Incest – दूसरी चूत-2 – मेरी बहन की चूत
प्रेषक : माय विश
प्रेषक : माय विश
हमारे गाँव में पवन के पिताजी की करियाने की दुकान थी। वह अपने पिताजी की तरह मोटू व अकड़ू था। मेरे पिताजी नगर की नगरपालिका में क्लर्क थे, रोज छः किलोमीटर साइकिल चला कर दफ़्तर जाते और शाम को घर लौटते। पवन के अतिरिक्त हमारे साथ में वह भी खेलती थी- पड़ोस की हमउम्र नाजुक-नरम सी लड़की।
हाय दोस्तो, मुझे हिंदी लिखनी नहीं आती पर कोशिश कर रहा हूँ, मेरी गलतियों को नज़रान्दाज़ कर दें।
सुबह के लगभग 8 बजे हैं। रात को थोड़ी बारिश हुई थी इस वजह से मौसम आज थोड़ा खुशगवार (सुहावना) सा लग रहा है। अक्सर ऐसे मौसम में मधुर नाश्ते में चाय के साथ पकोड़े बनाया करती है। पर आजकल तो मधुर के पास मेरे लिए जैसे समय ही नहीं है। मधुर तो कब की स्कूल जा चुकी है.
यह कहानी मेरे साथ हमबिस्तर हो चुकी औरत की है.. जिसे मैंने हचक कर चोदा था। उसकी सच्ची कहानी को मैंने अपने शब्दों में ढाला है.. उसी की जुबानी सुनिए।
मेरा पुराना आशिक मेरे होने वाले पति को बता रहा था कि कैसे उसने अपने रिश्तेदार से मिल कर मेरी चूत और गांड की चुदाई की थी.
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इधर मैं सैंडविच खत्म कर चुका था..
प्रेषिका : स्लिमसीमा
प्रेषक : नीलिमा यादव
मैं फहमिना आप सबके सामने हाजिर हूँ, एक नई दिलचस्प कहानी मेरे एक प्रशंसक ने भेजी है, मज़ा लीजिये।
मैंने घड़ी देखी तो शाम के पांच बजे रहे थे, यह मेरे पड़ोसी के बेटे चिंटू के आने का समय था, उसे मैं केमिस्ट्री की ट्यूशन पढ़ाती हूँ। कैसे पढ़ाती हूँ, वो आप लोगो को भी बताऊँगी।
प्रेषक : फ़्लाई फ़्री
अन्तर्वासना हिन्दी सेक्स स्टोरीज के मेरे प्यारे पाठको, कैसे हैं आप सब!
अन्तर्वासना के पाठकों को एक बार फिर से मेरा प्यार और नमस्कार! अपने बारे में ज्यादा ना बताते हुए क्योंकि कहानी के पहले भाग में मैं अपने बारे में बता चुका हूँ, मैं अपनी कहानी आगे बढ़ाता हूँ .
लेखक : लीलाधर
दोस्तो, मेरा नाम जय है और मैं जयपुर में रहता हूँ. मैं अपनी पहली कहानी अन्तर्वासना पर शेयर करने जा रहा हूँ. ये मेरी ट्रू सेक्स स्टोरी है.
जूही परमार
दोस्तो, मेरी पिछली कहानी में मैंने बताया था कि कैसे मेरा ठिकाना लखनऊ में हुआ और फिर यहाँ जो ननद-भाभी की चूत के दर्शन सुलभ हुए तो वारे न्यारे हो गए और बाद में जब दोनों के बीच सब कुछ साफ़ हो गया तो मेरी उँगलियाँ समझो कि घी में तैर गईं।
अन्तर्वासना की गर्म चूत वालियों को और खड़े लंड वालों को उदय का नमस्कार!
नमस्कार मित्रो, मैं परीक्षित कुमार, आपके समक्ष उपस्थित हूँ बहुत दिनों के बाद मेरी नई फ्री हिंदी सेक्स स्टोरी के साथ. काम, परिवार के साथ समय का कुछ पता ही नहीं चलता है.
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार.. एक बार फिर से मैं आप सभी के लिए कहानी लेकर आई हूँ। आज की यह कहानी मेरी नहीं है.. बल्कि मेरे एक दोस्त की है.. तो आइए मेरे इस दोस्त की कहानी उसी जुबानी सुनते हैं।
प्रेषक : विजय
Meri Mazedar Sexy Shararat
कुलदीप दहिया