विज्ञान से चूत चुदाई ज्ञान तक-13
दस मिनट तक गाण्ड मारने के बाद विकास ने लौड़ा चूत में डाल दिया और रफ़्तार से चोदने लगा।
दस मिनट तक गाण्ड मारने के बाद विकास ने लौड़ा चूत में डाल दिया और रफ़्तार से चोदने लगा।
अब मैंने आगे बढ़ कर शशि भाभी को अपनी बाहों में ले लिया और उनके लबों पर ताबड़ तोड़ चुम्बन देने लगा और भाभी भी जवाबी चुम्मियां देने लगी।
अन्तर्वासना के पाठकों को आपकी अपनी अर्चना का नमस्कार ! आप लोगों के काफी सारे मेल मिले, मुझे ऐसी कई लड़कियों के मेल आये जो रंडी बनना चाहती थी।
हैलो दोस्तो, आपके लिए एक नई कहानी पेश है। बात तब की है, जब मेरी शादी हुई थी, शादी को अभी मुश्किल से 10-12 दिन ही हुये थे। हमारा तो अपना घर था मगर साथ वाले घर में कोई नए पड़ोसी आए थे, वो भी बस मियां बीवी थे।
प्रेषक : सन्दीप शर्मा
अब एक अन्तर मुझे समझ में आया कि जो कभी अपने घर से बाहर नहीं निकलती थीं.. वो मुझे अब अकसर नजर आने लगी थी। मेरी बातों का जबाब भी तुनक मिज़ाज़ में ही सही.. पर अब भाभी जवाब देने लगी थीं।
दोस्तो, मेरा नाम रोहित वर्मा है.. मैं भोपाल का रहने वाला हूँ.. अभी बारहवीं में पढ़ता हूँ।
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अब तक आपने पढ़ा..
मेरा नाम सनी सिंह है, मैं लुधियाना का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 20 साल.. कद 5 फुट 9 इन्च है। मेरा लंड 6 इन्च लंबा और 2.3 इंच मोटा है.. नापा हुआ है, एक साधारण शरीर और साधारण ‘अंग’ का मालिक हूँ।
हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम रेखा है. मैं अपनी कहानी आपको बता रही हूँ, कैसे मैं अपने बॉयफ्रेंड से चुदी. मेरी कहानी में कोई गलती हो जाए तो मुझे माफ़ कर दीजिएगा. आप सब मेरी कहानी के बारे में मुझे जरूर बताना कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी.
मेरी असिस्टेंट लीना की चुदाई करने के लिए मैं तड़फ रहा था, पर कोई मौका ही नहीं मिल रहा था।
दोस्तो… मेरा नाम अमन है, मैं चंडीगढ़ से हूँ।
दोस्तो, आज आप लोगों के समक्ष एक ऐसी कहानी प्रस्तुत कर रहा हूं जिसमें काफी इत्तेफाक हैं क्योंकि कभी-कभी जिंदगी भी इत्तेफाक के दम पर आगे बढ़ती है।
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राकेश है (बदला हुआ नाम) मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और पिछले कई साल से अन्तर्वासना पर प्रकाशित कहानियां पढ़ रहा हूँ. आज मैं अपनी गर्लफ्रेंड के साथ पहली बार सेक्स की सच्ची कहानी आपके सामने ला रहा हूँ. उम्मीद है आप सब दोस्तों को ये पसंद आएगी.
लेखिका : नेहा वर्मा
एक बार फिर मैं लव आप सभी प्यारे पाठकों का स्वागत करता हूँ अपनी कहानी
प्रेषक : जो हन्टर
नितिन कुमार
लेखक : मिथिलेश
सम्पादक जूजा
दोस्तो, मैं संजू आर्यन कुमार एक बार फिर से आप लोगों के लिए एक नई और सच्ची कहानी के साथ हाजिर हूँ. ये कहानी मेरी नहीं है, बल्कि मेरे एक पाठक की कहानी है, जिसे मैं अपने शब्दों के के साथ आप सब तब पहुँचा रहा हूँ. मैं उम्मीद करता हूँ कि मेरी बाकी कहानियों के जैसे ही आप सब इस कहानी को भी अपना प्यार देंगे.
दोस्तो, मेरा नाम अर्पित है, उम्र छब्बीस वर्ष और मैं नोएडा का रहने वाला हूँ। दिखने में बिल्कुल सामान्य हूँ लेकिन अपनी काबिलियत से मैं हमेशा सबका चहेता रहा हूँ। मैंने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है और बहुत ही अच्छी जॉब में हूँ, यह मेरी पहली सच्ची कहानी है, विश्वास है कि आप सभी को पसंद आएगी।
‘क्या आप इस संडे को मिल सकते हैं?’ उसने एक पल भी गँवाए बगैर पूछा।
मैं 24 साल की हूं।