मामी की चुदाई की अधूरी दास्तान में अधूरी रही कहानी पिछले सप्ताह पूरी हो गई है जिसके बारे में आज मैं आपको बताने जा रहा हूँ.
मैं एक दिन चैट कर रहा था कि तभी कोई शालिनी ऑनलाइन आई, अपना परिचय दिया और मेरा परिचय लिया।
यह उस समय की बात है जब मैं अपने गाँव से 150 किमी दूर शहर में रहकर बीकॉम 2 की पढ़ाई कर रहा था। शहर में मैं कमरा लेकर अकेला रहता था, मैं अलग से फ़ैमिली रूम में रहता था इसलिये वहाँ आस-पास के लोगों से अच्छी जान-पहचान हो गई थी। और तो और मेरी मकान मालकिन और उनकी चारों बेटियों से मेरा अच्छा लगाव हो गया था, उनकी चारों बेटियाँ बहुत खूबसूरत थी, मगर इन सभी का मेरे लिए महत्व नहीं था क्योंकि मैं किसी और को चाहता था, वहीं मेरे रूम के सामने एक परिवार रहता था, जो मेरी मकान मालकिन के कोई रिश्तेदार लगते थे। उसके घर में थे तो कई लोग पर सिर्फ़ तीन लोग ही रहते थे, मेरी वाली अमृता, उसकी मम्मी और बड़ी बहन रीमा!
अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि संजय ने पूजा की कमसिन चुत में काफी अन्दर तक लंड पेल दिया था और अन्दर-बाहर करने लगा था.. उधर पूजा बेहोश हो चुकी थी.
हेलो दोस्तो!
🔊 यह कहानी सुनें
मैं अजीब कशमकश में था… मेरा दिमाग मेरा साथ नहीं दे रहा था, साथ ही अंजलि की कमसिन जवानी का नशा मुझे कुछ सोचने नहीं दे रहा था.
मेरी तरफ से अन्तर्वासना के सभी पाठकों को नमस्कार। मेरा नाम आलोक है मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। यह अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी है उम्मीद करता हूँ आपको जरूर पसंद आएगी।
सभी भाभी जी लोगों को और अन्तर्वासना के पाठकों को आपके अरमान का नमस्कार! दोस्तो मेरी पिछली सेक्स स्टोरी
अब तक आपने पढ़ा..
मेरा नाम राघव है, जयपुर से हूँ।
राज का मन बार बार रूपल को सोच सोच कर तड़प जाता था। जाने रूपल में क्या ऐसी कशिश थी कि उसका दिल उसकी ओर खिंचा जाता था। साहिल की तकदीर अच्छी थी कि उसे ऐसी रूपमती बीवी मिली थी। आज भी राज का लण्ड उसके बारे में सोच सोच कर तन्ना उठा था। अंजलि राज की पत्नी थी, पर कहते हैं ना दूसरो की चीज़ हमेशा अच्छी लगती है, शायद राज का यही सोचना था। उधर अंजलि भी साहिल पर शायद मरती थी। ऐसा नहीं था था रूपल और साहिल भी राज और अंजलि की तरफ़ आकर्षित नहीं थे, उनका भी यही हाल था।
प्यारे दोस्तो, आज आपके लिए पेश है मामा भांजी के सेक्स की एक काल्पनिक कहानी जो सिर्फ आपके मज़े के लिए लिखी गई है।
प्रेषिका : माया