शरीफ चाची को अपना लंड दिखा कर चोदा-2
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मेरी ज़िंदगी के खट्टे-मीठे अनुभवों के क़द्रदान, मेरे प्यारे मित्रों और सहेलियो,
उस दिन जब हम बिग बाज़ार में थे तो अचानक मेरी पत्नी की नज़र एक सुंदर सी औरत पर पड़ी और उसने आवाज़ लगाई- रागिनी!
लेखक : राज कार्तिक
हैलो दोस्तो.. सभी चूतों को मेरे खड़े लंड का प्रणाम और सभी लंडों को नमस्ते।
मेरा नाम समर सिंह हैं, उमर 28 साल, लंबाई 5’11” और वो भी काफी लम्बा है.
एक बार मैं फिर हाजिर हूँ अपनी एक नई कहानी लेकर। दरअसल मैं जिस कंपनी के लिए काम करता हूँ वो एक प्रोफेशनल जिगोलो और एस्कोर्ट सुविधा देने वाली कंपनी है।
जानू जाओ न प्लीज ! अलग सा चेहरा बनाकर बोली।
प्रेषक : आसज़
मैं शर्मीला हीरो पटना बिहार से एक स्टोरी लेके आया हूं। जवान औरत से सेक्स करना और औरत को चोदना हर जवान लड़के का सपना होता है। मेरा भी था कि किसी अल्हड़, मस्त, जवान औरत की गांड और चूत मारी जाये और उसकी गांड में ज़बान डाल कर उसका रस चखा जाये। औरत की भरी-भरी कसी-कसी उठान लिये ब्लाउज़ में कैद दूध से भरी चूचियां हमेशा हिलते हुए मुझे अपनी ओर अकार्षित करती और मैं उनको दबाने के सपनो में खो जाता कि कब ब्लाउज़ के बटन खोल उन चूचियों को आज़ाद करुंगा, ब्लाउज़ के हुक खोल कर, ब्रा को हटा कर, दोनो चूचियां अपने हाथों में लेकर दबाउंगा। कब औरत के बूब्स, स्तन मेरे हाथों में आयेंगे? कब मैं भी उन निप्पलों को मुंह में लेकर पी पाउंगा? मोहल्ले की हर जवान, गोरी, सुन्दर और प्यारी भाभी के बारे में सोचता रात को ये कितना मज़ा लुटवाती होंगी और लंड की सवारी कर रोज़ जन्नत घूमने जाती होंगी। हर भाभी भी मुझसे बहुत घुली-मिली थी, कभी भी कोई काम होता तो उनका ये देवर हमेशा काम करने को तैयार रहता था।
Mama ki Naukrani ki Choot Chudai
लेखक : डैडली प्रिंस
सम्पादक जूजा
करीब एक महीने बाद की बात है। मैं सुबह ऑफिस पहुँचा तो देखा कि ऑडिट डिपार्टमेंट में एक नयी लड़की काम कर रही है। वाओ! कितनी सुंदर थी वो। वो करीब ५ फ़ुट ४ इंच की थी पर इस समय हाइ-हील की सैंडल पहने होने की वजह से ५ फ़ुट आठ इंच के करीब लग रही थी। गाल भरे-भरे और आँखें भी तीखी थी। उसने टाइट स्लीवलेस टॉप और टाइट जींस पहन रखी थी। कपड़े टाइट होने की वजह से उसके बदन का एक-एक अंग जैसे छलक रहा था। उसे देखते ही मेरे लंड में गर्मी आ गयी।
मेरी हिंदी पोर्न स्टोरीज में पढ़ें : मेरी नयी नयी जॉब लगी थी वहाँ पर मेरी एक सीनियर थी जिसकी मैंने माँ बनने में मदद की।
मेरी जवानी की हवस की कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मेरी कामवासना की आग ने मुझे कोई तगड़ा जानदार लंड खोजने पर मजबूर कर दिया. मुझे मनचाहा लंड मिल भी गया.
मेरा नाम जूही परमार है, मैं मुरैना की रहने वाली हूँ, पढ़ने में होशियार और होनहार लड़की हूँ। मैं एक छोटे से कस्बे से ताल्लुक रखती हूँ इसलिए एक बड़े शहर इंदौर में पढ़ने आई हूँ। इस शहर में मेरा कोई जान-पहचान वाला नहीं है तो मेरे पापा ने मुझे हॉस्टल में रुकने की आज्ञा दे दी थी।
लेखक : जय कुमार
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अब क्या होगा? मेरी पिटाई होने में अब तो बस प्रिया के जवाब देने की ही देर थी. मुझे मेरी पिटाई होना अब तय ही लग रहा था. मैं विनती भरी नजरों से प्रिया को देख रहा था.
सुबह मेरी नींद बाथरूम के शॉवर से गिरते हुए पानी की आवाज से खुली, जब मैं अपनी पूरे होश में आया तो पाया कि नीलू बाथरूम में नहा रही है।
प्रेषक : निखिल मेहरा
प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए
अब तक आपने पढ़ा कि मेरे दूध चूसने से मैडम मदहोश होने लगीं.. वे थोड़ी देर बाद अकड़ गईं।
रोहन मल्होत्रा