थ्री ईडीयट्स-1
प्रेषक : जो हण्टर
प्रेषक : जो हण्टर
अब तक आपने पढ़ा था कि मुझे डिल्डो से अपनी चूत की खुजली मिटवाने की आदत पड़ चुकी थी.
नमस्कार दोस्तो, मैं सोनाली आज अपनी कहानी का दूसरा भाग ‘मॉम सन सेक्स स्टोरी’ लेकर आपके सामने उपस्थित हूँ, उम्मीद है कि आपको पिछले भाग की तरह यह भाग भी पसंद आएगा।
प्रेषक : अंशु
अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि मोना को एक साधु की वजह से कुछ चिंता हो गई थी और वो काका से इस समस्या के बारे में कुछ जानना चाह रही थी।
प्रेषक : सोनू चौधरी
हैलो फ्रेंड्स, मैं राजवीर (बदला हुआ नाम) हूँ, ये रंडी की चुदाई की सेक्स स्टोरी कुछ दिन पहले की है, जिसमें एक चालू लड़की हम 5 दोस्तों के साथ चुदी थी.
लेखक : इमरान
हैलो मेरा नाम कृष्णा है.. मैं उ.प्र. के फ़िरोज़बाद का रहने वाला हूँ।
समस्त चूतों को समस्त लंडों की तरफ से सलामी!
मैं सबसे पहले गुरूजी का धन्यवाद करता हूँ कि मेरी कहानी काम में मज़ा आया? को अन्तर्वासना पर जगह दी।
सम्पादक – इमरान
प्रेषक : अनुज अग्रवाल
रात का खाना खा कर जब मैं सोने के लिए बिस्तर पर लेटा तब पापा फ़ोन पर किसी से बात कर रहे थे और उनकी बातों एवं चेहरे के हावभाव से मुझे अंदेशा हुआ कि वे ऋतु आंटी के साथ रात का कार्यक्रम तय कर रहे थे।
दोस्तो, मेरा नाम राशिद खान है और मैं 52 साल का हट्टा कट्टा पठान मर्द, मुज्जफरपुर में रहता हूँ। कद है 5 फीट 10 इंच रंग सांवला, चौड़ा सीना और भरपूर बदन का मालिक हूँ, अब दुकानदार बंदा हूँ, तो सारा दिन दुकान पर बैठ बैठ कर तोंद निकल आई है, वरना जवानी में तो मेरा जिस्म देखने लायक था।
प्रणाम साथियो.. मेरी यह कहानी कोई गढ़ी हुई हिन्दी सेक्स स्टोरी नहीं है.. बल्कि मेरे साथ हुई एक सच्ची घटना है।
सम्पादक – जूजा जी
भाभी बोली- ठीक है, नहीं बोलूंगी!! अब जाओ और मुझे पढ़ने दो, रात को नौ बजे आना, मैं तुम्हें तुम्हारी किताब वापस कर दूंगी!
चुदाई का शौक-1
प्रिय पाठको नमस्कार !
अन्तर्वासना पर चुदाई की कहानी के पाठक दोस्तो,
कैसे हैं मित्रो… देरी के लिए माफ़ी चाहता हूँ, वैसे कसूर मेरा नहीं है, इस देरी की वजह है रेणुका जी और वंदना… उन दोनों की वजह से ऐसा व्यस्त हो गया हूँ कि अपनी कहानी आगे लिखने का वक़्त ही नहीं मिल रहा था।
अपने कहे अनुसार अब पूजा की कहानी पर आता हूँ।
मैं चाह कर भी उसे नज़र अंदाज़ नहीं कर सकता था। मैं उसके नग्न बदन को देखता रहा जब वो मेरे साथ शॉवर में नहाने के लिये आ रही थी। उसके कोमल हाथ मेरे शरीर पर साबुन लगा रहे थे और वो अपने कोमल हाथों से मेरे लौड़े को धो रही थी और उससे खेल रही थी। उसके चूचक तने हुए थे और मेरा लौड़ा भी धीरे धीरे खड़ा हो रहा था।
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार. मैं रौनक हिन्दी सेक्स कहानियों का नियमित पाठक हूं. सुख दुःख को कोई बांटने वाला होना चाहिए, तभी तकलीफ को कम और खुशी को बढ़ाया जा सकता है.