योगेश का लौड़ा-2
मैं एक शाम घर में बैठा-बैठा बोर हो रहा था कि मुझे योगेश का एस एम एस आया।
मैं एक शाम घर में बैठा-बैठा बोर हो रहा था कि मुझे योगेश का एस एम एस आया।
Lucknow ke Navab ki Chudas-2
मेरा नाम प्रेम है, मैं आपको अपने दोस्त की कहानी बताने जा रहा हूँ, उसका नाम आयुष है, वो दिखने में सुन्दर व आकर्षक है। वो देखने में ऐसा है कि जो लड़की उसे एक बार देख ले.. उस पर मर मिटती है, वो ऐसा ही करिश्माई लड़का था।
हेलो, मैं हूँ गोपी ! जी हाँ, मैं ही हूँ आपकी जानी पहचानी नाजुक सी, सदा खिलखिलाती सी गोलू मोलू सी गोपी भाभी !
दोस्तो, यह मेरी प्रथम आपबीती और अनुभव है क्योंकि इससे पहले मुझे सेक्स का कोई न तो अनुभव था न कोई किताब या कहानी पढ़ी थी। बस दो या तीन कहानियाँ अपने दोस्त राम के साथ छुप कर ज़रूर पढ़ी थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं था कि कोई इच्छा हो या मन करता हो कुछ करने का, क्योंकि मैं कुछ जानता ही नहीं था।
“मुझे सिगरेट की महक बड़ी अच्छी लगती है …. वैसे तुम लोगों ने जो बोतलें किचन के कबाड़ वाले केबिन में छुपाई हैं …. वे भी देखी मैंने। कहो तो ले आऊं …. मेरी वजह से तुम्हारे शौक क्यों मरें। भाई ने बताया था कि रोज रात को पीने की आदत है तुम लोगों को!”
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गाण्ड मराये बेगम दण्ड भरे गुलाम – मतलब किसी के गुनाह की सजा किसी दूसरे को देना यानि चोरों का दण्ड फकीरों को।
सभी मचलती चूतों और खड़े लण्डों को विशू तिवारी का नमस्कार! दोस्तो, मैं अन्तर्वासना की कहानियाँ विगत 4 वर्षों से पढ़ रहा हूँ. अन्तर्वासना में प्रकाशित सभी कहानियाँ बहुत ही अच्छी हैं. जहाँ तक मेरा मानना है कि इसमें प्रकाशित लगभग सभी (90 प्रतिशत तक) कहानियाँ बिल्कुल सत्य हैं.
अब तक की इस चुदाई की कहानी में आपने पढ़ा कि चाचा ने मेरी गांड में अपना माल छोड़ दिया था और उनकी जगह अब दिनेश ने ले ली थी. अब दिनेश मेरी गांड मार रहा था और मनोहर मेरी चूत में अपना मूसल पेले हुए मुझे धकापेल चोदे जा रहा था.
सभी अन्तर्वासना के पाठकों को मेरी और मेरी चिकनी गीली चूत, गोल-मोल गांड, मम्मो की तरफ से टाँगे चौड़ी करते हुए नमस्कार! गुरुजी आप सच में बहुत महान हो जो ऐसी वेबसाइट शुरु की है जिस पर सर्फिंग कर कोई भी इंसान बोर नहीं होता, लोग अपने बिस्तर की कहानियाँ सबके सामने लाते हैं, जिन्हें पढ़ कर औरतों की चूतें गीली होती हैं, मर्दों के लंड हिल-हिल कर सलामियाँ देने लगते होंगे.
मैंने मुस्कुरा कर कहा- अगर तुम मेरे सामने अपनी पैन्टी भी खोल कर अपना बदन पोंछो… तो ! असल में मैं तुम्हारी बुर पर निकले बालों को देखना चाहता हूँ, कभी तुम्हारे जैसी लड़की की बुर नहीं देखी है न आज तक !
मेरा नाम विशाल है, मैं अकोला का रहने वाला हूँ।
एक बार सन्ता खुद का हाथ चाकू से काट रहा था।
प्रेषक : सुमीत
Bahan Ke Sath Prem-leela-12
अभी तक आपने पढ़ा कि मैंने रवि के घर जाकर उसके साथ खाना खाया और उसको अपने दिल की बात बताने की कोशिश की लेकिन उसके दिल में मेरे लिए क्या था, मैं नहीं जान पाया था। वो मेरी परवाह तो करता था लेकिन मेरे अंदर जो लड़की बैठी थी, वो अपनी पलकें बिछाए उस बादल के बरसने के इंतज़ार में गांडू जिंदगी की कड़ी धूप में टकटकी लगाए उसकी आखों में असली प्यार की एक बूंद के लिए तरसती हुई देखती रहती थी कि कभी तो एक बूंद बरसे और उसका ये बरसों का इंतज़ार खत्म हो जाए।
सम्पादिका : तृष्णा
हैलो फ्रेंड्स.. मेरा नाम अमित है.. मैं कोलकाता का रहने वाला हूँ।
दोस्तो.. मेरा नाम सुमित है और मैं आगरा से हूँ। मैं एक बार फिर से एक और नई कहानी लेकर हाजिर हूँ। आप लोगों ने मेरी पहली कहानी को बहुत अच्छा रेस्पॉन्स दिया उसके लिए आप सभी का शुक्रिया।
प्रेषक : संजय शर्मा
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अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि राजू जवान विधवा राधा की की प्यासी चुत के बारे में काका को बता रहा था।
अब तक आपने पढ़ा..