सलहज इतनी हसीं कि दिल मचल गया-1
यह कहानी मेरे एक मित्र की है, उसी के शब्दों में पेश कर रहा हूँ।
यह कहानी मेरे एक मित्र की है, उसी के शब्दों में पेश कर रहा हूँ।
एक दिन असलम एक रोबोट लेकर आया। वह रोबोट झूठ पकड़ सकता था और झूठ बोलने वाले को गाल पर खींचकर चांटा मार देता था।
लेखिका : कामिनी सक्सेना
मेरे प्रिय अन्तर्वासना के पाठको,
Air Hostess – हवाई सुन्दरी
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यह देसी कहानी मेरे और मेरी बचपन की दोस्त पूनम (काल्पनिक) की है. वो एक सांवली सी देसी लड़की थी और उसके चूचे छोटे छोटे नींबू जैसे लेकिन बहुत सख्त थे. हम दोनों एक ही स्कूल से पढ़े हैं और एक दूसरे से बहुत प्यार भी करते थे. स्कूल के दिनों में हम रोज किस किया करते थे पर कभी आगे कुछ नहीं कर पाए. मैं हमेशा उसको चोदने के सपने देखा करता था. स्कूल के बाद मैं आगे की पढ़ाई के लिए देहरादून आ गया.
अब तक आपने इस ससुर बहु सेक्स की कहानी में पढ़ा कि मोना ने राजू का मरियल लंड ये सोच कर चूसा था कि उसकी चुत की खाज किसी तरह मिट जाएगी.. पर उसका लंड ढीला पड़ जाने से मोना नीचे आ गई और नीचे काका उसके कमरे में बैठे थे वे उसकी इस हरकत को देख चुके थे। ये जान कर मोना ने रोने का नाटक शुरू कर दिया।
मेरा नाम देवांग है, मैं 27 साल का कुंवारा लड़का हूँ।
12 साल पहले मेरी पत्नी की मृत्यु हो गई थी और उसके बाद से मैंने किसी महिला के साथ यौन सम्बन्ध नहीं किया.
तीन चार किलोमीटर चलने के बाद मैंने देखा कि सड़क से कुछ दूर पर कोई खड़े होकर शायद आवाज़ दे रहा है।
लेखिका : उषा मस्तानी
अब एक तरफ तो पापा धीरे धीरे धक्के लगा रहे थे और उनके दोनों हाथ अब कभी मम्मी के अमृत कलशों पर, कभी कमर पर, कभी पीठ पर चल रहे थे और उनके होंठ मम्मी के होंठों से चिपके हुए थे, कभी पापा के होंठ मम्मी के गालों पर फिसल जाते तो कभी गर्दन पर और कभी गर्दन के पीछे वाले भाग पर, कभी कानों पर आ जाते तो कभी कंधों पर तो कभी मम्मी की छाती पर आकर लगातार अपना काम किये जा रहे थे, जिससे पूरे कमरे में पुच पुच की आवाज आ रही थी।
प्रेषिका : श्रुति
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अब तक आपने पढ़ा कि मालती और श्यामा ने मुझे एक लड़के के लंड से चुदवा ही दिया था.
दोस्तो, मैं आपकी पुरानी सहेली सीमा सिंह… मैं चंडीगढ़ में रहती हूँ. आज मैं बहुत दिनों बाद आपको कोई कहानी सुनाने जा रही हूँ।
प्रेषक : सोनू चौधरी
पहले अमन ने मेरी माँ का ज़ोर का चुम्मा लिया और उसके मम्मे दबाए। मेरी माँ की दर्द के माँरे आँखें फट गईं लेकिन मुँह बंद होने की वजह से कुछ बोल नहीं पाईं।
मेरा नाम राम सिंघानिया है, मैं जयपुर का रहने वाला हूँ. जयपुर में मेरा शानदार बंगला है और केमिकल की फ़ैक्ट्रियाँ हैं, एक्सपोर्ट का बहुत बड़ा कारोबार है.
अन्तर्वासना के सभी दोस्तों को अरुण का नमस्कार!
अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि सुमन ने अपने पापा से फैशनेबल कपड़ों को लेकर डांट खाई थी। इससे पहले मोना की सुधीर से बात हो गई थी और वो आज सुधीर से चुदने के मूड में उसका इन्तजार कर रही थी।
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अब तक आपने पढ़ा..