ट्रेन में मिले एक गांडू अंकल Hindi Gay Story
ये कहानी आज से सिर्फ 2 महीने पहले की है, जो एकदम सत्य घटना है उसी पर मैं ये नोन वेज हिंदी गे स्टोरी लिख रहा हूँ. इसमें एक प्रतिशत भी झूठ नहीं लिखा गया है.
ये कहानी आज से सिर्फ 2 महीने पहले की है, जो एकदम सत्य घटना है उसी पर मैं ये नोन वेज हिंदी गे स्टोरी लिख रहा हूँ. इसमें एक प्रतिशत भी झूठ नहीं लिखा गया है.
आप “कानून के रखवाले” कहानी के ग्यारह भाग पढ़ चुके हैं !
हमारे साथ जो कुछ गलत होता है, अनर्थ होता है। उसके पीछे हमारी गलत सोच ही अपनी अहम भूभिका निभाती है। हम अपनी गलती का कभी स्वीकार नहीं कर पाते और दूसरों पर दोष थोपकर किनारा कर जाते हैं।
दोस्तो, मेरा नाम नीरज है और मैं देश की राजधानी दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र अब 27 साल है. दिखने में लंबा चौड़ा यानि 5 फुट 10 इंच, मेरा लंड काफी लंबा मोटा है.
मेरा नाम है वरिंदर, मैं गाज़ियाबाद का रहने वाला हूँ, मैं अन्तर्वासना का बेहद शौक़ीन आदमी हूँ। इसकी हर चुदाई को पढ़-पढ़ कर मुझे बहुत आनंद आता है।
सम्पादक – जूजा जी
Biwiyon Ki Adla Badli- Wife Swapping
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मेरा नाम समीर है और मैं एक कॉल-ब्वॉय हूँ। अकेली और कामपिपासु महिलाओं और लड़कियों की चुदाई करना मेरा काम है। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ मेरा लण्ड 8 इंच का है। मैं एक अच्छे सुडौल और कसरती जिस्म का मालिक हूँ।
हेलो !
लेखक : सुमीत कुमार
अब तक आपने पढ़ा कि मैं अपने भाई के लैपटॉप पर भाई भाभी की सेक्स वीडियो देख रहा था।
प्रेषक : संदीप नैन
अन्तर्वासना के पाठकों को आपकी प्यारी नेहारानी का प्यार और नमस्कार।
चूतनिवास
मैं जॉय लेनिन विजाग से, आपसे अपनी सच्ची सेक्सी एडल्ट स्टोरी शेयर करने जा रहा हूँ. ये सेक्स स्टोरी मेरी एक फ़ेसबुक फ्रेंड सुमीना के साथ की है, जो विजयवाड़ा के पास की एक सिटी में रहती है. वो नॉर्थ ईस्ट सिक्किम से है. उसके उम्र 40+ की होगी. हमारी दोस्ती फ़ेसबुक पर हुई. पहले सुमीना की बहन से मेरी फ्रेंडशिप हुई. उसके बाद सुमीना ने रिक्वेस्ट एक्सेप्ट की और हम अच्छे दोस्त बन गए और फ़ेसबुक में बहुत चैट करने लगे.
नमस्कार मित्रो, मैं आपका दोस्त जयेश मेरी आपबीती के साथ आपकी खिदमत में हाजिर हूँ। आशा है आप सभी तंदरुस्त होंगे और साथ ही आप जोरों में चुदाई भी कर रहे होंगे।
हमारे गाँव में पवन के पिताजी की करियाने की दुकान थी। वह अपने पिताजी की तरह मोटू व अकड़ू था। मेरे पिताजी नगर की नगरपालिका में क्लर्क थे, रोज छः किलोमीटर साइकिल चला कर दफ़्तर जाते और शाम को घर लौटते। पवन के अतिरिक्त हमारे साथ में वह भी खेलती थी- पड़ोस की हमउम्र नाजुक-नरम सी लड़की।
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विजय पण्डित
प्रिय अन्तर्वासना पाठको
मेरी इस सेक्स स्टोरी के पहले भाग
एक लड़का अपने माता-पिता को सेक्स करते देखा तो बोला- यह क्या कर रहे हैं?
अब तक आपने पढ़ा..
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