पैसों के लिए शादी कर बैठी-3
सबको प्यार भरी नमस्ते, इस नाचीज़ सीमा की खूबसूरत अदा से प्रणाम!
सबको प्यार भरी नमस्ते, इस नाचीज़ सीमा की खूबसूरत अदा से प्रणाम!
दोस्तो, मेरा नाम राकेश उर्फ़ रॉकी है. मैं दिल्ली में रहता हूँ. मेरे घर में मेरे मम्मी पापा और मेरी बड़ी बहन रूबी है. मेरी उम्र 28 वर्ष है. मेरी बहन इस समय 30 वर्ष की है. यह घटना आज से लगभग 10 साल पहले की है. बहुत हिम्मत करके आप सब को यह कहानी भेज रहा हूँ. कृपया अपने विचार मुझे पर जरूर भेजें.
अब तक आपने पढ़ा कि कैसे सचिन ने दिन में ही मौका देख कर अपनी बहन को चोद दिया था। उसे रूपा और पंकज के रिश्ते के बारे में पता नहीं था इसलिए उसने सोनाली से ये वादा भी करवा लिया था कि वो अपने पति और उसकी बहन की चुदाई करवाने में सचिन की सहायता करेगी।
दोस्तो मैं अरुण.. दिल्ली से आपके सामने एक बार फिर अपनी गर्लफ्रेण्ड के साथ हुई आगे की चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ।
अभी तक आपने पढ़ा कि मैं मौसी को पटाने की कोशिश कर रहा था और शादी में जगह की कमी के कारण मौसी को मेरी बगल में ही सोना पड़ा. मैं इस मौके को भुनाना चाहता था.
प्रेषक : मुकेश कुमार
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मेरी ओर देखते हुए निशा बोली- अब तो कुछ बताओ अपने बारे में..
अब तक आपने पढ़ा कि कैसे पत्नी अपने भाई से चुदवाने के सपने देख रही थी और उधर भाई अपनी माँ को नंगी देख कर मुठ मार रहा था। इन सब से घर मे चुदाई का माहौल और भी गर्म हो गया था। ऐसे में एक दिन सचिन ने सोनाली को कॉल किया।
परी की कुंवारी सुरीली चूत
इस कहानी का पहला भाग राज की कहानी
चूँकि मैं अपने पति ॠषभ का स्वभाव जानती थी, इसलिए नवीन के लौड़ा को देखने के बाद मैंने मन में ठान लिया था कि मैं ॠषभ को सब कुछ बता कर नवीन से चुदवाऊँगी।
दोस्तो, मेरा नाम हर्ष चौधरी है और सभी मुझे प्यार से हर्षु कह कर बुलाते हैं। मेरा घर तो हरियाणा में है परंतु मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ता हूँ और हर रोज आना जाना दूर पड़ता है इसलिए मैंने कॉलेज के पास में ही एक रूम किराये पर ले लिया रहने के लिए।
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सारिका कंवल
फ्रेंड्स, आप सभी को प्रेम का नमस्कार!
दोस्तो, मेरा नाम आकाश है,19 साल का हूँ और मैं दिल्ली के पीतमपुरा में रहता हूँ।
अन्तर्वासना के पाठकों को अंश बजाज का नमस्कार!
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इमरान
अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार.. मेरी पिछली कहानी को आप सबसे मिले प्रोत्साहन के लिए मैं आप सब लोगों का आभारी हूँ।
दोस्तो,
कहानी का पिछ्ला भाग : धोबी घाट पर माँ और मैं -11
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा सलाम।