चुम्बन से शुरू गांड पे खत्म-4
आपने अब तक पढ़ा..
आपने अब तक पढ़ा..
दोस्तो, मेरा नाम संजू गुप्ता है, उम्र 24 साल, अभी मेरी शादी नहीं हुई है। मेरे परिवार में 7 लोग हैं।
अब तक आपने पढ़ा..
पिंकी सेन
मेरी दीदी की चुदाई स्टोरी उस समय की है, जब मैं अपने चाचा के यहाँ ग्रेजुएशन करने दिल्ली गया था. उस घर में चाचा-चाची और मेरी चचेरी बहन मतलब उनकी बेटी रहते थे. वैसे उनका एक भाई भी है, लेकिन वो मुम्बई में जॉब करते हैं. मैं जहाँ से हूँ वहाँ पर केवल 12वीं तक पढ़ाई होती है
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मेरी चोदन कहानी के पिछले भाग
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(गाँव से दिल्ली)
माँ-बेटी को चोदने की इच्छा को मन में लेकर फिर मैं कॉलेज खत्म होने का इन्तजार करने लगा और फिर घर जाते मैंने शेव किया और माँ से बोला- आज रात का खाना मैं अपने दोस्त के यहाँ से ही खा कर आऊँगा, आप मेरे लिए इन्तजार मत करना। आप और पापा वक्त से खाना खा लेना।
नमस्कार दोस्तो मैं आ गई अपनी सेक्स कहानी के नए रसीले पार्ट के साथ.. तो चलो वहीं से शुरू करते हैं.
इस मजेदार सेक्स कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि हम चारों होली की मस्ती भरे इस दंगल में कामुक रोमांस की शुरूआत कर चुके थे.
दोस्तो, कैसे हो आप सब? उम्मीद करता हूँ कि आप सब अच्छे होंगे. सभी लंड धारकों को टाइम पर चूत और सभी चुतवालियों को समय पर लंड मिल रहा होगा. वैसे भी जिनके पास चूत और लंड का कोई इंतजाम नहीं होता है, उनके लिए अन्तर्वासना तो है ही. अन्तर्वासना की सेक्स कहानी पढ़ते रहिए और लंड और चूत का ध्यान रखते रहिए … बस यही कहना चाहूंगा कि अपना हाथ जगन्नाथ ही आड़े वक्त में काम आता है. बाकी आप सब खुद ही समझदार हैं.
मेरी बहन की चुदाई बात तब की है जब मैं अपनी बीवी और छोटी बहन रूपा के साथ दिल्ली में रहता था। मैं एक 26 वर्षीय डाक्टर हूँ। मेरे घर में मेरी बीवी 22 साल कद 5 फुट 5 इंच और मेरी 18 वर्षीया बहन रूपा कद 5 फुट 7 इंच ही रहते हैं। मेरे पापा और मम्मी गाँव में रहते हैं। पढ़ाई की वजह से मेरी बहन रूपा भी मेरे साथ दिल्ली रहने को आ गई थी।
मुझे ज्यादा पीने नहीं दिया गया क्योंकि मेरा पहला मौका था और पीने के बाद पता चला कि यह शराब है।
मैं नाश्ता करके घर चला गया, जाकर नहाया फिर सोने के लिए पलंग पर लेट गया और प्यारी सलहज के बारे में न चाहते हुए फिर सोचने लगा कब नींद लगी पता नहीं चला।
प्रेषिका : परी
प्रेषक : जय
लेखिका : कमला भट्टी
पिछले भाग से आगे..
मैं राजेश एक कंपनी में काम करता हूँ और मेरे साथ लड़कियाँ और औरतें भी काम करती हैं। मैंने एक माँ और बेटी दोनों को एक साथ तो नहीं पर एक ही बिस्तर पर चोदा है। वो बात अलग है कि मेरी शादी के बाद दोनों अब मुझसे नहीं चुदवाती।
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प्रिय दोस्तो, जैसा मैंने पिछली कहानी ‘दिल्ली की साक्षी’ में अपनी आपबीती सुनाई। आप सब लोग इतना पसंद करेंगे, मैंने कभी सोचा नहीं था ! आज मैं आपको अभी हाल में ही घटी एक घटना के बारे में बताता हूँ।
प्रेषक : राहुल कपूर
लेखक : इमरान