अंगूर का दाना-5
प्रेम गुरु की कलम से
प्रेम गुरु की कलम से
प्रेषक : शशांक
मैं एक बार झड़ भी चुकी थी पर मेरा जोश कम नहीं हुआ था, तभी केन और जेम्स ने लंड को बाहर निकाला और उन्होंने मुझे नादिया की गांड को चाटने के लिये कहा।
मेरा नाम दीपक है (बदला हुआ नाम)। मैं अलीगढ़ से हूँ.. मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ। मेरी लंबाई 5 फीट 9 इंच है.. रंग साफ़ है.. मैं दिखने में स्मार्ट लगता हूँ।
दोस्तो, जैसा कि आपने मेरी कहानी
प्रेषक : सैम
दोस्तो, मैं कमलप्रीत, आज एक नई कहानी आपकी नजर कर रहा हूँ।
वो डर सी गई और मुझे मनाने लगी- प्लीज़ अजय, ऐसे मत कहो! चलो ठीक है, जो आप कहोगे मैं वही करुँगी, प्लीज़ मान जाओ!
हैलो दोस्तो, यहाँ कहानी मेरी एक पड़ोसन की है, उसने मुझे बताई थी, आपके सामने पेशा है उसी के शब्दों में:
अन्तर्वासना पर चुदाई की कहानी के पाठक दोस्तो,
हाय मैं फरजान 39 बड़ोदा से!
अब तक आपने पढ़ा..
इस कहानी का पिछला भाग: कामवासना पीड़िता के जीवन में बहार-2
दोस्तो, मेरा नाम वीरेन्द्र है.. बीकानेर का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 22 साल है और अभी सीए फाइनल कर रहा हूँ और अभी जोधपुर अपनी पढ़ाई के लिए रहता हूँ।
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निशा शाह
चुत की रानियों और ठरकी सज्जनों को मेरा प्रणाम। मैं टोनी, सोनीपत हरियाणा से एक बार फिर अपनी दूसरी कहानी लेकर आप लोगों की सेवा मे हाजिर हूँ। मेरी पहली कहानी चाची की कामवासना और सेक्स को भरपूर प्यार देने के लिए आप लोगों का तहदिल से आभार। आप लोगों के आग्रह पर मैं ये मेरी दूसरी सच्ची कहानी लेकर आया हूँ। आशा है कि आप लोगों को ये भी जरूर पसंद आएगी।
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मेरा नाम मालिनी है, यह मेरी पहली कहानी है. सबसे पहले मैं अपनी कहानी के पात्रों का परिचय देना चाहती हूँ.
दोस्तो, मैं नीतीश, अन्तर्वासना का बहुत बड़ा फैन हूँ। मैं करीब 15 वर्ष से अन्तर्वासना में कहानियाँ पढ़ रहा हूँ। बहुत दिनों से मेरे मन में भी ये विचार आ रहा था कि मैं भी अपनी प्यार की कहानी अन्तर्वासना पर भेजूँ। खैर, आज मैं अपनी चुदाई की कहानी आप सबों के साथ बाँटने जा रहा हूँ।
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नमस्ते दोस्तो, मैं राजीव खंडेलवाल जालना महाराष्ट्र में रहता हूँ. मेरी उम्र 40 साल है और शादीशुदा हूँ. मेरी हाइट 5 फुट 3 इंच और हथियार 6 इंच का है. मेरी सेक्स लाइफ अच्छी चल रही है.
प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना
अब मुझे भी अहसास हो गया था कि अब यह चुदने को पूरी तरह तैयार है जो उसके मेरे सीढ़ी चढ़ने पर कहे शब्दों से और सिद्ध हो गया- बाबू, चल तो रही हूँ।