चाची की प्यास बुझाई-1
मैं भी अन्तर्वासना के लाखों चाहकों में से एक हूँ। मैंने यहाँ बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं। कुछ तो इतनी लाजवाब हैं कि पढ़ते-पढ़ते किसी का भी लण्ड खड़ा/चूत गीली कर दे।
मैं भी अन्तर्वासना के लाखों चाहकों में से एक हूँ। मैंने यहाँ बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं। कुछ तो इतनी लाजवाब हैं कि पढ़ते-पढ़ते किसी का भी लण्ड खड़ा/चूत गीली कर दे।
प्रेषक : बृज शर्मा
जब मैं दरवाजा बंद कर भाभी के पास गया तो भाभी ने मुझे अपने पास बुला लिया मैने देखा भाभी ने अपना ब्लाउज़ और ब्रा नहीं पहने हुए हैं, उनके गोरे-गोरे मम्मे ठीक निम्बु के आकार के हैं मैने भाभी से कहा इतने छोटे मम्मे में तो दूध ज्यादा नहीं होता होगा और छोटू का पेट भी नहीं भरता होगा? तो उन्होनें कहा नहीं ऐसी बात नहीं है मुझे यकीन ही नहीं आ रहा था तो उन्होनें कहा लो चेक कर लो, वो वहीं बेड पर लेट गई मैं उनके पास बेड पर झुक कर उनका दूध पीने लगा। ओह! उनका दूध तो वाकई मीठा था और दूध भी तेजी से निकल रहा था। भाभी के निप्पले भी तन गये थे अब मुझे अच्छा लग रहा था मैं भाभी के मम्मे तेजी से दबाने लगा भाभी भी आंख बंद कर न जाने क्या सोच रही थी, अब मैं भाभी से पूरी तरह सट गया और मेरे होंठ भाभी के होंठों से जुड़ गये, ये मुझे तब पता चला जब भाभी मुझे हटाते हुए अपने कपड़े ठीक करने लगी तभी मुझे छोटू के रोने की आवाज सुनाई दी। भाभी ने छोटू को उठा कर अपनी गोदी में ले लिया, हम वहीं बिस्तर पे बैठ कर बातें करने लगे, पता नहीं क्यों आज मुझे घर जाने का मन नहीं कर रहा था, तब भाभी ने कहा अब तुम जाओ अभी भैया आ जायेंगे, तुम कल जल्दी आना और ये सब तुम किसी से नहीं बताना।
मेरा नाम कुसुम है और मैं मेरठ की रहने वाली हूँ, उम्र 24 साल, गोरा रंग, कसा हुआ बदन, किसी भी लौड़े में जान डाल सकती हूँ, 5 फुट 5 इंच लंबी, कसी हुई छातियाँ, पतली सी कमर और गोल गोल चूतड़!
बिन्दू को गर्भ रह गया
हैलो फ्रेंड्स.. समय खराब करे बिना मैं अपनी कहानी पर आता हूँ.. वैसे भी मेरे बारे में जान कर भी आप लोग क्या करेंगे।
फ़ुलवा
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मैं श्रेया आहूजा फिर से आपके सामने पेश हूँ किशोरावस्था की एक गाथा लेकर..
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मेरी इस सेक्सी कहानी में आपने पिछले भाग में पढ़ा कि मैंने अपनी सेक्सी ममेरी बहन आलिया की चुदाई की इच्छा से उसको प्रपोज कर दिया था, लेकिन उसने मना कर दिया था. मैं रूठ कर अपने कमरे में घुस गया था और आलिया की बेचैनी का मजा लेते हुए सो गया.
हाय दोस्तो, मैं आज आपके सामने एक सच्ची हिंदी एडल्ट स्टोरी प्रस्तुत कर रहा हूँ जो मेरी अपनी मम्मी की है.
मेरा नाम मोहित है, मैं पुणे में रहता हूँ। मैं 25 साल का हूँ और औरतों को अपने लौड़े से मसाज की सेवा प्रदान करता हूँ।
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सुबह मैंने देखा कि प्रीती हाथ में चाय का कप लिये मुझे उठा रही थी, “उठो! कितनी सुबह हो गयी है, क्या ऑफिस नहीं जाना है?” उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि उसने हालात से समझौता कर लिया था। कल रात के किस्से को उसने अपना लिया था। मैं मन ही मन खुश हुआ पर ये मेरी खुशी कितनी गलत थी ये मुझे बाद में पता चला।
हैलो दोस्तो.. मेरा नाम त्र्यंबकेश (गोलू) है, मैं सिंगरौली (म.प्र) का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 20 साल है.. रंग गोरा.. कद 5’8″ का है। मैं एक मस्त शरीर का मालिक हूँ।
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दोस्तो, आज आपको मैं अपनी एक बड़ी पुरानी कहानी सुनाने जा रहा हूँ। यह बात तब की है जब मैं सिर्फ 18 साल का था। मैं, मेरा छोटा भाई और मम्मी पापा हम सिर्फ चार लोगों का परिवार था।
थोड़ी देर गांड मरवाने के बाद सुषमा बोली- यार मनोज, तुमने इस तरह का प्रोग्राम बना कर कई बीवियों के मन की इच्छा पूरी कर दी। वरना बिचारी एक ही लण्ड पे पूरी ज़िन्दगी निकाल देती हैं और तरह तरह के लण्ड के लिए हमेशा तरसा करती हैं।
आपने मेरी कहानी का पहला भाग
बस शहर से निकल कर गाँव की तरफ चल पड़ी, खस्ताहाल सड़क पर बस हिचकोले खाते हुए चली जा रही थी, वत्सला तो आसपास के नज़ारे देखने में मग्न थी और अपने मोबाइल से फोटो शूट करती जा रही थी, मैं उसका चक्षु-चोदन करता रहा, लार टपकाता रहा और वत्सला आस पास के नज़ारे देखने, उन्हें मोबाइल में कैद करने में लगी रही।
मेरा नाम अनु है, मैं यू पी की रहने वाली हूँ. मेरी उम्र 20 साल है और मेरी फीगर है 34-26-36. मेरी फीगर से आप अंदाजा लगा ही चुके होंगे कि मैं कैसी दिखती हूँगी. मेरे बूब्ज़ बिल्कुल तने हुए रहते हैं और मेरे हिप्स मेरा पॉइंट ऑफ़ अट्रैक्शन हैं एकदम गोल और पीछे को निकले हुए, बिल्कुल शेप में! इन्हें देख के बहुत सारे लोग मुझे लाइन मारते हैं और पटाने की कोशिश करते रहते हैं. मेरा रंग गोरा है और हाईट है 5 फुट 4 इंच.
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वो मेरे पड़ोस में रहने वाली 18 साल की लड़की है जो कक्षा 11 या 12 में पढ़ती है और शाम में कॉलोनी के बाकी बच्चों के साथ छुपा छुपी खेलते समय अक्सर मेरे घर में या आस-पास आकर छुप जाती है.
अचानक उन्होंने अपनी मुठ्ठी में बंद एक खूबसूरत लॉकेट मेरे गले में पहना दिया।