ससुराल गेंदा फ़ूल-2
सवेरे मैं सुस्ती में उठी… अलसाई सी बाहर बरामदे में आ गई और कसमसाते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए अपने बोबे को पूरा बाहर उभारते हुए अंगड़ाई ली… कि पीछे से एक सिसकारी सुनाई दी- आरती जी… ऐसी अंगड़ाई से तो मेरे दिल के टांके टूट जायेंगे…! गुड मॉर्निंग…!’ साहिल मुसकराता हुआ बोला.