गैर मर्द की बाँहों में एक बार फिर
गैर मर्दों की बाहों में मिलता है सुख-2
गैर मर्दों की बाहों में मिलता है सुख-2
पूरी दुनिया ऑनलाइन होने की ओर भाग रही है। बची खुची कसर मेरे मोहल्ले के धोबी और नाई ने अभी हाल ही में पूरी कर दी। कल मैं प्रेस के लिए कपड़े डालने गया तो पाया कि उस दुकान का नया नामकरण हो गया है- सफेदधुलाईकॉम।
चुत चुदाई स्टोरी की इस साईट पर आप सबको मेरा नमस्ते.. मेरा नाम दीपक है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरे परिवार में मॉम-डैड, दीदी और मुझे मिला कर हम 4 लोग हैं।
मधु ने अपना पर्स खोला और मेरे लंड को चूम कर बोली- जाओ इसकी चूत की खुजली को शांत कर दो!
प्रेषक : सैम्यूल जेम्स
गब्बर- बसंती, चड्डी उतार !
हैलो अन्तर्वासना के सभी रीडर्स, मेरा नाम समीर चौधरी है, मैं चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ. मैं पिछले 5 साल से अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ. यह सेक्स कहानी मेरे और मेरी सगी मौसी के सच्चे शारीरिक सम्बन्धों के बारे में है.
मैं एक बार झड़ भी चुकी थी पर मेरा जोश कम नहीं हुआ था, तभी केन और जेम्स ने लंड को बाहर निकाला और उन्होंने मुझे नादिया की गांड को चाटने के लिये कहा।
आपकी सारिका कंवल
प्रेषक : सोनू चौधरी
अन्तर्वासना के सभी पाठक-पाठिकाओं को प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों आपने हमारी कहानियां ‘चूत की सील टूटने का अहसास’ व ‘चूत-चुदाई की सेवा’ पसंद की.. इसके लिए आपका धन्यवाद और इस्सी के साथ-साथ अन्तर्वासना का मैं बहुत आभारी हूँ.. जिसके माध्यम से मेरी कहानी आप तक पहुँची।
हैलो दोस्तो, मैं आपका राज.. नई दिल्ली से हूँ.. मैं 5’9” की हाइट का हूँ.. रंग गोरा और बॉडी एकदम कसरती है क्योंकि मैं रेग्युलर जिम जाता हूँ।
प्रेषक : रवि भुनगे
मैं अंशुल 21 साल का हूँ, मेरठ में रहता हूँ। मैं अन्तर्वासना पर काफी समय से कहानी पढ़ रहा हूँ इसलिए सोचा कि इस बार अपनी भी कोई कहानी भेजूँ ! यह बिल्कुल सच्ची कहानी है।
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अन्तर्वासना के सभी पाठकों और गुरुजी को मेरी तरफ से यानि कि पम्मी की तरफ से प्रणाम ! यह अन्तर्वासना पर मेरी तीसरी कहानी है। लोगों की चुदाई की कहानियाँ पढ़ पढ़ कर चूत गीली हो जाती है। पहली कहानी में जिस तरह मैंने बताया था कि मेरे पति एक फौजी हैं। और मेरे घर में काम करने वाले एक सीरी ने किस तरह दोपहर में मेरी प्यास बुझाई ! आज मैं वहीं से आगे शुरु करने जा रही हूँ।
कुछ अधूरा सा-1
सभी गीली चुत और खड़े लंड को सलाम!
हम लोग शहर की घनी आबादी के एक मध्यम वर्गीय मुहल्ले में रहते थे। वहां लगभग सभी मकान दो मंजिल के और पुराने ढंग के थे और सभी घरों की छतें आपस में मिली हुई थी। मेरे घर में हम मिया बीवी के साथ मेरी बूढ़ी सास भी रहती थी। य्ह कहानी मेरे पड़ोस में रहने वाले एक लड़के राज की है जो पिछ्ले महीने से ६-७ हमारे साथ वाले घर में किराये पर रहता था। राज अभी तक कुंवारा ही था और मेरा दिल उस पर आ गया था।
अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि पूजा की छोटी सी बुर संजय का मोटा लंड सहन नहीं कर पाई और वो चिल्ला पड़ी.
हैलो दोस्तो, नमस्कार!
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अगले दिन सुबह दोनों को नाश्ते पर देखकर ऐसा नहीं लगा कि दोनों इस तरह की हैं.