पड़ोसन चाची की चुदाई उनके ही घर-2
🔊 यह कहानी सुनें
🔊 यह कहानी सुनें
प्रेषक : हैरी बवेजा
‘देखो तुम मेरे बेटे से मिलो, उसे अपना बॉय फ्रेंड बना लो। बहुत हेंडसम है वो। मेरा तो अब समय चला गया है तुम जैसी लड़कियों से फ्लर्ट करने का…’ उन्होंने मुझे अपनी गोद से उठाते हुए कहा- देखो यह ऑफिस है। कुछ तो इसकी तहज़ीब का ख्याल रखा कर। मैं यहाँ तेरा बॉस हूँ। किसी ने देख लिया तो पता नहीं क्या सोचेगा कि बुड्ढे की मति मारी गई है।’
हैल्लो दोस्तो, मैं हूँ आपकी वही दिल्ली वाली दीपिका !
दोस्तो, नमस्कार ! आप सबने होली तो अच्छे से मनाई ही होगी। कई दोस्त तो अपने अनुभव मेल के जरिए बता रहे हैं, पढ़कर काफी मजा आ रहा है।
मेरे प्रिय दोस्तो,
मैं शाम को ठीक आठ बजे होटल शेराटन में एम-डी के सूईट में पहुँचा, तो वहाँ सिर्फ़ एम-डी और महेश ही थे और कोई नहीं।
कहानी के पहले भाग में आपने जाना कि साक्षी से मिलने मैं देहरादून गया। वहाँ हम एक होटल में ठहरे।
सलोनी- हाँ मामाजी.. आप सही कह रहे हैं… शाहरूख भाई ने होंठ चूसते हुए ही काफी अन्दर तक अपना लुल्ला डाल दिया था और फिर उतने लौड़े से ही मुझे चोदने लगे, उनका लण्ड मेरी चूत में अन्दर बाहर होने लगा। उन्होंने पेट पर सिमटी मेरी नाइटी को चूचियों से ऊपर तक उठा दिया और फिर मेरी दोनों चूचियों को कस कस कर अपनी बड़ी बड़ी हथेलियों में लेकर मसलने लगे।
🔊 यह कहानी सुनें
🔊 यह कहानी सुनें
चुत की रानियों और ठरकी सज्जनों को मेरा प्रणाम। मैं टोनी, सोनीपत हरियाणा से एक बार फिर अपनी दूसरी कहानी लेकर आप लोगों की सेवा मे हाजिर हूँ। मेरी पहली कहानी चाची की कामवासना और सेक्स को भरपूर प्यार देने के लिए आप लोगों का तहदिल से आभार। आप लोगों के आग्रह पर मैं ये मेरी दूसरी सच्ची कहानी लेकर आया हूँ। आशा है कि आप लोगों को ये भी जरूर पसंद आएगी।
हाय! दोस्तो मैं फिर वापस आ गया हूं अपनी अधूरी कहानी लेकर आप, लोगों ने मेरी कहानी को काफी पसंद किया और बहुत सारा मेल भी, इसके लिये धन्यवाद।
प्रेषक : रुबीन ग्रीन
बात उन दिनों की है जब मेरा दाखिला कॉलेज में हुआ ही था। भैया अधिकतर काम के सिलसिले में बाहर ही रहते थे। उन्होंने अपने पास मुझे शहर में बुला लिया था। उनके आये दिन बाहर रहने से भाभी बहुत परेशान रहने लगी थी। ऐसे में वो मेरा साथ पाकर खुश हो गई थी।
मेरी बीवी नताशा का पूरा चेहरा, मुंह, गर्दन, बाल वीर्य से ढक गए थे, वो भाग कर बाथरूम में घुस गई.
दोस्तो, मैं राज कोलकाता से… चोदन स्टोरीज का लेखक…
नमस्कार दोस्तो, मैं बैड मैन फिर से एक बार हाजिर हूँ आप लोगो के सामने, मेरी पिछली देसी हिंदी सेक्स कहानी
मूल लेखक : सिद्धार्थ वर्मा
योनि का दीपक- भाग 2
सारा ने कानों में झुमका, मांग में टीका और नथ पहन रखी थी और गले में एक बड़ा सा हार पहन रखा था. सच में बड़ी मादक लग रही थी.
मेरी कमसिन जवानी की कहानी में अभी तक आपने पढ़ा कि मेरे अंग्रेजी वाले टयूटर अंकल ने मुझे अपने जाल में फंसा लिया था और मुझे भी उनके इस जाल में फंसने में मजा आ रहा था.
दोस्तो, यह मेरी पहली चुदाई की पहली स्टोरी है जो मैं आपको बताने जा रहा हूँ.
प्रेषक : रमेश सिंह
अब तक आपने अर्श की सोच के बारे में जाना था अब आगे..